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पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने बदला नेम प्लेट, लिखा, 'जबरिया रिटायर्ड'

अनिवार्य सेवानिवृति के बाद पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने आज अपने गोमतीनगर स्थित आवास के नेमप्लेट पर लिखा "अमिताभ ठाकुर, आईपीएस, जबरिया रिटायर्ड"।

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Published on: 25 March 2021 2:38 PM IST (Updated on: 26 Aug 2022 10:10 AM IST)
पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने बदला नेम प्लेट, लिखा, जबरिया रिटायर्ड
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पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने बदला नेम प्लेट, लिखा, 'जबरिया रिटायर्ड'

लखनऊ: अनिवार्य सेवानिवृति के बाद पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने आज अपने गोमतीनगर स्थित आवास का नेमप्लेट बदलते हुए उसे सोशल मीडिया पर शेयर किया है। अमिताभ ने अपने घर के नेमप्लेट पर "अमिताभ ठाकुर, आईपीएस, जबरिया रिटायर्ड" लिखा है। इस सम्बन्ध में उनका कहना है कि चूँकि उन्हें समय से पहले जबरदस्ती मनमाने ढंग से सेवानिवृत कर दिया गया, अतः वे अपने लिए इन्ही शब्दों का प्रयोग करेंगे।

अमिताभ ने अपने घर के नेमप्लेट पर पर लिखा "जबरिया रिटायर्ड"

बता दें कि अमिताभ ठाकुर समेत तीन आईपीएस अधिकारियों को अनिवार्य रूप से रिटायर कर दिया गया था। गृह मंत्रालय के आदेश के क्रम में राज्यपाल ने सेवानिवृत्त किया था। काफी चर्चा में रहने वाले 1992 बैच के आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को अनिवार्य सेवानिवृति कर दिया गया है। अखिल भारतीय पुलिस सेवा से जबरदस्ती रिटायर किए गए अमिताभ ठाकुर ने एक ट्वीट भी किया था।



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इस वजह से रहे थे चर्चा में

अमिताभ ठाकुर उत्तर प्रदेश काडर के 1992 बैच के आईपीएस हैं उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने के साथ ही उनके खिलाफ लखनऊ में केस भी दर्ज करावाया था। इसके बाद अखिलेश यादव सरकार ने भी उनके खिलाफ केस दर्ज कराया। उनके खिलाफ पांच पांचवीं विभागीय कार्रवाई भी हुई थी। उनके खिलाफ आरोप था कि 16 नवम्बर 1993 को आईपीएस की सेवा प्रारंभ करते समय अपनी संपत्ति का ब्यौरा शासन को नहीं दिया गया।



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अमिताभ ठाकुर समेत उत्तर प्रदेश के दो और IPS हुए थे अनिवार्य सेवनिवृत्ति

बता दें कि अमिताभ ठाकुर के आलावा उत्तर प्रदेश के दो और IPS अधिकारियों को सरकारी सेवा के लिए अनुपयुक्त पाया गया था जिसके कारण उन्हें अनिवार्य सेवनिवृत्ति दे दी गई है। अमिताभ ठाकुर ( आईजी रूल्स एवं मैनुअल) के खिलाफ तमाम मामलों में जांचें चल रही थीं। राजेश कृष्ण ( सेना नायक 10 बटालियन बाराबंकी) पर आज़मगढ़ में पुलिस भर्ती में घोटाले का आरोप लगे थे। राकेश शंकर ( डीआईजी स्थापना) पर देवरिया शेल्टर होम प्रकरण में संदिग्ध भूमिका के आरोप थे।



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