TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

किसानों की जमीन निजी हाथों में देने पर आमादा है सरकार: अखिलेश

सपा अध्यक्ष ने सोमवार को कहा कि भाजपा सरकार पर पिछले 6 सालों में अर्थव्यवस्था को पहले ही बर्बाद कर दिया था और अब कोविड-19 के बाद देश की अर्थव्यवस्था फ्रीफाल की स्थिति में है।

Shivani Awasthi
Published on: 1 Jun 2020 10:12 PM IST
किसानों की जमीन निजी हाथों में देने पर आमादा है सरकार: अखिलेश
X

मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि सरकार किसानों की जमीन निजी हाथों में देने पर आमादा है। डिफेंस कॉरिडोर के नाम पर किसानों की हजारों हजार एकड़ जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। यह सब उद्योगपतियों को दी जाएंगी। अखिलेश ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने आर्थिक पैकेज उन्हीं को दिया है, जिन्होंने अभी तक अर्थव्यवस्था को डुबाया है। इस पैकेज से मजदूरों, किसानों और गरीबों को क्या मिला? गरीब, मजदूर भूखे मर रहे है। किसान आत्महत्या करने पर विवश है।

डिफेंस कारीडोर के नाम पर किया जा रहा है किसानों की जमीन पर कब्जा: अखिलेश

सपा अध्यक्ष ने सोमवार को कहा कि भाजपा सरकार पर पिछले 6 सालों में अर्थव्यवस्था को पहले ही बर्बाद कर दिया था और अब कोविड-19 के बाद देश की अर्थव्यवस्था फ्रीफाल की स्थिति में है। उन्होंने कहा कि सरकार आत्मनिर्भर होने की बात करती है लेकिन आत्मनिर्भर होने का क्या रास्ता है, यह नहीं बताती।

ये भी पढ़ेंःदुबई से भारत लाए गए डेढ़ सौ श्रमिक, वंदे भारत मिशन दूसरा चरण 13 तक जारी

अखिलेश ने कहा कि मौजूदा समय में सभी कारोबारों में भीषण मंदी है। कौन सा कारोबार चलेगा और कौन सा बंद होगा, कोई नहीं जानता। आज किसान तबाह। यूपी में गन्ना किसानों का बकाया 20 हजार करोड़ रुपया से ज्यादा हो चुका है लेकिन सरकार को उसके बारे में कोई चिंता ही नहीं। अभी भी गन्ना खेतों में खड़ा है। गेहूं की भी लूट हो गई। किसानों की कोई सुनने वाला नहीं है।

भाजपा ने कोविड-19 के बाद देश की अर्थव्यवस्था को पहुंचाया फ्रीफाल में

सपा मुखिया ने कहा कि ऐसा लगता है कि कोविड-19 के संक्रमण रोकने में सरकार को जितनी जिम्मेदारी से कदम उठाने चाहिए थे, वैसा नहीं किया। यह सरकार विपक्षी सुझाव नहीं सुनते। शुरुआत से ही इस बीमारी का राजनीतिक लाभ लेना चाहती थी। पहले ताली और थाली बजवाया। जब परिस्थितियां विस्फोटक हो गई तब विशेषज्ञों ने राय दी तो आनन-फानन में लाॅकडाउन कर दिया। सरकार ने गरीबों और मजदूरों के बारे में सोचा ही नहीं। सरकार को गरीबों और मजदूरों तथा कामगारों को एक सप्ताह का समय देना चाहिए था।

ये भी पढ़ेंःअब यूपी में बटेंगे पैसे ही पैसे: गरीबों के लिए खुशखबरी, CM योगी का ये एलान

लेकिन सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। बिना कोई ठोस रणनीति के सरकार एक के बाद एक लाॅकडाउन बढ़ाती रही। गरीबों और मजदूरों का सब्र टूट गया। उनके पास खाने जीने को कुछ भी नहीं रह गया। वे अपने घरों के लिए साइकिल से पैदल, ऑटो से जैसे भी हो सकता था, निकल पड़े। सरकार ने कोई इंतजाम नहीं किया। कईयों की भूख प्यास से रास्ते में ही मौत हो गई। इस सब के लिए केंद्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार जिम्मेदार है।

ये भी पढ़ें- मोदी सरकार के 10 बड़े फैसले, सभी वर्गों के लिए साबित होंगे वरदान

उन्होंने कहा कि सरकार के पास इतने बड़े साधन-संसाधन होने के बाद भी कोई मदद नहीं पहुंचाई। उत्तर प्रदेश के पास सरकारी, निजी और स्कूलों की मिलाकर 70 हजार से ज्यादा बसें हैं। अगर सरकार चाहती तो यूपी ही नहीं झारखंड, बिहार और बंगाल के भी किसी मजदूर को पैदल नहीं चलना पड़ता। लेकिन सरकार विपक्ष की बात तो मानती नहीं है। मुख्यमंत्री सिर्फ अपने टीम-11 की बात सुनते हैं। यह सरकार अपनी कामयाबी का डंका विदेशों में बजाती है लेकिन देश में गरीबों मजदूरों और श्रमिकों की जो हालत हुई, क्या उससे दुनिया में अच्छा संदेश गया होगा?

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Shivani Awasthi

Shivani Awasthi

Next Story