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पावर कार्पेारेशन के पूर्व एमडी एपी मिश्रा तीन दिन की पुलिस रिमांड पर

तीनों अभियुक्तों को कड़ी सुरक्षा में कोर्ट में पेश किया गया। मिश्रा की ओर से उनके वकील प्रांशु अग्रवाल ने केार्ट में एक अर्जी देकर मांग की कि मिश्रा को जेल में उच्च बैरक आदि की सुविधा दी जाये क्येांकि उन्हें दिल की गंभीर बीमारी है । यह भी कहा गया कि रिटायरमेंट के बाद मिश्रा ने वकालत का रजिस्टे्रशन करा लिया है और वह अवध बार असोसियेशन के सदस्य हैं।

SK Gautam
Published on: 6 Nov 2019 9:14 PM IST
पावर कार्पेारेशन के पूर्व एमडी एपी मिश्रा तीन दिन की पुलिस रिमांड पर
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विधि संवाददाता

लखनऊ: न्यायिक मजिस्टे्रट सीबीसीआईडी छितिज पांडे ने यूपीपावर कार्पेारेशन के पूर्व एमडी एपी मिश्रा, जीएम फाइनेंस पीके गुप्ता तथा पूर्व निदेश विता सुधांशु द्विवेदी केा तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड में देने का आदेश दिया है। मिश्रा की कस्टडी रिमांड गुरूवार को प्रातः 10 बजे प्रारम्भ हेागी जबकि गुप्ता एव द्विवेदी की पुलिस रिमांड बुधवार की सायं 4 बजे से ही प्रारम्भ हेा गयी।

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उच्च बैरक आदि की सुविधा दी जाये क्योंकि उन्हें दिल की गंभीर बीमारी है

तीनों अभियुक्तों को कड़ी सुरक्षा में कोर्ट में पेश किया गया। मिश्रा की ओर से उनके वकील प्रांशु अग्रवाल ने केार्ट में एक अर्जी देकर मांग की कि मिश्रा को जेल में उच्च बैरक आदि की सुविधा दी जाये क्योंकि उन्हें दिल की गंभीर बीमारी है । यह भी कहा गया कि रिटायरमेंट के बाद मिश्रा ने वकालत का रजिस्टे्रशन करा लिया है और वह अवध बार असोसियेशन के सदस्य हैं। लिहाजा वकील होने के चलते उन्हें जेल में उच्च बैरक प्रदान किया जाये।

अर्जी को निस्तारित करते हुए कोर्ट ने जेल प्रशासन केा निर्देश दिया कि जेल मैनुअल के अनसार मिश्रा को जेल में बैरक आदि दिया जाये।

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इससे पहले आर्थिक अपराध शाखा के विवेचक ने तीनों अभियुक्तों को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने तीनों न्यायिक रिमांड मंजूर कर ली। जिसके बाद विवेचक की ओर से तीनों की पुलिस कस्टडी की मांग वाली अर्जी दाखिल की गयी और कहा कि तीनों का आमना सामना कराने के लिए उनकी पुलिस कस्टडी लेना जरूरी है।

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2 नवंबर 2019 को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी

अर्जी का विरोध करते हुए मिश्रा के वकील प्रांशु ने तर्क दिया कि 2 नवंबर 2019 को प्राथमिकी दर्ज की गयी है जिसमें मिश्रा का नाम नहीं है और न ही उनके खिलाफ केाई अन्य सबूत है अतः मिश्रा को पुलिस कस्टडी में न दिया जाये। यह भी तर्क दिया गया कि मिश्रा केा केवल राजनीतिक वजहों से फंसाया जा रहा है।

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