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UP सरकार देगी बांस शिल्प कला को बढ़ावा, पांच जिलों में होगी सुविधा केंद्र की स्थापना

उत्तर प्रदेश के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री दारा सिंह चैहान ने कहा कि प्रदेश में बाॅंस आधारित शिल्प कला को बढ़ावा देने के लिए सहारनपुर, बरेली, झाॅंसी, मीरजापुर तथा गोरखपुर में सामान्य सुविधा केन्द्रों (सीएफसी) की स्थापना कराई जा रही है।

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Published on: 13 March 2021 3:49 PM GMT
UP सरकार देगी बांस शिल्प कला को बढ़ावा, पांच जिलों में होगी सुविधा केंद्र की स्थापना
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UP सरकार देगी बांस शिल्प कला को बढ़ावा, पांच जिलों में होगी सुविधा केंद्र की स्थापना

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री दारा सिंह चैहान ने कहा कि प्रदेश में बाॅंस आधारित शिल्प कला को बढ़ावा देने के लिए सहारनपुर, बरेली, झाॅंसी, मीरजापुर तथा गोरखपुर में सामान्य सुविधा केन्द्रों (सीएफसी) की स्थापना कराई जा रही है। राष्ट्रीय बाॅंस मिशन योजना के तहत स्थापित किये जाने वाले इन सीएफसी के माध्यम से किसानों, बाॅस शिल्पकारों तथा उद्यमियों को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा।

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चैहान आज यहां कुकरैल स्थित मौलश्री ऑडिटोरियम में उत्तर प्रदेश में बाॅंस क्षेत्र का विकास विषय पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सीएफसी में क्राॅस कट, बाहरा गाॅंठ हटाना, रेडियल स्प्लिटर, स्लाइसर, सिलवरिंग, स्टिक मेकिंग और स्टिक साइजिंग आदि विभिन्न प्रकार की मशीनों की स्थापना होगी। ये केन्द्र बाॅंस कारीगरों के समूहों, स्वयं सहायता समूहों, कृषक उत्पादन संगठनों तथा वन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किये जायेंगे।

ज्यादा से ज्यादा किसानों को सीएफसी से जोड़ने के दिए निर्देश

उन्होंने निर्देश दिए कि सीएफसी से ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ा जाय। विशेष अभियान चलाकर किसानों को इस योजना की जानकारी दी जाय। बैम्बो मिशन के तहत किस प्रकार की सुविधा मिल रही है, इससे किसानों को भली-भांति अवगत भी कराया जाय। चैहान ने कहा कि कहा कि किसानों एवं ग्रामीणों द्वारा निर्मित बाॅंस उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने के लिए सहारनपुर, बरेली, मीरजापुर, सोनभद्र तथा ओबरा में बाॅंस बाजार (बैम्बू मार्केट) स्थापित कराये जा रहे हैं।

यह बाजार उत्पादों की बिक्री और बाजार की प्रवृति के अनुरूप पूरे वर्ष मंच प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगे। इसके अतिरिक्त बाॅंस के उपचार हेतु बरेली एवं चित्रकूट बाॅंस उपचार संयत्र की स्थापना कराई जा रही है। वहीं, बरेली में कार्बोनाइजेशन संयत्र भी स्थापित कराया जा रहा है। इन प्रयासों से किसानों की आय में वृद्धि होगी और चीनी उद्योग को भी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि बैम्बो क्षेत्र के विकास में यह कार्यशाला मील का पत्थर साबित होगी।

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प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील पाण्डेय ने कहा कि बाॅंस नकदी फसल है। बाॅंस की कई प्रजातियां है, जो 60-70 मिमी0 एक घण्टे में बढ़ जाती हैं। साथ ही बाॅंस 35 प्रतिशत कार्बन डाई आक्साइड भी सोखता है। उन्होंने कहा कि बाॅंस के वृक्षों का वेदों में भी वर्णन किया गया है। इसकी महत्ता हमारे जीवन से जुड़ी है। बाॅंस ऐसा वृक्ष है, जिसके हर भाग का उपयोग किया जा सकता है। बाॅंस क्षेत्र के विकास हेतु क्लस्टर आधारित विकास कार्यक्रम चलाये जायेंगे। कारीगरों का समूह बनाकर हस्तकला, शिल्पकला में प्रशिक्षण देने की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी।

श्रीधर अग्निहोत्री

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