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Hardoi News: बारिश से तबाह हुए किसान, मुआवजे की राह नहीं आसान
Hardoi News: ओलावृष्टि और बारिश की मार से तबाह हुए किसानों के लिए फसल का मुआवजा पाना आसान नहीं है। फसल की लागत निकालना किसानों के लिए मुश्किल हो गया है।
Hardoi News: ओलावृष्टि और बारिश की मार से तबाह हुए किसानों के लिए फसल का मुआवजा पाना आसान नहीं है। फसल की लागत निकालना किसानों के लिए मुश्किल हो गया है। ऐसे में सरकारी सर्वे के नियमों के हिसाब से जिले के 1.50 लाख से अधिक किसानों को मुआवजा मिलना कठिन है। यही नहीं, फसल बीमा करा चुके हजारों किसानों को भी तत्काल कोई लाभ मिलता नजर नहीं आ रहा है। ऑनलाइन आवेदन करने के बाद जब क्रॉप कटिंग होगी, तो उसके आधार पर इन्हें लाभ मिलना है।
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ऐसे में ये किसान पशोपेश में हैं। जिले के बिलग्राम, माधौगंज व मल्लावां क्षेत्र के किसानों को सर्वाधिक नुकसान हुआ है। खेत में खड़ी चाहे जो फसल नष्ट हो गई है, सर्वे के नियमों के अनुसार, क्षतिपूर्ति के लिए 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान पर ही सरकारी राहत दिए जाने की व्यवस्था है। जिन किसानों ने फसल बीमा कराया है, उन्हें क्षतिपूर्ति के लिए 72 घंटे के भीतर ऑनलाइन आवेदन करना होता है। यह समय सीमा भी खत्म हो चुकी है। ऐसे में अधिकांश किसान अपना आवेदन भी नहीं कर पाएंगे। सभी तहसीलों के एसडीएम के नेतृत्व में राजस्व कर्मी गांव-गांव सर्वे तो कर रहे हैं, पर इसका लाभ किसानों को कितना मिलेगा, यह संशय अभी से किसानों को है।
30 फीसदी तक हुआ नुकसान
कृषि विभाग के आंकड़ों की मानें तो इस बार जिले में गेहूं की 3,14,651 हेक्टेयर में बुआई की गई है। वहीं, सरसों 24,369 हेक्टेयर, मसूर 1,1420, जौ की बुआई 18,220 हेक्टेयर में की गई। जिले के भरावन, बघौली और बेहंदर क्षेत्र में ओले गिरने से सबसे अधिक फसलें बर्बाद हुईं। यहां पर 25 से 30 प्रतिशत तक फसल नष्ट होने का अनुमान है, जबकि जिले के अन्य क्षेत्रों में भी 22 से 25 फीसदी फसलों के नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
क्या कहते हैं किसान
भरावन के किसान रजनीश मिश्रा, राजेश तिवारी, विजय गुप्ता, रामेंद मौर्य, करुणा शंकर मिश्रा का कहना है कि ओले और बारिश से उनकी पूरी गेहूं की फसल चौपट हो चुकी है। अब फसल की लागत भी मिलना मुश्किल है। मल्लावां के किसान दिनेश शुक्ला, रामेंद्र सिंह का कहना है कि बरसात ने उनकी सारी फसलों को तबाह कर दिया है, जिसकी भरपाई होना अब आसान नहीं।
उपनिदेशक को है जानकारी का इंतजार
जिले में उपनिदेशक कृषि विभाग डॉ. नंद किशोर का कहना है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अब तक कितने लोगों ने अपने आवेदन ऑनलाइन किए हैं या टोल फ्री पर शिकायत दर्ज कराई है, इसका ब्योरा मांगा गया है। फसल बीमा के लिए आवेदनों की संख्या आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।