×

इलेक्ट्रिक कार को लेकर सरकार का बजट में ये है बड़ा ऐलान

बजट 2019 में इलेक्ट्रिक कारों को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाएं हैं। इलेक्ट्रिक कारों को लोकप्रिय बनाने के लिए सरकार ने इन पर जीएसटी की दरों में कटोती की है। साथ ही, इलेक्ट्रिक कार खरीदने पर इनकम टैक्स में भी छूट दी जाएगी।

Aditya Mishra
Published on: 5 July 2019 3:01 PM IST
इलेक्ट्रिक कार को लेकर सरकार का बजट में ये है बड़ा ऐलान
X

नई दिल्ली: बजट 2019 में इलेक्ट्रिक कारों को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाएं हैं। इलेक्ट्रिक कारों को लोकप्रिय बनाने के लिए सरकार ने इन पर जीएसटी की दरों में कटोती की है। साथ ही, इलेक्ट्रिक कार खरीदने पर इनकम टैक्स में भी छूट दी जाएगी।

ये भी पढ़ें...Budget 2019: गरीब, किसान और गांव के लिए बजट में है ये खास

12 प्रतिशत के घटा कर 5 प्रतिशत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को बजट भाषण के दौरान एलान किया कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी की दरें 12 प्रतिशत के घटा कर 5 प्रतिशत कर दी गई हैं। सरकार ने इसके लिए जीएसटी काउंसिल को यह प्रस्ताव भेज दिया है। इस महीने होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस इन दरों को कम करने का फैसला किया जा सकता है। इससे पहली बैठक पिछले महीने 20 जून को हुई थी।

ये भी पढ़ें...Budget 2019: जानिए वित्त मंत्री ने रेलवे को बजट में क्या-क्या दिया

डेढ़ लाख रुपये तक की छूट

सरकार के इस फैसले के बाद इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमतों में गिरावट आएगी। इसके अलावा बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा करते हुए कहा कि इलेक्ट्रिक कारों के लिए खरीदे जाने वाले लोन की ब्याज दरों पर इनकम टैक्स में डेढ़ लाख रुपये तक की छूट मिलेगी।

10 हजार करोड़ की सब्सिडी

बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार पहले ही अप्रैल 2019 से लागू फेम-2 योजना के तहत इलेक्ट्रिक कारों की खरीद पर सब्सिडी दे रही है।

इसके लिए सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये राशि जारी की है। ताकि इलेक्ट्रिक कारों की खरीद पर इंसेटिव देने के साथ पूरे देश में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का नेटवर्क बनाया जा सके।

ये भी पढ़ें...Budget 2019 के पावन मौके पर करिए ज्ञानवर्धन, जानिए कहां से आया ये बजट शब्द

नेशनल हाईवे ग्रिड बनेगा

साथ ही वित्त मंत्री ने यह भी एलान किया कि राष्ट्रीय राजमार्ग कार्यक्रम को फिर से पुनर्गठन करने के साथ उचित क्षमता के साथ नेशनल हाईवे ग्रिड बनाया जाएगा। वहीं गुरुवार को पेश आर्थिक सर्वे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बैटरी चार्जिंग के लिये इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने का एलान किया। इससे पहले गुरुवार को पेश आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में भी इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी से ज्यादा बैटरी को फास्ट चार्जिंग सर्विसेज उपलब्ध कराने की जरूरत है।

सबसे बड़ी बाधा चार्जिंग

रिपोर्ट में इस बात का जिक्र था कि इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता में सबसे बड़ी बाधा चार्जिंग है और वाहनों को पूरी तरह चार्ज करने में बहुत समय लगता है। यहां तक कि फिलहाल मौजूद फास्ट चार्जर भी एक इलेक्ट्रिक कार को पूरी चरह से चार्ज करने में कम से कम डेढ़ घंटा, जबकि धीमे चार्जर से चार्ज करने में कम के कम 8 घंटे लग जाते हैं।

यूनिवर्सल चार्जर्स की जरूरत

रिपोर्ट के मुताबिक इसके अलावा देश में एक बड़ी समस्या यूनिवर्सल चार्जर्स की है। देश में यूनिवर्सल चार्जर्स स्टैंडर्ड्स नहीं हैं और ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने से निवेश में बढ़ोतरी होगी। इलेक्ट्रिक वाहनों की धीमी हिस्सेदारी की एक वजह भारतीय सड़कों पर संसाधनों की कमी है।

बजट 2019 में ऑटो सेक्टर के लिए खास बातें

- बजट 2019 में इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी को 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है।

- सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर ज़ोर देगी, वही सस्से और ईको-फ्रैंडली पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा मिलेगा

-'एफएएमई 2 योजना का उद्देश्य है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी अपनाया जाए

-देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराया जाएगा

- इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने के लिए 10,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं

- इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ऋण पर दिए गए ब्याज पर 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त आयकर कटौती

Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story