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सावधान! आज व कल न जाएं गल्ला मंडी, व्यापारियों ने इसलिए की है बंदी

यूपी की सभी गल्ला मंडियों में व्यापारियों से मंडी शुल्क और यूजर चार्ज को पूरी तरह खत्म करने की मांग को लेकर 19 व 20 जून को लखनऊ समेत यूपी की सभी गल्ला मंडिया बंद रहेंगी।

Roshni Khan
Published on: 19 Jun 2020 6:48 AM GMT
सावधान! आज व कल न जाएं गल्ला मंडी, व्यापारियों ने इसलिए की है बंदी
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लखनऊ: यूपी की सभी गल्ला मंडियों में व्यापारियों से मंडी शुल्क और यूजर चार्ज को पूरी तरह खत्म करने की मांग को लेकर 19 व 20 जून को लखनऊ समेत यूपी की सभी गल्ला मंडिया बंद रहेंगी। लखनऊ व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल व डालीगंज राइज एवं दाल मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भारतभूषण गुप्ता ने सीतापुर रोड स्थित नवीन गल्ला मंडी को इस बंदी का एलान करते हुए बताया कि गल्ला व्यापारियों के समर्थन में फल और सब्जी मंडी भी बंद रहेगी।

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व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल ने कहा

अग्रवाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के तत्वाधान में मंडी के अंदर कारोबार करने वाले व्यापारियों से मंडी शुल्क और यूजर चार्ज को पूरी तरह खत्म कराने के लिए व्यापार मंडल के प्रमुख प्रांतीय व्यापारी नेताओं के साथ गुरुवार को बैठक हुई। इसमें निर्णय लिया गया कि 19 और 20 जून को लखनऊ सीतापुर रोड स्थित नवीन गल्ला मंडी समेत प्रदेश की सभी नवीन गल्ला मंडियां बंद रहेंगी। लाखों गल्ला व्यापारी पूरी तरह से हड़ताल पर रहेंगे। सभी गल्ला मंडियों में मंडी सचिव कार्यालय पर धरना देकर ज्ञापन दिया जाएगा। व्यापारी नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री एवं मंडी निर्देशक को मंडी शुल्क एवं यूजर टैक्स समाप्त कराने के लिए ज्ञापन भेजे जाएंगे।

उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, कानपुर, झांसी, इलाहाबाद, बनारस, गोरखपुर, आजमगढ़, आगरा, मथुरा, सहारनपुर आदि कमिश्नरी मुख्यालयों के पदाधिकारियों से बात करने के बाद करने के बाद फैसला किया गया है। वहीं बुलंदशहर जैसे कुछ जनपदों में 19 से 22 जून तक चार दिन की बंदी घोषित की गई है।

दरअसल बीती 05 जून को केंद्र सरकार ने “कृषक उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020” के तहत देशभर में लगने वाले मंडी शुल्क को समाप्त कर कारोबारियों को बढ़ी राहत दी थी। लेकिन यूपी सरकार ने इसे पूरे प्रदेश में लागू करते हुए मंडी के बाहर लगने वाले मंडी शुल्क को समाप्त करने की घोषणा तो कर दी मगर, मंडी के अन्दर लगने वाले मंडी शुल्क को यथावत ही रखा, जिस पर प्रदेश भर के वो कारोबारी जो मंडी के अन्दर अपना आढ़त चलाते है, उन्होंने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए मंडी के अन्दर लगने वाले शुल्क को भी पूरी तरह समाप्त करने की मांग पर अड़े हुए है।

इस पर व्यापारियों ने कहा ये

व्यापारियों का कहना है कि इस अध्यादेश के लागू होने से उत्तर प्रदेश में गल्ला मंडियों व सब्जी मंडियों के बाहर कृषि उत्पाद की खरीदने और बेचने पर कोई मंडी शुल्क नही लगेगा और न ही मंडी समितियों के कई कागजातों की लंबी प्रक्रिया से गुजरना पडेगा। यहां तक कि मंडियों के बाहर कृषि उत्पादों की खरीद बिक्री के लिए किसी भी तरह के लाइसेंस की अब जरूरत भी नही होगी।

लेकिन इस अध्यादेश के लागू होने से उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी अधिनियम द्वारा संचालित मंडी शुल्क या यूजर चार्ज लेने वाली प्रदेश की गल्ला व सब्जी मंडियों में कृषि उत्पादों की आवक में आने वाले दिनों में भारी कमी हो जायेगी, जिससे मंडियों के अंदर व्यापार करने वाले आढतियों व व्यापारियों का व्यापार समाप्त हो जाएगा, क्योकि सरकार ने मंडी के बाहर लगाने वाले मंडी शुल्क को तो समाप्त कर दिया है मगर मंडी के अन्दर लगाने वाले शुल्क को यथावत ही रखा है। अब उनके सामने बस एक ही रास्ता बचा है कि वो इन मंडियों से अपना कारोबार समेट कर शहर में कही और अपनी आढ़त खोल लें, जिससे उन्हें मंडी शुल्क ना देना पड़े।

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गल्ला व्यापारियों ने बताया कि इससे मंडी परिसर में बिकने वाले सामान के भाव और मंडी परिसर के बाहर बिकने वाले सामानों के भाव में भी काफी अंतर आ जाएगा, जिसकी वजह से थोक और फुटकर व्यापारी मंडी परिसर आने के बजाय बाहर से ही माल खरीदना पसंद करेंगे। उनके मुताबिक अभी तक मंडी के अन्दर या मंडी के बाहर 1.5 प्रतिशत से 2.5 प्रतिशत मंडी शुल्क कारोबारियों को देना पड़ता था, जो अब मंडी के बाहर नहीं देना पडेगा बल्कि मंडी के अन्दर ये शुल्क कारोबारियों को अभी भी चुकाना पड़ेगा।

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