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फर्जी शिक्षिका केस: सरकार ने की कड़ी कार्रवाई, गायब हुई अनामिका
रायबरेली थाना क्षेत्र के बछरावां ब्लाक के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में तैनात शिक्षिका अनामिका शुक्ल के फर्जी होने और मानदेय के रूप में उसे लाखों रुपये का भुगतान कर दिया गया था। मार्च 2020 में प्रकरण सामने आया तो शासन से लेकर अफसरों तक के होश उड़ गए।
रायबरेली: उत्तर प्रदेश में सरकार चाहे जितने दावे करें मगर फर्जी अभिलेख लगाकर कस्तूरबा गांधी विद्यालय में नौकरी करने वाली अनामिका शुक्ला मामला नौ महीने बाद एक बार फिर तूल पकड़ने लगा है। ताजा मामला डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के प्रभार वाले जिले रायबरेली का है। एफआईआर दर्ज होने के बाद भी अभी तक पुलिस दोषियों को भले ही पकड़ नही पायी हो, लेकिन संवेदनशील मामले में लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई शुरू हो गई है। राज्य परियोजना निदेशक ने शैक्षिक प्रमाणपत्र समेत अन्य अभिलेखों की पड़ताल कराए बगैर नियुक्ति पत्र दिए जाने में रायबरेली डीसी बालिका को दोषी मानते हुए मूल विभाग भेजे जाने के निर्देश दे दिए हैं। साथ ही शिक्षा निदेशक उत्तराखंड को विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए पत्र भेजा गया है।
फर्जी शिक्षिका मामल
रायबरेली थाना क्षेत्र के बछरावां ब्लाक के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में तैनात शिक्षिका अनामिका शुक्ल के फर्जी होने और मानदेय के रूप में उसे लाखों रुपये का भुगतान कर दिया गया था। मार्च 2020 में प्रकरण सामने आया तो शासन से लेकर अफसरों तक के होश उड़ गए। विभाग ने अपनी इज्जत बचाते हुए संबंधित को नोटिस जारी किया गया।
शिक्षिका अनामिका अचानक गायब हो गई
वहीं खुद को फंसता देख तथाकथित शिक्षिका अनामिका अचानक गायब हो गई जिसका आज तक कुछ भी सुराग नहीं लगा। शुरुआती दौर में ही शैक्षिक प्रमाणपत्र फर्जी होने की खबर को न्यूज 18 ने पर्दाफाश किया था। इतने बड़े वित्तीय अनियमितता के मामले को जिले के जिम्मेदार अधिकारियों ने एफआईआर दर्ज करवा कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया लेकिन शाशन लगातर इस मामले में नजर बनाए रहा।
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अनुशासनिक कार्रवाई के लिए निर्देश
डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के प्रभार वाले जिले रायबरेली से जुड़ा मामला होने से राज्य परियोजना निदेशक विजय किरन आनंद ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला समन्वयक बालिका शिक्षा अनिल कुमार तिवारी पर कार्रवाई कर दी है। परियोजना निदेशक ने उन्हें मूल विभाग भेजे जाने के साथ ही बीएसए रायबरेली को तत्काल कार्यभार हस्तगत कराने के निर्देश दिए हैं साथ ही अनिल तिवारी के मूल विभाग माध्यमिक शिक्षा के निदेशक उत्तराखंड को पत्र भेजकर अनुशासनिक कार्रवाई के लिए कहा है।
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कार्रवाई की भनक लगते ही अनिल तिवारी चिकित्सीय अवकाश पर
राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय से कार्रवाई की भनक लगते ही रायबरेली के डीसी बालिका अनिल तिवारी चिकित्सीय अवकाश पर चले गए। ऐसे में अभी तक उनसे कार्यभार नहीं लिया जा सका है। वहीं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आनंद प्रकाश शर्मा का कहना है की डीसी बालिका अनिल तिवारी मेडिकल लेकर भाग गया है। तब तक शुभा त्रिपाठी को चार्ज लेने का आदेश दिया गया है।
रिपोर्ट: नरेन्द्र सिंह, रायबरेली
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