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तीन विश्व रिकॉर्ड बनाकर 50 दिन चले कुम्भ का हुआ औपचारिक समापन

Shivakant Shukla
Published on: 5 March 2019 3:33 PM GMT
तीन विश्व रिकॉर्ड बनाकर 50 दिन चले कुम्भ का हुआ औपचारिक समापन
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प्रयागराजः तीन विश्व रिकॉर्ड बनाकर 50 दिन चले प्रयागराज कुम्भ का मंगलवार को समापन हो गया। इस कार्यक्रम में कुम्भ आयोजन समिति के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे। परेड क्षेत्र स्थित गंगा पंडाल में आयोजित भव्य समारोह में कुम्भ को दिव्य और भव्य बनाने में मुख्य भूमिका निभाने वालों को राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि इस आयोजन में योगी आदित्यनाथ की भूमिका बड़ी विशाल रही।

राज्यपाल ने कहा कि 24 घंटे कुम्भ का काम करने के साथ-साथ मुख्यमंत्री ने प्रदेश के कार्य का दायित्व भी बखूबी निभाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को मैंने ही प्रस्ताव दिया था कि इस स्थान का सांस्कृतिक नाम प्रयागराज होना चाहिए। जिसके बाद अखाड़ा के सदस्यों के तरफ से ये प्रस्ताव आया, जिससे प्रयागराज को फिर से अपना सांस्कृतिक नाम प्राप्त हो सका

कुम्भ के आयोजन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूमिका बड़ी विशाल रही: राज्यपाल

राज्यपाल ने कहा कि मैं मुंबई का हूं, अंग्रेज लोग बांबे कहते थे, हिन्दी में बंबई कहा जाता था। मैंने इसके लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा कि जब मेरा नाम हिन्दी, अंग्रेजी और मराठी में राम नाईक है, तो मुंबई को अलग-अलग नाम से क्यों पुकारा जाता है। इसके बाद बंबई और बांबे अब मुंबई के रूप में जानी जाती है। इसी तरह मद्रास का चेन्नई हुआ, इलाहाबाद का प्रयागराज और फैजबाद का अयोध्या हो गया है। यह अपने आप में बड़ी बात है।

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राज्यपाल ने कहा कि मैंने कुम्भ में स्नान नहीं किया, यह बात सच है। लेकिन मैं नदियों का पानी पिया हूं। कई साल पहले मेरे पैर में बहुत गंभीर जख्म हो गया था, जिसके कारण डॉक्टरों ने मुझे नदियों में उतरने से मना कर दिया था। इस कारण मैं कुम्भ में स्नान नहीं कर सका। लेकिन यहां के पानी को पीना कुम्भ में स्नान के बराबर होता है। ऐसा मैं मानता हूं।

राज्यपाल ने कहा कि कुम्भ में देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई मुख्यमंत्री एवं मंत्री समेत आम जनों ने स्नान किया। जिस प्रकार से सरकार और उनके मंत्रियों ने काम किया, वह काबिले तारीफ है। उन्होंने कहा कि मैं पत्रकारों का भी अभिनंदन करता हूं, जिनके माध्यम से कुम्भ की जो खबरें गई हैं, उससे सकारात्मक छवि पूरी दुनिया में पेश हुई है।

राज्यपाल ने कहा कि मैं आपको अब दूसरे कुम्भ का आमंत्रण देना चाहता हूं। हिन्दुस्तान दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। आने वाले समय में लोकसभा चुनाव की घोषणा होगी। मैं आह्वान करता हूं कि लोकसभा चुनाव रूपी कुम्भ में लोग ज्यादा से ज्यादा संख्या में मतदान करें। जिस लोकसभा, विधानसभा और पंचायत में सबसे ज्यादा मतदान होगा, उनका मैं राजभवन में सत्कार करना चाहता हूं।

स्वच्छता कर्मियों का पैर प्रच्छालन कर प्रधानमंत्री ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान देने का कार्य किया है: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हीं के मार्गदर्शन में यह आयोजन वैश्विक स्तर पर अविस्मरणीय बन पाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से ही पहली बार यूनेस्को ने कुम्भ को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के तौर पर मान्यता दी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार कुम्भ बहुत सारी चीजों के लिए जाना जाएगा। जिसमें स्वच्छता को लेकर जो अभिनव प्रयोग किए गए, वह काफी अहम है। स्वच्छ कुम्भ की सफलता पर ही प्रधानमंत्री प्रयागराज आए। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि गंगा पूजन के साथ प्रधानमंत्री ने कुम्भ मेले का शुभारंभ किया और जब कुम्भ मेला अपने समाप्ति पर था, तब उन्होंने इस अभियान में लगे स्वच्छताकर्मियों का पैर प्रच्छालन कर उन्हें सर्वोच्च सम्मान देने का कार्य किया। यह अपने आप में सामाजिक समरसता का सर्वोच्च उदाहरण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के स्नान करने के साथ ही कई अन्य उपलब्धियों के लिए भी प्रयागराज कुम्भ 2019 याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहली बार ‘’सर्वसिद्धिप्रद: कुम्भ’’ नाम से कुम्भ का लोगो जारी किया गया। इसके साथ ही 6 हजार अधिक संस्थाएं पहली बार कुम्भ मेले में सहभागी बनीं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि 193 देशों के प्रतिनिधियों ने कुम्भ मेला से जुड़कर भारत की परम्परा और संस्कृति को सम्मान दिया है। वहीं 70 देशों के प्रतिनिधि इस बार के कुम्भ मेले में सहभागी बने।

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मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार के कुम्भ मेले में मॉरीशस के प्रधानमंत्री के साथ तीन हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। वहीं 450 वर्षों के बाद पहली बार अक्षय वट के दर्शन करने का लाभ श्रद्धालुजन को प्राप्त हो पाया है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने दिव्य और भव्य कुम्भ की सफलता के लिए मेले के आयोजन में लगी पूरी टीम को बधाई देते हुए अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों और कुंभ के प्रबंधन में लगे अधिकारियों को सम्मानित भी किया। इसके साथ ही उन्होंने कुम्भ मेले में तैनात सुरक्षाकर्मियों को कुम्भ सेवा मेडल देने की घोषणा की।

इस कार्यक्रम में राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उत्तर प्रदेश की पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना समेत कई अन्य लोग मौजूद थे।

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