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जिए तो जिए कैसे हनुमान जी, जब तहसीलदार और SDM ही चुप्पी साधे हैं

हनुमान प्रसाद अवस्थी सिर्फ नाम ही नहीं है इनके बजरंगी होने का एहसास फिरंगियों को भी हो गया था। सीतापुर के  ब्रह्रमावली गांव में जंग ए आजादी के एक मात्र हस्ताक्षर बचे हैं। लेकिन ये वयोवृद्ध 105 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जिए तो जिए कैसे जब तहसीलदार और एसडीएम ही चुप्पी साधे हैं।

Anoop Ojha
Published on: 2 March 2019 1:00 PM GMT
जिए तो जिए कैसे हनुमान जी, जब तहसीलदार और SDM ही चुप्पी साधे हैं
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हनुमान प्रसाद अवस्थी सिर्फ नाम ही नहीं है इनके बजरंगी होने का एहसास फिरंगियों को भी हो गया था। सीतापुर के ब्रह्रमावली गांव में जंग ए आजादी के एक मात्र हस्ताक्षर बचे हैं। लेकिन ये वयोवृद्ध 105 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जिए तो जिए कैसे जब तहसीलदार और एसडीएम ही चुप्पी साधे हैं।

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दसअसल इनके खेत तक जाने वाले चक मार्ग पर कब्जा हो गया है। लिखा पढ़ी तो इन्होंने बहुत की, लेखपाल ने भी जांच आख्या में तहसीलदार साहब ​को बता दिया कि गाटा संख्या 27 सरकारी अभिलेखों में चक मार्ग के नाम से दर्ज है। कब्जेदारों के विरूद्ध धारा 67 की कार्रवाई की जा चुकी है। और फाइल बंद कर दी। बयोवृद्ध होने के नाते चलने फिरने में असमर्थ शतायु पार स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के पोते अनिरूद्ध अवस्थी ही भाग दौड़कर तहसील में चक्कर काट रहे हैं। बीते 26 जनवारी को तहसील प्रशासन ने लेखपालों को भेज कर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हनुमान प्रसाद अवस्थी को शाल और सम्मान दिया था, उसी समय अनिरूद्ध ने प्रार्थना पत्र दिया था लेकिन उस भी तहसील प्रशासन को शर्म न आयी।

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अब वयोवृद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी इतने आहत हैं कि वो इसके लिए सीएम से मिलेंगे।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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