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Etawah News: इटावा से बड़ी खबर, शेरनी सोना के पांचवे शावक की मौत, अखिलेश यादव ने लगाए गंभीर आरोप
Etawah Lion Cub Death: सफारी के डिप्टी डायरेक्टर जयप्रकाश ने बताया कि शावक को अचान से तेज बुखारा आया और सांस लेने में दिक्कत होने लगा। इसके तुरंत बाद उसे ऑक्सीजन की सुविधा मुहैया कराई गई लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी नहीं बचाया जा सका।
Etawah Lion Cub Death: इटावा- सफारी पार्क में शेरनी सोना के एक और शावक की रविवार को मौत हो गई। इससे पहले शेरनी सोना से जन्मे चार शावकों की मौत हो चुकी है। 6 से 10 जुलाई के बीच सोना ने 5 शावकों को जन्म दिया था, जिसमे से दो शावक मृत पैदा हुए थे। बताया जा रहा है कि शेरनी इस शावक को दूध नहीं पिला रही थी। सफारी प्रशासन द्वारा बोतल से दूध पिलाकर देखरेख किया जा रहा था। लेकिन नहीं बचा सका।
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इस प्रकार शेरनी द्वारा दिए गए पांच शावकों में से एक भी जिन्दा नहीं बच सके। इसके पाहले भालू कुनी की मौत हो गई थी। सफारी के डिप्टी डायरेक्टर जयप्रकाश ने बताया कि शावक को अचान से तेज बुखारा आया और सांस लेने में दिक्कत होने लगा। इसके तुरंत बाद उसे ऑक्सीजन की सुविधा मुहैया कराई गई लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी नहीं बचाया जा सका।
अखिलेश ने सफारी प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव नें शेरनी सोना के चार शावकों के मौत का मुद्दा सदन में भी उठाया था। उन्होंने कहा था कि शेरनी के गर्भवती होने की सूचना सफारी प्रशासन को थी। आईवीआरआई बरेली से इसकी रिपोर्ट आ गई थी। लेकिन इसके बाद भी सफारी प्रशासन द्वारा लापरवाही बरती गई। इटावा सफारी में पशु चिकित्सकों की भारी कमी है। वहां पर वन्य जीवों की देखरेख के लिए सीर्फ एक डॉक्टर है। आवश्यकता पड़ने पर कानपुर व मथुरा से डॉक्टरों को बुलाया जाता है।
उन्होंने आरोप लगाया था की शेरनी नें पांच शावकों को जन्म दिया था, जिसमे से चार की मौत हो गई। सफारी में व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। शेरों के अलावां अन्य वन्य जीवों की देखरेख अच्छे सने नहीं किया जा रहा है। सफारी के एक-एक अधिकारियों की एक से अधिक जगहों की जम्मेदारी है, जिससे वहां का कामकाज प्रभावित हो रहा है। सरकार द्वारा सफारी की उपेक्षा की जा रही है। यही कारण है कि यहां कि व्यवस्था बदहाल होती जा रही है।
भालू कुनी की मौत
इटावा सफारी में इससे पहले भालू कुनी की मौत हो चुकी है। शव को पोस्टमार्टम के लिए दीन दयाल पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय मथुरा भएजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारण का पता चलेगा। कुनी की मौत क बाद अब सफारी में केवल दो भालू ही बचे हैं। कुनी को तीन अप्रैल, 2017 को नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान से इटावा शफारी पार्क भेजा गया था। तभी से इसकी देखरेख यहीं पर की जा रही थी। भालू शंकर की मौत चार वर्ष पहले ही हो चुकी है। अब यहां पर सीर्फ दो भालू बचे हैं।