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अभियंता का कारनामाः 30 साल पुराना केस, कार्रवाई से बचने को खुद को घोषित किया मृत

विभागीय जांच से बचने के लिए लोग क्या नहीं करते। जांच में स्वयं को निर्दोष साबित करने के लिए जांच अफसरों को सेट करना से लेकर अन्य से कई तरह के जुगाड़ लगाते है।

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Published on: 23 Sep 2020 10:10 AM GMT
अभियंता का कारनामाः 30 साल पुराना केस, कार्रवाई से बचने को खुद को घोषित किया मृत
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अभियंता का कारनामाः 30 साल पुराना केस, कार्रवाई से बचने को खुद को घोषित किया मृत (social media)

लखनऊ: विभागीय जांच से बचने के लिए लोग क्या नहीं करते। जांच में स्वयं को निर्दोष साबित करने के लिए जांच अफसरों को सेट करना से लेकर अन्य से कई तरह के जुगाड़ लगाते है। लेकिन यूपी पावर कार्पोरेशन के एक सहायक अभियंता ने तो जांच के बचने के लिए ऐसा फर्जीवाड़ा रचा कि जांच टीम ने भी दातों में उंगली दबा ली।

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सहायक अभियंता राजकुमार बालूजा ने विभागीय कार्यवाही से बचने के लिए स्वयं को मृत दिखा दिया

यूपी पावर कारपोरेशन से सेवानिवृत्त हो चुके सहायक अभियंता राजकुमार बालूजा ने विभागीय कार्यवाही से बचने के लिए स्वयं को मृत दिखा दिया। इतना ही नहीं बालूजा ने उच्च न्यायालय में फर्जी दस्तावेज अपनी मृत्यु साबित भी कर दी। हालांकि इस मामलें में बालूजा के खिलाफ चल रही विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई का मामला तो बंद हो गया लेकिन पावर कार्पोरेशन ने बालूजा की मौत की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति गठित कर दी। जिसमे बालूजा का फर्जीवाडा सामने आ गया और उनके खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हो गया।

30 साल पहले का है मामला

प्राप्त जानकारी के मुताबिक करीब 30 साल पहले यूपी पावर कारपोरेशन में उपकरणों की खरीद में हुई हेराफेरी के मामलें में सहायक अभियंता राजकुमार बालूजा का नाम सामने आया था। इस मामलें की जांच शुरू हो गई और वर्ष 2018 में जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट विभाग को सौंप दी, जिसमे बालूजा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की गई थी। इसी बीच 13 मई 1992 को बालूजा सेवानिवृत्त हो गए। लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई जारी रखते हुए उनके सेवानिवृत्ति के बाद के देयकों से कटौती किए जाने को कहा गया। इस पर बालूजा ने फर्जी तौर पर अपनी मृत्यु के दस्तावेज तैयार करवा कर स्वयं को मृत घोषित कर दिया।

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बालूजा की मौत की जांच कर रही टीम ने जांच की तो उसमे बालूजा के जीवित होने की बात सामने आयी। इस पर पावर कारपोरेशन के उपसचिव उमेश जैन ने बीती 16 जून को बालूजा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दे दिया। उपसचिव के आदेश पर कार्पोरेशन के पेंशन प्रकोष्ठ के लेखाकार राजेन्द्र प्रसाद ने लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में बालूजा के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करा दिया है। फिलहाल पुलिस मामलें की पड़ताल कर रही है।

मनीष श्रीवास्तव

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