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1.5 करोड़ की भेड़: लगी लंबी लाइन खरीदारों की, मालिक ने बेचने से किया मना

काबिले तारीख रूप और जबरदस्त गुणवत्ता वाले मांस के लिए फेमस ‘मेडगयाल’ नस्ल की एक भेड़ को 70 लाख रुपये में खरीदने की पेशकश हुई। लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि इस भेड़ के मालिक ने इसे बेचने से मना कर दिया और इस लाजवाज भेड़ की कीमत 1.5 करोड़ रुपये कर दी।

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Published on: 13 Dec 2020 10:04 AM GMT
1.5 करोड़ की भेड़: लगी लंबी लाइन खरीदारों की, मालिक ने बेचने से किया मना
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लाजवाज भेड़ की कीमत 1.5 करोड़ रुपये कर दी। जिससे सुनकर लोगों के होश उड़ गए। मेडगयाल नस्ल की भेड़ सांगली के जाट तहसील में पाई जाती हैं।

पुणे। महाराष्ट्र के सांगली जिले में अपने काबिले तारीख रूप और जबरदस्त गुणवत्ता वाले मांस के लिए फेमस ‘मेडगयाल’ नस्ल की एक भेड़ को 70 लाख रुपये में खरीदने की पेशकश हुई। लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि इस भेड़ के मालिक ने इसे बेचने से मना कर दिया और इस लाजवाज भेड़ की कीमत 1.5 करोड़ रुपये कर दी। जिससे सुनकर लोगों के होश उड़ गए। मेडगयाल नस्ल की भेड़ सांगली के जाट तहसील में पाई जाती हैं तथा अन्य नस्लों की तुलना में इस भेड़ का आकार बड़ा होता है। बेहद खूबियों वाली इस नस्ल की मांग भेड़ प्रजनको (ब्रीडर) में ज्यादा है।

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मेटकरी के पास 200 भेड़ें

जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि राज्य का पशुपालन विभाग भी लगातार मेडगयाल नस्ल की संख्या इसके मूल स्थान से इतर भी बढ़ाने के प्रयास में लगा हुआ है। साथ ही इस नस्ल का नाम जाट तहसील के मेडगयाल गांव पर रखा गया है।

जिला सांगली के अतपडी तहसील के भेड़पालक बाबू मेटकरी के पास 200 भेड़ें हैं और जब एक मेले में भेड़ को 70 लाख रुपये में खरीदने की पेशकश एक खरीदार ने की तो वह अचंभित हो गए। पर ऊंचे दाम के बाद उन्होंने इसे नहीं बेचा।

SHEEP फोटो-सोशल मीडिया

आगे मेटकरी ने कहा, इस भेड़ का असली नाम सरजा है। लोग इसकी तुलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करने लगे इसलिए इसका नाम ‘मोदी’ पड़ गया। साथ ही लोगों का कहना है कि जिस तरह से मोदी सभी चुनाव जीतकर प्रधानमंत्री बनें, उसी तरह से सरजा को जिस भी मेले या बाजार में ले जाया गया, वहां इसका जलवा रहा।

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खरीदार को इसे बेचने से मना

पूरा विस्तार से बताते हुए मेटकरी ने कहा कि सरजा उनके और उनके परिवार के लिए ‘शुभ’ है इसलिए वह इसे बेचना नहीं चाहते हैं। मैंने 70 लाख रुपये की पेशकश करनेवाले खरीदार को इसे बेचने से मना कर दिया। लेकिन जब वह जोर देने लगा, तो मैंने इसकी कीमत 1.50 करोड़ रुपये बताई।

आगे कहते हुए क्योंकि मैं जानता हूं कि भेड़ के लिए कोई इतनी बड़ी राशि खर्च नहीं करेगा। उन्होंने दावा किया, हम दो-तीन पीढ़ियों से पशुपालन के कारोबार में हैं लेकिन पिछले दो वर्षों से हमें सरजा की वजह से फायदा हुआ। इस भेड़ के बच्चे पांच लाख से 10 लाख रुपये के बीच बिकते हैं।

बीते कई वर्षों से मेडगयाल नस्ल पर रिसर्च कर रहे टेकाडे ने कहा कि 2003 में एक सर्वेक्षण के दौरान पाया गया कि सांगली जिले में शुद्ध मेडगयाल नस्ल की 5,319 ही भेड़ हैं। उन्होंने बताया कि प्रयासों के बाद अब सांगली जिले में भेड़ों की संख्या 1.50 लाख से ज्यादा है, जिसमें प्रधान रूप से मेडगयाल नस्ल की भेड़ हैं। जिसकी मांग लगातार बढ़ती ही जा रही है।

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