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Sonbhadra News: मंत्री ने कहा- ‘रामचरितमानस पर उठाते रहे सवाल तो मिट जाएगा वजूद’
Sonbhadra News: रामचरितमानस की चौपाइयों को लेकर उठाए जा रहे सवालों पर कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य धर्म और मछुआ समुदाय के विरोधी है। जब उन्होंने 2010 में बसपा में मलाई काटी, भाजपा में मंत्री रहे तब उन्हें धार्मिक ग्रंथ की चौपाइयां नजर नहीं आईं।
Sonbhadra News: सूबे के मत्स्य विकास मंत्री एवं निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संजय निषाद मंगलवार को सोनभद्र पहुंचे। यहां उन्होंने पार्टी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के साथ ही, सपा की तरफ से उठाए जा रहे सवालों को लेकर भी जमकर निशाना साधा। रामचरितमानस की चौपाइयों को लेकर उठाए जा रहे सवालों पर कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य धर्म और मछुआ समुदाय के विरोधी है। जब उन्होंने 2010 में बसपा में मलाई काटी, भाजपा में मंत्री रहे तब उन्हें धार्मिक ग्रंथ की चौपाइयां नजर नहीं आईं। अब जब वह सपा में शामिल हो गए तो वह तरह-तरह के सवाल उठा रहे हैं। उनसे इन बातों को किसी और द्वारा बोलवाने की बात कहते हुए कहा कि सपा ने अपने को नहीं सुधारा तो आने वाले समय में पार्टी का वजूद ही समाप्त हो जाएगा।
‘तो क्या पाकिस्तान में अजान पर खर्च करेगी सरकार’
नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती और मानस पाठ के लिए योगी सरकार की तरफ से दिए गए निर्देश और धनावंटन पर उठ रह सवाल पर कहा कि सपा सरकार जब कब्रिस्तान की बाउंड्री बना रही थी, तब किसी को कुछ गलत नजर नहीं आया। अब जब जिस भारत में हिंदू समाज की 90 प्रतिशत आबादी है। वहां भारतीय संस्कृति, धर्म पर खर्च होने वाली धनराशि को बढ़ाया जाना चाहिए। सीधा सवाल दागते हुए कहा भारत में नवरात्रि पर धनराशि खर्च नहीं की जाएगी, तो क्या पाकिस्तान में अजान मस्जिद पर की जाएगी? प्रदेश में अखिलेश यादव की तरफ से जंगलराज के लगाए जा रहे आरोपों पर कहा कि उनकी सरकार के समय पूरे प्रदेश में अतीक अहमद, अफजाल अंसारी जैसे गुंडो का राज कायम था। आवाज उठाने पर गोली चलाई जाती थी। हत्या का मुल्जिम बना दिया जाता था। अब जब उनकी सरकार पिछली सरकारों की तरह अपराधियों को संरक्षण देने की बजाय अपराधियों को सजा देकर भयमुक्त वातावरण स्थापित कर रही है तो सवाल उठाए जा रहे हैं।
इससे पूर्व उन्होंने पार्टी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भगवान राम और निषाद राज गुह के संबंधों का वर्णन किया। कहा कि दोनों का चरित्र एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। दोनों लोग एक ही गुरूकुल में पढ़े थे। वनवास के दौरान हुए निषादराज किले पर हुए मैत्रीपूर्ण मिलन के समय निषादराज ने रावणराज के खात्मे के लिए अपनी सेना दी थी। बताया कि भगवान राम का जन्म जहां चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। वहीं निषाद राज का जन्म शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को हुआ था। इस वर्ष यह तिथि 26 मार्च को है। इसके उपलक्ष्य में निषाद राज किले पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें सोनभद्र के लोगों को भी शामिल होने का न्योता दिया गया है।