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रायबरेली की पूर्व डीएम शुभ्रा सक्सेना ने भी सीएमओ को बताया था लापरवाह
रायबरेली के जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाने वाले सीएमओ डॉ संजय शर्मा क्या अपनी डॉक्टर ओथ को भुलाकर कोरोना संक्रमितों और डॉक्टर व अन्य मेडिकल स्टॉफ के जीवन से खिलवाड कर रहे थे।
लखनऊ: रायबरेली के जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाने वाले सीएमओ डॉ संजय शर्मा क्या अपनी डॉक्टर ओथ को भुलाकर कोरोना संक्रमितों और डॉक्टर व अन्य मेडिकल स्टॉफ के जीवन से खिलवाड़ कर रहे थे। पूर्व जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना ने भी सीएमओ को चेतावनी पत्र जारी किए हैं। उनके गैरजिम्मेदाराना कामकाज के तरीके से परेशान होकर उन्होंने शासन को पत्र भी भेजा है।
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नहीं मिल रहा सही भोजन
कोरोना संक्रमण काल में जहां सरकारी और गैरसरकारी संगठन इस कोशिश में जुटे हैं कि कोरोना संक्रमण फैलने न पाए। कोरोना संक्रमितों का समुचित उपचार हो। सरकार ने भी तमाम आवश्यक उपकरण व चिकित्सकीय सामानों की स्थानीय स्तर पर खरीद की छूट दे रखी है वहीं रायबरेली के सीएमओ इस सबमें भी गड़बड़ी करते दिखाई दे रहे हैं।
कोविड अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारियों और चिकित्सकों के भोजन के लिए प्रतिदिन पांच सौ रुपये की व्यवस्था किए जाने के बावजूद घटिया क्वालिटी का भोजन दिया जाता रहा।
कोरोना संक्रमण रोकने के लिए भी प्रभावी कदम नहीं उठाए गए
कोरोना संक्रमण रोकने के लिए भी प्रभावी कदम नहीं उठाए गए। कांटेक्ट ट्रेसिंग से लेकर कोरेंटाइन सेंटर में रखे गए लोगों के भोजन की व्यवस्था, सेनीटाइजेशन सभी मोर्चे पर सीएमओ फेल दिखाई दिए। पूर्व जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को 27 अप्रैल 2020 को पत्र लिखकर सीएमओ का कच्चा-चिठठा खोल दिया है।
इससे पता चलता है कि वह क्वारेंटाइन सेंटर में मौजूद रोजेदारों को भी भोजन मुहैया कराने में नाकाम रहे तब जिला प्रशासन को यह जिम्मेदारी उठानी पडी। शुभ्रा सक्सेना ने शासन को अवगत कराया है कि सीएमओ के गैरजिम्मेदाराना और लापरवाह रवैये की वजह से शासन की छवि धूमिल हो रही है और आम लोगों के जीवन को बचाने में मुश्किल हो रही है।
rae bareli cmo (social media)
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- संक्रमित मरीजों की संख्या 43 होने के बावजूद संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के लिए किए जाने वाले कार्यों में सहयोग नहीं किया जा रहा।
एक करोड़ बीस लाख का बजट उपलब्ध कराने के बावजूद
- एक करोड़ बीस लाख का बजट उपलब्ध कराने के बावजूद पीपीई किट, ट्रिपल लेयर मास्क, एन-95 मास्क, ग्लब्स, शूकवर, ऑक्सीजन सिलेंडर की अत्यधिक कमी बनी हुई जिससे चिकित्सकीय स्टाफ को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
- संक्रमित इलाकों में सर्वे कार्य में भी सीएमओ के स्तर से सहयोग नहीं किया गया, जिला प्रशासन को यह काम विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से कराना पडा है।
- मुख्य विकास अधिकारी ने एल-1 फैसिलिटी सेंटर का निरीक्षण किया तो चिकित्सकों ने बताया कि उन्हें गुणवत्तापरक भोजन भी नहीं मिल रहा है। अस्पताल परिसर में एंबुलेंस कर्मियों के ठहरने का प्रबंध नहीं है। स्टाफ नर्स भी मानक से कम तैनात हैं जिससे अधिक काम करना प[पड़रहा है। छह स्वीपर के बजाय दो तैनात हैं इससे अस्पताल परिसर में सफाई नहीं हो पा रही है।
corona (social media)
कोरोना संक्रमित मरीजों को भी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं
- कोरोना संक्रमित मरीजों को भी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। रोजा रखने वाले मरीजों को खान- पान की सुविधा तहसीलदार के स्तर से करानी पड़ी है।
- अस्पताल व क्वारेंटाइन सेंटरों का सेनीटाइजेशन भी समुचित तरीके से नहीं कराया जा रहा है।
- कोरोना महामारी के संबंध में शासन स्तर से मांगी गई जानकारी के संदर्भ में सीएमओ की ओर से कभी समय पर सूचना उपलब्ध नहीं कराई जाती और अक्सर जो सूचना प्राप्त होती है उसमें विरोधाभास रहता है। अक्सर पुरानी सूचनाएं ही दे दी जाती हैं। चेतावनी के बावजूद कोई सुधार नहीं है।
- कोविड रोगियों के उपचार के लिए लगाई गई मेडिकल टीम के लिए बनाए गए एक्टिव क्वारेंटाइन सेंटर में बार-बार अनुरोध के बावजूद सीएमओ की ओर से बेडशीट उपलब्ध नहीं कराई गई।
- कोविड मरीजों का इलाज करने वाले चिकित्सकों के सुबह- शाम नाश्ते की व्यवस्था भी नहीं कराई गई तब तहसील स्तर से प्रबंध करना पड़ा।
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एल-1 हॉस्पिटल में भेजने के समय कोई भी चिकित्सा अधिकारी उपस्थित नहीं रहा
- कोरोना संक्रमित मरीजों को एल-1 हॉस्पिटल में भेजने के समय कोई भी चिकित्सा अधिकारी उपस्थित नहीं रहा।
- एल-1 हॉस्पिटल का सेनीटाइजेशन भी सीएमओ की ओर से नहीं कराया गया तब नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी से मदद लेनी पड़ी।
- हॉस्पिटल में भर्ती रोजा रखने वाले मरीजों को सहरी की व्यवस्था भी नहीं कराई गई तब सदर तहसीलदार के स्तर से प्रबंध कराया गया। जबकि जिला प्रशासन की ओर से किचेन सेटअप तैयार कर सीएमओ को सौंपा जा चुका था। मरीजों और अन्य स्टॉफ को भोजन व नाश्ता उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सीएमओ की है।
अखिलेश तिवारी
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