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Jalaun News: परीक्षा के प्रश्नपत्र और उत्तर पुस्तिका जमा करने में फर्जीवाड़ा, यूनिवर्सिटी को भेजी गई रिपोर्ट
Jalaun News: परीक्षा केंद्र पर प्रश्नपत्र ले जाने एवं परीक्षा केंद्र से परीक्षोपरांत उत्तरपुस्तिकाएं जमा कराने में फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है, जिसकी रिपोर्ट प्राचार्य ने विश्वविद्यालय प्रशासन को भेज दी है।
Jalaun News: बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी के द्वारा सेमेस्टर एवं वार्षिक परीक्षा 2023 संपन्न कराने हेतु मथुरा प्रसाद महाविद्यालय, कोंच (जालौन) को विभिन्न परीक्षा केंद्रों का नोडल केंद्र बनाया गया है, जहां से परीक्षा केंद्र पर प्रश्नपत्र ले जाने एवं परीक्षा केंद्र से परीक्षोपरांत उत्तरपुस्तिकाएं जमा कराने का प्रावधान है। शनिवार को इसमें फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है, जिसकी रिपोर्ट प्राचार्य ने विश्वविद्यालय प्रशासन को भेज दी है।
आधार कार्ड से हुआ अनियमितता का खुलासा
जालौन में इन दिनों विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाएं संपन्न कराई जा रही हैं। प्रश्नपत्र एवं उत्तर पुस्तकाएं ले जाने व जमा कराने के मामले में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिसे देखकर विश्वविद्यालय में हड़कंप मच गया। इस मामले में रामलखन पटेल महाविद्यालय, एट परीक्षा केंद्र पर ज्येष्ठ केंद्राध्यक्ष के रूप में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी से चंद्रशेखर वर्मा पुत्र बाबूलाल वर्मा को नामित कराया है।
जब प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ.) नरेश कुमार ने सभी महाविद्यालयों के द्वारा जमा आधार कार्डों की क्यूआर कोड स्कैन करके जांच की तो चंद्रशेखर वर्मा के आधार कार्ड पर अंकित क्यूआर कोड को स्कैन करने में पाया गया कि यह किसी महेश प्रसाद पुत्र काशीराम निवासी ग्राम बिलायां जिला जालौन का है। इसका आधार नंबर भी अलग है। जबकि चंद्रशेखर के आधार कार्ड पर आधार नंबर दूसरा अंकित है।
इस आधार कार्ड पर जो फोटो लगी है, वह भी किसी मुस्तकीन पुत्र मेंहदी हसन की है। जो ग्राम बस्ती पोस्ट तीतराखलीलपुर जिला जालौन के निवासी हैं। उनकी कल्याण सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ एजूकेशन, एट परीक्षा केंद्र पर नोडल केंद्र से प्रश्नपत्र ले जाने एवं परीक्षोपरांत उत्तरपुस्तिकाएं जमा करने हेतु रवि को विश्वविद्यालय से नामित करा कर नोडल केंद्र पर जमा किया था।
QR स्कैन करने पर दिखी दूसरी पहचान
रवि नाम के शख्स के आधार कार्ड पर अंकित क्यूआर कोड को स्कैन किया तो पाया गया कि यह किसी अभिषेक कुमार पटेल निवासी ग्राम सतोह जिला जालौन का है। इसका आधार नंबर भी अलग था। जबकि रवि के आधार कार्ड पर आधार नंबर अलग अंकित था। जब रवि उत्तर पुस्तिकाएं जमा करने आए तो उनसे उनका मूल आधार मांगा गया, जो काफी देर तक नानुकुर करने के बाद दिया गया, वो भी फर्जी पाया गया। इस संपूर्ण मामले का संज्ञान प्राचार्य द्वारा विश्वविद्यालय के कुलपति एवं परीक्षा नियंत्रक को भी भेज दिया गया है।