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तनाव से बचने के लिए व्यायाम करना आवश्यक- डॉ. शशि प्रताप सिंह
मोहम्मद हसन पीजी कॉलेज के सौदागर हाल में एक दिवसीय सेमिनार (विषय- शारीरिक एवं मानसिक आघात) एवं प्रदर्शनी का आयोजन मनोविज्ञान विभाग की तरफ से किया गया।
जौनपुर: मोहम्मद हसन पीजी कॉलेज के सौदागर हाल में एक दिवसीय सेमिनार (विषय- शारीरिक एवं मानसिक आघात) एवं प्रदर्शनी का आयोजन मनोविज्ञान विभाग की तरफ से किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सहकारी पीजी कॉलेज में मेहरावा के पूर्व मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार सिंह रहे। सेमिनार के मुख्य वक्ता एवं कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि न्यूरो रोग विशेषज्ञ डॉ. शशि प्रताप सिंह एवं विशिष्ट अतिथि शिवाय हास्पिटल डायरेक्टर डॉ प्रियंका सिंह चौहान रही।
जबकि कार्यक्रम की अतिथि डॉ. पल्लवी श्रीवास्तव और डॉ. शशांक श्रीवास्तव रहे। समाजसेवी एवं वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. कमर अब्बास ने इस पूरे कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
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मानसिक आघात से बचने के लिए शरीर को रखें स्वस्थ
प्राचार्य डॉ. अब्दुल कादिर खान ने अतिथियों का बुके, अंगवस्त्रम एवं स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया। सेमिनार आयोजन प्राचार्य डॉ. अब्दुल कादिर खान ने कहा इस शारीरिक और मानसिक आघात से बचने के लिए हमें सबसे पहले अपने शरीर को स्वस्थ एवं निडरता से कार्य करने की आवश्यकता है।
समाज में किसी भी कार्यों से पीछे नहीं रहा जा सकता है। अगर हम कोई भी काम निडरता के साथ करे। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि आज के इस बदलते हुए परिवेश में मानसिक रोगियों की संख्या में लगातार बढ़ते हुए स्तर के कारण लगभग 90 फीसद लोग इससे ग्रस्त हैं।
छात्र-छात्राओं में अपने को विकसित करने के लिए शिक्षा और व्यायाम का करना आवश्यक है। विशिष्ट अतिथि न्यूरो विशेषज्ञ डॉ. शशि प्रताप सिंह ने कहा कि समाज में आए दिन मानसिक रोगियों का इलाज तभी संभव है। जब उसको अच्छी शिक्षा वातावरण व्यायाम आदि को करना पढ़ना चाहिए।
गहरी चोट मानसिकता को प्रभावित करती है: डॉ. शशि प्रताप सिंह
इस युग में घायल घाव चोट आदि को इंजरी से संबोधित करते हैं लेकिन गहरी चोट मानसिकता को प्रभावित करती है। न्यूरो रोग से बचने एवं बच्चों के द्वारा पूछे गए सवाल का भी विस्तृत रूप से जवाब किया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ प्रियंका चौहान डायरेक्टर शिवाय न्यूरो हॉस्पिटल ने कहा कि आज इस युग में मानसिक विश्लेषण और न्यूरो की रोगियों की बढ़ते हुए स्तर को रोकना संभव तभी होगा।
जब उच्च स्तर की व्यवस्था होगी जैसे घायल को 1 घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचा दिया गया हो तो उस गोल्डन समय माना जाएगा और कहा कि समाज के हित के लिए काफी को करने कार्यों को करने से एक अच्छे समाज की स्थापना होगी।
खासकर रोग विशेषज्ञ हमें अपने दैनिक जीवन में स्त्रियों और बच्चियों को निडर होकर हमेशा हर कार्य को करने की आवश्यकता है अपने समाज में जितना हम निडर होकर कार्य करेंगे आने वाली पीढ़ियां और जनरेशन समाज की एक नई उमंग और जोश के साथ आगे बढ़ेंगे कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे डॉ. कमर अब्बास ने कहा कि हमें समाज के प्रति मानसिक एवं शारीरिक दशा और दिशा को स्थिर और सही बनाने की आवश्यकता है।
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बिना भय के काम करने से मिलेगी तनाव से मुक्ति
हम इस समस्या से हमेशा निजात तभी पा सकते हैं जब हम अपने मन की शक्ति को मजबूत और बिना भय के काम करें आने वाले समय में मानसिक रोगों का जो स्तर बढ़ता जा रहा है वह कम होता नजर आएगा।
प्रदर्शनी में प्रतिभाग करने वाले सभी बच्चों को सम्मानित एवं मेडल पहनाकर किया गया (सेमिनार संयोजक मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ.ममता सिंह ने आए हुए सभी अतिथियों एवं प्रदर्शनी में प्रतिभाग करने वाले बच्चों और सभी प्रवक्ता एवं सभी बच्चों का धन्यवाद ज्ञापित किया इस मौके पर प्रवक्ता डाँ कमरूद्दीन शेख, डाँ अरशद, डाँ एनबी सिंह, (सह -संयोजक डॉ आकांक्षा श्रीवास्तव डॉ अंकिता श्रीवास्तव) डॉ नीलेश सिंह ,डॉ राशिद खान डॉ शाहिदा प्रवीन ,डॉ राकेश कुमार बिंद डॉ अब्दुल हलीमऑ हाशमी ,डाँ रजिया खानम, डॉ तृप्ति सिंह डाँ रेशमा ,डाँ प्रमिला यादव, डाँ श्रद्धा सिंह डीएन उपाध्याय ,डाँ अमजद अली सिद्दीकी ,डाँ अहमद अब्बास खान समस्त छात्र-छात्राएं मौजूद रहे कार्यक्रम का संचालन डॉ अजय विक्रम ने किया।