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निलंबित होने के बाद भी मातहतों का तबादला करते रहे डीआईजी साहब
पशुपालन टेंडर घोटाला मामले में अपने बैंक खाते में लाखों रुपये जमा कराने के आरोपी डीआईजी अरविंद सेन को हाईकोर्ट से भले ही राहत मिल गई हो। उन्हें अग्रिम जमानत हासिल करने का मौका देने के साथ ही कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी और पुलिस दबिश पर भी रोक लगाई है लेकिन डीआईजी पीएसी रहते हुए अरविंद सेन ने सारे नियम-कानून ताक पर रखकर काम किया है।
लखनऊ: पशु पालन विभाग के टेंडर घोटाले में पुलिस वर्दी का बेजा इस्तेमाल करने, लाखों रुपये की रिश्वत लेने के मामले में निलंबित चल रहे डीआईजी अरङ्क्षवद सेन अपने निलंबन के बाद भी मातहतों का तबादला करते रहे। उन पर पीएसी में तबादला उद्योग चलाने के आरोप लग रहे हैं। आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने प्रदेश सरकार से पूरे मामले की जांच कराए जाने की मांग की है।
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आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने बताया
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पशुपालन टेंडर घोटाला मामले में अपने बैंक खाते में लाखों रुपये जमा कराने के आरोपी डीआईजी अरविंद सेन को हाईकोर्ट से भले ही राहत मिल गई हो। उन्हें अग्रिम जमानत हासिल करने का मौका देने के साथ ही कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी और पुलिस दबिश पर भी रोक लगाई है लेकिन डीआईजी पीएसी रहते हुए अरविंद सेन ने सारे नियम-कानून ताक पर रखकर काम किया है। आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने बताया कि उन्होंने पीएसी अधिकारी के तौर पर काम करने के दौरान मनमाने तरीके से कर्मियों के तबादले किए हैं।
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जब प्रदेश सरकार ने तबादलों पर रोक लगा रखी थी तब भी उन्होंने कई कर्मचारियों के तबादले किए और इससे भी आगे बढ़कर जब उन्हें सरकार ने निलंबित कर दिया तो भी वह तबादला आदेश जारी करते रहे। उनकी इस मनमानी की जांच कराई जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि इस मामले में उन्होंने डीजीपी एचसी अवस्थी को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। आखिर कोई डीआईजी स्तर का अधिकारी ऐसी मनमानी कैसे कर सकता है?
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क्या है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड महामारी के मद्देनजर 12 मई 2020 को एक शासनादेश जारी कर स्थानांतरण वर्ष 2020-21 के लिए सभी प्रकार के तबादलों पर रोक लगा दी थी। इसके बाद भी अरविन्द सेन ने डीआईजी पीएसी आगरा सेक्टर के अधिकार का प्रयोग करते हुए चार जून 2020 को एक इंस्पेक्टर और एक दलनायक सहित कुल नौ पीएसी कर्मियों का तबादला कर डाला। यह पूरी तरह गैरकानूनी था।
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शासन की व्यवस्था को भी दिखाया ठेंगा
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प्रदेश सरकार ने दो जुलाई 2020 के शासनादेश के जरिये पुलिस विभाग में तबादलों के लिए विशेष व्यवस्था करने का ऐलान किया। नई व्यवस्था के अनुसार दरोगा और उसके नीचे के कर्मियों का तबादला एडीजी स्थापना की अध्यक्षता वाली समिति को ही करने का अधिकार दिया गया। डीआईजी अरविंद सेन को शासन ने 22 अगस्त को पशुपालन घोटाले में निलंबित कर दिया लेकिन निलंबन के बाद भी उन्होंने दो जुलाई के शासनादेश का पूरी तरह उल्लंघन करते हुए 24 अगस्त को अपने स्तर से ही 11 पीएसी कर्मियों के तबादले किये।
अखिलेश तिवारी
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