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हादसा: यहां लगी भीषण आग, 40 लाख लोगों की भीड़, दमकल की कई गाडियां मौके पर

मौनी अमावस्या पर शुक्रवार को संगम पर पुण्य की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की आस्था, भक्ति और विश्वास की त्रिवेणी में भक्ति का सागर उमड़ पड़ा। चाहे स्नान घाट हों या संगम के रास्ते। हर तरफ जन ज्वार हिलोरें मारता रहा।

Aditya Mishra
Published on: 24 Jan 2020 8:46 PM IST
हादसा: यहां लगी भीषण आग, 40 लाख लोगों की भीड़, दमकल की कई गाडियां मौके पर
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फ़ाइल फोटो

प्रयागराज: मौनी अमावस्या पर शुक्रवार को संगम पर पुण्य की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की आस्था, भक्ति और विश्वास की त्रिवेणी में भक्ति का सागर उमड़ पड़ा। चाहे स्नान घाट हों या संगम के रास्ते। हर तरफ जन ज्वार हिलोरें मारता रहा।

इसी बीच शुक्रवार शाम प्रयागराज में आयोजन माघ मेले में पुलिस स्टेशन चौकी स्थित एक पंडाल में आग लग गई। अभी तक आग में किसी के हताहत होने की खबर नहीं मिली है। वहीं, मौके पर दमकल विभाग की गाड़ियां मौजूद हैं।

बता दें कि मेला प्रशासन ने सुबह आठ बजे तक 40 लाख श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का दावा किया है। मौन डुबकी लगाने संगम पर श्रद्धालुओं का तांता संगम जाने वाले हर मार्ग पर लगा है।

मौनी अमावस्या पर संगम में स्नान आधी रात दो बजे से ही शुरू हो गया है। पुण्य की डुबकी लगाने के लिए लाखों श्रद्धालुओं से स्नान घाट पैक हो गए हैं।

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अक्षयवट-सरस्वती कूप में दर्शन स्थगित

मौनी अमावस्या स्नान पर्व को देखते हुए गुरुवार की शाम मूल अक्षयवट और सरस्वती कूप में श्रद्धालुओं का प्रवेश स्थगित कर दिया गया। भीड़ को देखते हुए आज इन दोनों तीर्थों में भक्त प्रवेश नहीं कर सकेंगे।

मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम क्षेत्र में नाव संचालन की अनुमति न मिलने से नाविक निराश है। नाराज नाविकों का एक दल इस संबंध में भाजपा के वरिष्ठ नेता पीयूष रंजन निषाद से मिला। मुलाकात के दौरान नाविकों ने कहा कि पिछले वर्ष कुंभ के दौरान जब नाव संचालन के दौरान कोई दुर्घटना नहीं हुई तो इस वर्ष पाबंदी क्यों लगाई गई।

नाविकों से हुई मुलाकात के बाद पीयूष रंजन ने कहा कि माघ मेले के दौरान ही नाविकों को कमाई होती है। ऐसे में इस दौरान नावों का संचालन रोकने का कोई औचित्य नहीं। उन्होंने जिला प्रशासन से कहा कि अमावस्या के अवसर पर भी नाव संचालन की अनुमति नाविकों को दी जाए।

इससे श्रद्धालुओं को भी राहत मिलेगी। उन्हें कई किलोमीटर पैदल चलने से निजात मिलेगी। मेला प्रशासन द्वारा नाव संचालन रोक दिए जाने से सरकार की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है।

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Aditya Mishra

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