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मास्क पर मचा बवाल: गांधी आश्रम, यूपी सरकार के तय रेट पर कपड़ा देने को तैयार नहीं
इन मास्क की खासियत यह होगी कि इसे एक बार उपयोग करने के बाद धोकर फिर से उपयोग में लाया जा सकेगा। हालांकि सरकार ने खादी के मास्क बांटने का ऐलान तो कर दिया, लेकिन जिन्हें इस मास्क के लिए कपड़े देने की जिम्मेदारी मिली है, वह यह कपड़ा सरकार को उस रेट पर देने को कतई तैयार नहीं।
बाराबंकी: कोरोना वायरस को हराने के लिए प्रदेश सरकार युद्ध स्तर पर तैयारी कर रही है। वहीं इस बीच योगी सरकार ने फैसला लिया कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए खादी के मास्क बनाए जाएंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने 66 करोड़ ट्रिपल लेयर वाले विशेष खादी के मास्क बनाने के आदेश भी दे दिए। गरीब जनता को ये खादी के मास्क मुफ्त में बांटे जाने की सरकार की योजना है।
सरकारी रेट पर कपड़ा देने को तैयार नहीं गांधी आश्रम
इन मास्क की खासियत यह होगी कि इसे एक बार उपयोग करने के बाद धोकर फिर से उपयोग में लाया जा सकेगा। हालांकि सरकार ने खादी के मास्क बांटने का ऐलान तो कर दिया, लेकिन जिन्हें इस मास्क के लिए कपड़े देने की जिम्मेदारी मिली है, वह यह कपड़ा सरकार को उस रेट पर देने को कतई तैयार नहीं। उनका कहना है कि मास्क के लिए सरकार जिस रेट पर कपड़ा हमसे चाह रही है, हम उतने में नहीं दे पाएंगे। क्योंकि उसमें हमारी लागत भी नहीं निकल रही, जिससे उनका काफी नुकसान हो रहा है।
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बाराबंकी और सुल्तानपुर के लिए मिला है आर्डर
बाराबंकी गांधी आश्रम के मंत्री रवि कांत पांडेय ने बताया कि हमें बाराबंकी और सुल्तानपुर के लिए आर्डर मिला है। हमें इन दो जिलों में मास्क बनाने के लिए कपड़ा देना है। लेकिनम सरकार ने इसके लिए 65 रुपए का रेट लगाया है और वह काफी कम है। हालांकि सरकार और हमारे बोर्ड के बीच रेट के लेकर बात चल रही है।
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जिसके बाद 84 रुपए से 102 रुपए मीटर के रेट में कपड़ा देने को लेकर बात चल रही है। उनका कहना है कि अगर सरकार 102 रुपए में कपड़ा लेने को तैयार हो जाती है तो हम दे देंगे। हालांकि 102 रुपए के रेट में भी कपड़ा देने पर भी हमारा नुकसान है। फिर भी इस आपदा में गांधी आश्रम इतना नुकसान सहने के लिए तैयार है। लेकिन 65 रुपए कपड़ा देने में हमारा काफी नुकसान होगा, जो हम लोग सहने की हालत में नहीं हैं।