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हाथरस में पूर्व विधायक धऱने पर, जिला प्रशासन को दी आत्महत्या की चेतावनी
दरअसल ये मामला हसायन विकास खंड के गांव बाण अब्दुल्लहईपुर का है। यहां के ग्राम प्रधान पर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए ग्राम पंचायत के कुछ लोगों ने डीएम से कम्प्लेन की थी।
लखनऊ: इस वक्त की बड़ी खबर यूपी के हाथरस जिले से आ रही है। यहां हसायन थाना क्षेत्र के गांव बाण अब्दुलहईपुर में प्रधान की शिकायत के बाद हुए विवाद को लेकर गांव में ही पूर्व विधायक अमर सिंह की अगुवाई में धरना-प्रदर्शन शुरू हो गया है।
धरने में शामिल लोगों की तरफ से ये चेतावनी दी गई है कि अगर बेकसूरों को नहीं रिहा किया गया तो भूख हड़ताल या आत्मदाह जैसे कदम उठा सकते हैं।
उन्होंने ये भी कहा कि अब गांव में धरना प्रदर्शन सुबह नौ बजे से लेकर शाम पांच बजे तक रोजाना ऐसे ही चला करेगा। जब तक कि बेकसूरों की रिहाई नहीं हो जाती है। गांव में पहले से ही सुरक्षा बल मौजूद हैं।
यूपी पुलिस की फोटो(सोशल मीडिया)
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क्या है यह मामला
दरअसल ये मामला हसायन विकास खंड के गांव बाण अब्दुल्लहईपुर का है। यहां के ग्राम प्रधान पर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए ग्राम पंचायत के कुछ लोगों ने डीएम से कम्प्लेन की थी।
जिसके बाद डीएम ने जांच के लिए गांव में टीम भेजी थी। उसी वक्त ये पूरा विवाद हो गया था। जिसके बाद से पुलिस ने 151 में शिकायत कर्ताओं का चालान किया था।
इस मामले में पुलिस पर 15 हजार रुपये बड़ी धाराएं हटाने के नाम पर लेने का आरोप लगा था। जिसकी पीड़ित पक्ष ने वीडियो भी बनाई थी। जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी। इसे लेकर पुलिस और शिकायतकर्ता के मध्य टकराव बढ़ गया।
यह भी है आरोप
पीडि़त पक्ष का आरोप है कि पुलिस ने पीडि़त पक्ष के तीन लोगों को एक लूट में फर्जी तरीके से बंद कर दिया, जिसकी शिकायत शासन प्रशासन से की गई। इसे लेकर पूर्व विधायक अमर सिंह यादव ने जिलाधिकारी को कई हफ्ते पूर्व ज्ञापन दिया था और मांग की गई थी कि बेकसूर लोगों को को छोड़ा जाए।
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हाथरस कांड के बारे में मीडिया से बात करते पीड़िता के परिजन(फोटो:सोशल मीडिया)
हाथरस कांड में क्या हुआ था?
बता दें कि हाथरस के एक गांव में 14 सितंबर को 19 वर्षीय दलित लड़की से चार लड़कों ने कथित रूप से बलात्कार किया था। 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई थी।
30 सितंबर को रात के अंधेरे में उसके घर के पास ही कथित तौर पर पुलिस ने जबरन अंतिम संस्कार कर दिया था। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने जल्द से जल्द उसका अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया था। पुलिस अधिकारियों का कहना था कि परिवार की इच्छा के मुताबिक ही अंतिम संस्कार किया गया।
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