Chitrakoot News: कलचिहा जंगल में भड़की आग, तीन घंटे में पाया काबू

chitrakoot News: तापमान बढ़ने के साथ ही जंगलों में आग ने फिर तेजी पकड़ी है। मंगलवार को दोपहर परानूबाबा मार्ग के पास जंगल में हाईटेंशन लाइन की शार्टसर्किट से आग भड़क उठी।

Sunil Shukla (Chitrakoot)
Published on: 18 April 2023 10:41 PM GMT
Chitrakoot News: कलचिहा जंगल में भड़की आग, तीन घंटे में पाया काबू
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चित्रकूट के कलचिहा जंगल में आग: Photo- Newstrack

Chitrakoot News: तापमान बढ़ने के साथ ही जंगलों में आग ने फिर तेजी पकड़ी है। मंगलवार को दोपहर परानूबाबा मार्ग के पास जंगल में हाईटेंशन लाइन की शार्टसर्किट से आग भड़क उठी। हवा तेज होने की वजह से यह आग पालीटेक्निक कालेज के पास कलचिहा जंगल तक पहुंच गई। सूचना पाकर एसडीएम मऊ नवदीप शुक्ला टीम के साथ पहुंच गए। आनन-फानन अग्निशमन की तीन टीमें पहुंची और वन विभाग की टीमों के साथ मिलकर आग बुझाना शुरु किया। करीब तीन घंटे बाद आग पर काबू पाया जा सका है।

मौके पर पहुंचे एसडीएम, अग्निशमन की तीन टीमों ने आग बुझाया

मंगलवार की दोपहर में बरगढ़ से परानूबाबा की तरफ खिंची हाईटेंशन लाइन में अचानक शार्टसर्किट होने के दौरान उठी चिंगारी जंगल में गिरी। जिससे जंगल में आग भड़क उठी। आसपास मौजूद लोगों ने जंगल से उठ रही लपटों और धुआं देखा तो वन विभाग को सूचना दी। कुछ ही देर में वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंची और लाठी-डंडों के सहारे आग बुझाने में जुट गए। बताते हैं कि हवा तेज होने की वजह से आग तेजी पकड़ रही थी। धीरे-धीरे आग बरगढ़ पालीटेक्निक कालेज के पीछे कलचिहा की तरफ बढ़ने लगी। आनन-फानन में सूचना पाकर एसडीएम मऊ नवदीप शुक्ल, सीओ राजकमल, थाना प्रभारी बरगढ़ अंजनी सिंह मौके पर पहुंचे।

हाईटेंशन लाइन की शार्टसर्किट से अचानक जंगल में भड़की आग

एसडीएम ने तत्काल अग्निशमन को अवगत कराया। मुख्यालय कर्वी, मानिकपुर व मऊ से अग्निशमन की तीन गाडियों के साथ टीमें पहुंची। अग्निशमन ने ग्रामीणों व वन विभाग की टीमों के सहयोग से करीब तीन घंटे कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इस बीच विद्युत आपूर्ति भी कुछ देर के लिए बंद करनी पड़ी। एसडीएम ने बताया कि शार्टसर्किट से आग लगी थी। आग परानूबाबा संपर्क मार्ग से कलचिहा जंगल की तरफ बढ़ रही थी। वन विभाग की टीमों ने आग को आगे बढ़ने से रोकने के लिए लागा हटाया गया। इसके बाद अग्निशमन ने आग पर काबू पा लिया है। आग से जंगल में पेड़ों को नुकसान नहीं हुआ है। केवल झाड-झंखार व सूखी पत्तियां जली है।

सूखी पत्तियां और झाड़-झंखार कर रहे बारुद का काम

गर्मी की शुरुआत के साथ ही तापमान बढ़ने व तेज धूप की वजह से पाठा के जंगलों में झाड़-झंखार व सूखी पत्तियां बारुद का काम करने लगती है। इसी समय महुआ का भी सीजन रहता है। बताते हैं कि महुआ बीनने वाले लोग झाड़-झंखार व पत्तियों में आग लगाते है, इसके बाद जंगलों में आग लग जाती है। वहीं दूसरी ओर कुछ जगह खुद वन विभाग वाले ही अपने खेल को छिपाने के लिए जंगलों में आग लगवा देते है। क्योंकि कीमती पेडों का अवैध कटान वनकर्मियों की मिलीभगत से ही होता है। कटान के बाद बचे ठूंठ को जलाने के लिए वह आग लगवा देते है।

Sunil Shukla (Chitrakoot)

Sunil Shukla (Chitrakoot)

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