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किसान बिल: गोपाल यादव ने की चर्चा, बताया कैसे नुकसान पहुंचेगा इससे

सरकार की नीतियों पर हमला बोलते हुए कहा कि किसानों के अधिकार छीनने का काम कर रही है।

Newstrack
Published on: 13 Dec 2020 4:48 PM IST
किसान बिल: गोपाल यादव ने की चर्चा, बताया कैसे नुकसान पहुंचेगा इससे
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किसान बिल: गोपाल यादव ने की चर्चा, बताया कैसे नुकसान पहुंचेगा इससे (PC: social media)

इटावा: समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष गोपाल यादव ने किसान बिल पर चर्चा करते हुए बताया कि किसान बिल से किस प्रकार से किसानों को नुकसान होगा और भविष्य में यह बिल कैसे किसानों को नुकसान पहुंचाएगा। जिला कार्यालय पर चर्चा करते हुए बताया कि इस बिल में सरकार ने तीन प्रकार के बदलाव किए है। पहला यह कि उन्होंने कहा कि हमने रोक हटा ली है कहीं पर भी भेज सकता है तो मैं बताना चाहता हूं कि पहले भी किसान अपनी फसल अपने उत्पादन को कहीं पर भी बेच सकता था। इसकी आड़ में प्राइवेट मंडियां बनाने का रास्ता खोल दिया है।

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सपा कार्यकर्ता कचहरी में प्रदर्शन करेंगे

समाजवादी पार्टी कार्यालय पर कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग करके सपा जिलाध्यक्ष ने किसानों के समर्थन में कल के कार्यक्रम एवं रूपरेखा बताते हुए बताया कि कल सपा कार्यकर्ता कचहरी में प्रदर्शन करेंगे। किसानों के समर्थन में हम लोग लड़ाई लड़ेंगे। सरकार की नीतियों पर हमला बोलते हुए कहा कि किसानों के अधिकार छीनने का काम कर रही है।

दूसरा यह कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से किसानों को राहत मिलेगी जबकि इसका मतलब यह है कि प्राइवेट कंपनियां किसानों से कांटेक्ट करके उनकी फसल को खरीदेंगे जबकि वास्तविकता में यह पंजाब में पहले से ही चल रही थी तो उसके बहुत बड़े नुकसान हुए हैं जैसे कि यदि किसी कंपनी से किसान का कांटेक्ट हो जाएगा तो पहले से तय मूल्य होने के बाद यदि उस उत्पादन का बाजार मूल्य कम हो जाएगा तो कंपनी उसमें तमाम खामियां और कमियां निकाल कर उसको रिजेक्ट कर देंगे।

Etawah-sp Etawah-sp (PC: social media)

कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को कानून के दायरे से बाहर रखा गया है

जिससे किसान फिर उस फसल को कहां ले जाएगा उससे उत्पादन को बाजार में कहां बेचेगा क्योंकि बाजार सस्ता हो चुका होगा । इस तरह धोखा होगा। इसमे विवाद की स्थिति इसमें खत्म कर दी गई है। इस परेशानी से निपटने के लिए किसान किसी भी बड़े अधिकारी के पास भी नहीं जा सकता है क्योंकि इस कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को कानून के दायरे से बाहर रखा गया है। कंपनियों को पूरी मनमानी करने की छूट दी गई है इससे दीर्घकालीन बड़ा नुकसान होगा। इसमें सबसे पहले आढ़तिया खत्म होंगे उसके बाद किसानों से भी जमीन छीन जाएगी।

इस कानून को लाकर अब स्टॉक बढ़ाकर आदमी रख सकता इससे ब्लैक मार्केटिंग बढ़ेगी जिस पर अभी रोक लगी थी अब और भी ज्यादा पैसे वाला होगा वह बड़ा स्टॉक कर सकता है तो वह अपने हिसाब से मूल्य तय करके बाजार में महंगे दामों में बेचेगा। इससे आम आदमी को भी फर्क पड़ेगा। इससे किसान बंधुआ मजदूर अपनी ही जमीन में बन कर रह जायेगा।

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ब्लैक मार्केटिंग को लीगल कर दिया है

इस बिल को पास करने से पहले चर्चा करनी चाहिए थी जो कि नहीं कि है। इससे सरकार की मंशा साफ है कि ब्लैक मार्केटिंग को लीगल कर दिया है।

सरकार एमएसपी निर्धारित नही कर रही है। यदि वह सभी किसानों की फसल की एमएसपी निर्धारित कर दे तो किसान का शोषण बच सकता है लेकिन ऐसा सरकार क्यों नहीं कर रही है। इस बिल का विरोध किसानों के साथ आम आदमी को विरोध करना चाहिए।

इस मौके पर पूर्व सांसद प्रेमदास कठेरिया, जिला महामंत्री चंदन सिंह बघेल, नगर अध्यक्ष बसीम चौधरी, विधि प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष अश्विनी सिंह, चंकी यादव, जिला प्रवक्ता अमित सोनी, राहुल यादव, सहित तमाम कार्यकर्ता मौजूद रहे।

रिपोर्ट- उवैश चौधरी

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