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MSP-मंडी शुल्क किसानों के हित में, मोदी सरकार इसके खिलाफ: मनप्रीत सिंह बादल

मंडी शुल्‍क से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य होते हैं इससे गांव व किसान सभी का भला होता है। केंद्र सरकार अगर किसानों के मामले में ईमानदार है तो अपने नए कानून में इन प्रावधानों को शामिल क्‍यों नहीं कर रही है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 25 Sept 2020 8:59 PM IST
MSP-मंडी शुल्क किसानों के हित में, मोदी सरकार इसके खिलाफ: मनप्रीत सिंह बादल
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केंद्र सरकार अगर किसानों के मामले में ईमानदार है तो अपने नए कानून में इन प्रावधानों को शामिल क्‍यों नहीं कर रही है।

लखनऊ पंजाब सरकार के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि वह एमएसपी खत्‍म कर किसानों को व्‍यापारियों के रहमोकरम पर जिंदा रखना चाहती है। उन्‍होंने कहा कि मंडी शुल्‍क से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य होते हैं इससे गांव व किसान सभी का भला होता है। केंद्र सरकार अगर किसानों के मामले में ईमानदार है तो अपने नए कानून में इन प्रावधानों को शामिल क्‍यों नहीं कर रही है।

तानाशाही तरीके से तीन कृषि कानून

उत्‍तर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान पंजाब के मंत्री ने कहा कि संसद में बगैर चर्चा और प्रक्रिया अपनाये ही तानाशाही तरीके से तीन कृषि कानून ( 1कृषि उपज, व्यापार और वाणिज्य विधेयक 2.मूल्य आश्वासन एवं कृषि सेवाओं पर किसान समझौता 3.आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक) पारित कराए हैं। आवश्‍यक वस्‍तु अधिनियम में संशोधन से अनाज, दालें, खाद्य तेल, आलू, प्याज को अनिवार्य वस्तु नहीं मानी जाएगा और इससे जमाखोरी बढेगी।

सस्‍ता खरीदकर महंगा बेचना

किसान से सस्‍ता खरीदकर व्‍यापारी वर्ग इसको महंगी दर पर बेचेगा। खुद को किसान हितैषी बताने वाली मोदी सरकार ने सत्ता में आने से पहले किसानों की आय को दुगुना करने का संकल्प लिया था किन्तु सात साल में भाजपा के शासनकाल में कृषि ग्रोथ जहां 3.1 प्रतिशत है वहीं यूपीए शासनकाल में 4.3 प्रतिशत थी। कृषि आय 14 साल में इस साल सबसे कम है।

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किसानों के साथ विश्वासघात

किसान की उपज का दाम पिछले 18 साल में इस साल सबसे कम आया है। प्रधानमंत्री ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने का वादा किया था लेकिन वादा पूरा करने के बजाय उन्‍होंने किसानों के साथ विश्वासघात किया है।

एमएसपी का जिक्र नहीं

उन्होने कहा कि नये कृषि कानूनों में एमएसपी का जिक्र न किये जाने से -सरकारी अनाज मंडिया सब्जी तथा फल मंडिया समाप्त हो जायेंगीं जिसकी वजह से किसान पूंजीपतियों द्वारा तय किये गये मूल्य पर अपने उत्पादित फसल को बेचने के लिए बाध्य हो जाएगा। जब देश में अनाज मण्डी, सब्जी व फल मण्डी नहीं होंगी तो किसान को मजबूर होकर व्‍यापारियों के दाम पर फसल को बेचना होगा।

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फसल को दोगुना करने का दावा

उन्होने कहा कि किसानों की फसल को दोगुना करने का दावा करने वाली मोदी सरकार ने कुछ किसानों के खाते में 500रू प्रतिमाह यानि 6000 रूपये सालाना दे रही है लेकिन डीजल पर जो एक्साइज यूपीए शासनकाल में 3.56 पैसे था उसे बढ़ाकर 40 रूपये कर दिया है। इस तरह किसानों को सिर्फ डीजल खरीद में 6000रू0 सालाना अधिक देना पड़ रहा है।

रिपोर्टर अखिलेश तिवारी

Suman  Mishra | Astrologer

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एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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