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गंगा प्रदूषण मामले की सुनवाई टली
गंगा प्रदूषण मामले की सुनवाई एक न्यायमूर्ति के अलग होने के कारण नहीं हो सकी। जनहित याचिका की सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति वीके नारायण, न्यायमूर्ति मनोज मिश्र तथा न्यायमूर्ति अशोक कुमार की पूर्णपीठ गठित की गयी थी।
प्रयागराज: गंगा प्रदूषण मामले की सुनवाई एक न्यायमूर्ति के अलग होने के कारण नहीं हो सकी। जनहित याचिका की सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति वीके नारायण, न्यायमूर्ति मनोज मिश्र तथा न्यायमूर्ति अशोक कुमार की पूर्णपीठ गठित की गयी थी।
याची अधिवक्ता विजय चन्द्र श्रीवास्तव व अधिवक्ता सुनीता शर्मा ने बताया कि 2016 के बाद सुनवाई नहीं हो पा रही है। इससे पहले भी न्यायमूर्तियों के अलग होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी थी। अब याचिका नई पीठ गठित करने के लिए मुख्य न्यायाधीश को भेजी गयी है।
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गंगा प्रदूषण याचिका में गंगा किनारे स्थित शहरों में एसटीपी निर्माण, गंगा के अधिकतम बाढ़ बिंदु से 500 मीटर तक निर्माण पर रोक, कानपुर चर्म उद्योग को शिफ्ट करने का मामला, गंगा में न्यूनतम जल प्रवाह कायम रखने का मुद्दा, पालीथीन प्रयोग के साथ नालों को सीधे गंगा में गिरने, व लाश गंगा में फेंकने के मुद्दे विचाराधीन है। भारत सरकार की तरफ से अधिवक्ता राजेश त्रिपाठी ने पक्ष रखा।
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