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पूर्व DGP बृजलाल की ख़ास बागवानी, उगाई 5 फुट से ज्यादा लंबी ये लौकी
ब्रजलाल बताते हैं कि मेरे गार्डेन की राम तरोई यानी धारीदार लौकी विशेष है। इस लौकी को मुरादाबाद क्षेत्र में लौकी नहीं, बल्कि ‘ राम तरोई’ कहते है। इस लौकी को सलाद में कच्चा खाया जा सकता है।
लखनऊः पूर्व पुलिस महानिदेशक ब्रजलाल को बागवानी को बहुत शौक है। वह अपनी बगिया के ताजा अपडेट से हर किसी को अवगत कराते रहते हैं। जिसमें चिड़ियों से लेकर फूलों और सब्जियों तक का जिक्र आता है। ब्रजलाल इस बार मिलवा रहे हैं अपने गार्डेने की लौकी से। वह बताते हैं कि हमारे गार्डेन की लौकी ‘ नरेंद्र शिवानी’ जो नरेंद्र देव कृषि विश्व विद्यालय अयोध्या के प्रोफ़ेसर शिव पूजन सिंह द्वारा विकसित की गयी है।
यूपी पूर्व डीजीपी बृजलाल को बागवानी का शौक
उन्होंने कई प्रांतों में बीज भेजे और यूपी,बिहार, उड़ीसा , मध्यप्रदेश, हरियाणा आदि राज्यों में इसे लगाया जा रहा है। मैं तीन वर्षों से शिवानी, नरेंद्र माधुरी और नरेंद्र शिशिर लगा रहा जिसमें माधुरी और शिशिर गोल लौकी है।
गार्डेन की उगाई ‘ नरेंद्र शिवानी’ लौकी
ब्रजलाल बताते हैं कि मेरे गार्डेन की राम तरोई यानी धारीदार लौकी विशेष है। इस लौकी को मुरादाबाद क्षेत्र में लौकी नहीं, बल्कि ‘ राम तरोई’ कहते है। इस लौकी को सलाद में कच्चा खाया जा सकता है।
नरेंद्र देव कृषि विश्व विद्यालय अयोध्या के प्रोफ़ेसर ने की है विकसित
इस लौकी का बीज मैंने मुरादाबाद निवासी रघुपति सिंह से इसी वर्ष मँगाया था और जून के अंतिम सप्ताह में बोया। नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक प्रोफ़ेसर शिवपूजन सिंह ने इन्हीं रघुपति सिंह से बीज लेकर विकसित किया था। परंतु अब इसके बीज उपलब्ध नहीं है।
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मेरे गार्डेन में नरेंद्र शिवानी, माधुरी और ठंडक बर्दाश्त करने वाली नरेंद्र शिशिर भी है। ये बढ़ रहे हैं और इनके फल आने शुरू हो गये हैं। लौकी नरेंद्र शिवानी अब अपने आशियाने पर विराजमान होने के लिए तैयार है।
पाँच फुट दस इंच की लौकी
मैंने तीन साल पहले बिना किसी देखभाल के पाँच फुट दस इंच की लौकी पैदा की थी, जिसको सुरक्षित करके रखा है। इस बार साढ़े छह फुट की लौकी की उम्मीद है। इस वर्ष मुझे पुनः शिवानी के बीज प्रोफ़ेसर शिवपूजन सिंह द्वारा उपलब्ध कराये गये हैं।
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मैंने उसके लिए साढ़े आठ फुट ऊँचा मचान तैयार कराया है। पहले तार लगाये गये जिससे मचान की मज़बूती बनी रहे। बीच-बीच में नारियल की रेशेदार रस्सी लगायी गयी जिससे शिवानी के टेंड्रिल उसे मज़बूती से जकड़ सकें। इस वर्ष की सेवा से प्रसन्न होकर शिवानी अवश्य कृपा करेंगी और आशा करता हूँ कि अबकी बार साढ़े छह फुट के फल अवश्य मिलेंगे।
पूर्व पुलिस महानिदेशक बृजलाल
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