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विकास एनकाउंटर की पूरी कहानी: यूपी एसटीएफ की जुबानी, ऐसे हुई थी वारदात
यूपी के कानपुर में चौबेपुर के बिकरू गांव में 2 जुलाई की रात 8 बजे की बात है। जब 8 पुलिसकर्मियों की माफिया विकास दुबे ने हत्या की थी, उसकी पूरी कहानी यूपी एसटीएफ की तरफ से दर्ज एफआईआर में सामने आई है।
कानपुर: यूपी के कानपुर में चौबेपुर के बिकरू गांव में 2 जुलाई की रात 8 बजे की बात है। जब 8 पुलिसकर्मियों की माफिया विकास दुबे ने हत्या की थी, उसकी पूरीव कहानी यूपी एसटीएफ की तरफ से दर्ज एफआईआर में सामने आई है। उज्जैने के महाकाल मंदिर से 9 जुलाई से पकड़ा गया विकास दुबे लाते समय कानपुर के भौंती के पास एनकांउटर में मारा गया। जिसके बाद इस मामले में एफआईआर दर्ज हो गई है। दर्ज कराई ये एफआईआर एसटीएफ के सीओ टीबी सिंह ने दर्ज कराई है।
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विकास की गाड़ी को बार-बार बदला
यूपी एसटीएफ की तरफ से दर्ज एफआईआर में जिक्र है कि उज्जैन से कानपुर लाने के दौरान सुरक्षा को देखते हुए विकास की गाड़ी को बार-बार बदला जा रहा था, जिससे किसी को यह ना पता चल सके कि विकास किस गाड़ी में बैठा है।
आपको बता दें कि विकास दुबे एनकाउंटर से ठीक पहले सफारी गाड़ी में बैठा था, लेकिन जो गाड़ी पलटी वह महिंद्रा टीयूवी 300 थी। इसके बाद मीडिया से लेकर विपक्षी दल सभी ने एनकाउंटर पर सवाल उठाए थे।
दर्ज एफआईआर के अनुसार, जिस कार में विकास दुबे बैठा था उसमें इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी, सिपाही प्रदीप कुमार, दरोगा अनूप सिंह, पंकज सिंह व अन्य सिपाही बैठे थे। बारा टोल प्लाजा क्रॉस करते ही भारी बारिश शुरू हो गई थी।
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मवेशियों का एक झुंड आ गया
कानपुर की ओर यूपी एसटीएफ की गाड़ियां बढ़ रही थी कि अचानक विकास दुबे वाली जीप के दाएं तरफ से मवेशियों का एक झुंड आ गया, जिसकी वजह से ड्राइवर ने अपनी जीप बाईं तरफ काटी तो जीप डिवाइडर से टकराकर पलट गई।
दर्ज एफआईआर के मुताबिक, इस दुर्घटना में जीप में बैठे पुलिसकर्मी बेहोश हो गए। इस दौरान विकास दुबे ने इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी की सर्विस पिस्टल छीनी और जीप के पीछे वाले दरवाजे से भाग निकला।
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विकास ने फायरिंग शुरू कर दी
माफिया विकास दुबे कच्ची सड़क से खेत की तरफ भाग रहा था, तभी पीछे से आ रही एसटीएफ की जीप से सीओ टीबी सिंह अपनी टीम के साथ उतरे और विकास के पीछे भागे। जिस पर विकास ने फायरिंग शुरू कर दी और एक गोली टीबी सिंह के सीने पर लगी, लेकिन बुलेट प्रूफ जैकेट पहने होने के कारण टीबी सिंह को कुछ नहीं हुआ।
साथ ही विकास की फायरिंग में एसटीएफ के सिपाही शिवेंद्र सिंह सिंगर और विमल कुमार को भी एक-एक गोली लगी। विकास की फायरिंग के जवाब में दरोगा विनोद सिंह ने सरकारी पिस्टल से एक, सिपाही विमल कुमार ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से 2, एसटीएफ के कमांडो सर्वेश ने एके-47 से तीन गोलियां चलाईं।
तब इसी जवाबी फायरिंग में विकास दुबे बुरी तरह घायल हुआ और इलाज के दौरान अस्पताल में लाया गया जहां उसकी मौत हो गई। इस एफआईआर में यूपीएसटीएफ ने घटना की पूरी जानकारी नाम दी है।
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