×

ठंडे हुए ‘उज्ज्वला’ के चूल्हे, महंगाई के चलते लोग नहीं भरवा रहे सिलेंडर

राजबाला का कहना है कि प्रधानमंत्री की तरफ से सिलेंडर मिला था जिसके बाद वह केवल तीन ही महीने चल पाया है और महंगाई के कारण सिलेंडर नहीं भरवा पाए क्योंकि इतनी आमदनी नहीं है

suman
Published on: 6 March 2021 1:13 PM GMT
ठंडे हुए ‘उज्ज्वला’ के चूल्हे, महंगाई के चलते लोग नहीं भरवा रहे सिलेंडर
X
महंगाई की मार से गैस सिलेंडर बने शोपीस

शामली : प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत गरीबों को वितरित किए गए गैस सिलेंडर अब शोपीस बन गए हैं। एक परिवार का कहना है कि महंगाई की मार सिलेंडरों पर ऐसी पड़ी की घर में रहने वाली बहू ममता को चूल्हे पर पर खाना बनाने की आदत नहीं है मजबूरी में उनकी सास को ही खाना बनाना पड़ता है बच्चों के लिए दूध भी सास को ही गर्म करना पड़ता है।

एलपीजी गैस सिलेंडर

बता दें मामला कोतवाली क्षेत्र के गांव पुराना का है यहां करीब 6 माह पहले प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत एक परिवार को एलपीजी गैस सिलेंडर मिला था जिसके बाद ऐसा लगा था कि गरीब परिवार अब कभी भी चूल्हे पर खाना नहीं बनाएगा ,लेकिन महंगाई की मार ऐसी पड़ी की कुडाना में राजबाला का परिवार 6 महीने से चूल्हे पर ही खाना बनाना पड़ रहा है क्योंकि महंगाई की मार ऐसी पड़ी कि घर में उन्हें पहले से ही प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में गैस सिलेंडर मिला हुआ है लेकिन लगातार बढ़ रहे गैस के दामों की वजह से पिछले कई माह से यह परिवार सिलेंडर में गैस नहीं भरवा रहा है जिसकी वजह से बहू की तो मजबूरी है कि वह साधारण चूल्हे पर खाना नहीं बना सकती और मजबूरी में इनकी सास को ही खाना बनाना पड़ता है।

अब सवाल उठता है कि सरकार ने गरीबों को उज्जवला योजना के अंतर्गत सिलेंडर तो दे दिए लेकिन लगातार होती महंगी गैस की वजह से उनके यह सिलेंडर शोपीस बनकर रह गए हैं जिनका खामियाजा बेचारी सास को भुगतना पड़ रहा है !

यह पढ़ें...झारखंड में निवेश की तलाश में दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री, उद्योग जगत के साथ की चर्चा

उज्जवल योजना

ममता का कहना है कि हमें चूल्हे पर खाना बनाना नहीं आता है और 6 महीने से हमारी सास ने सिलेंडर भी नहीं भरवाया है क्योंकि सिलेंडर महंगा होता जा रहा है जिसकी वजह से 6 महीने हो गए हैं अब तक सिलेंडर नहीं भरा गया है और मुझे आदत नहीं है चूल्हे पर खाना बनाने की सारा काम मेरी सास को ही करना पड़ता है और गरीब लोगों को मोदी जी ने उज्जवल योजना के तहत फ्री में सिलेंडर तो दिए लेकिन उनका कोई भी फायदा नहीं हुआ क्योंकि 3 महीने केवल सिलेंडर चला है उसके बाद महंगाई ऐसी मार पड़ी कि सब कुछ वैसा का वैसा ही रह गया पहले तो मोदी जी ने सिलेंडर दे दिया और अब खाल थाने पर लगे हुए हैं इतनी महंगाई मोदी जी को सोचनी चाहिए कि आगे गरीब परिवार का घर कैसे चलेगा।

mahngai

खाना बनवाना हमारी मजबूरी

राजबाला का कहना है कि प्रधानमंत्री की तरफ से सिलेंडर मिला था जिसके बाद वह केवल तीन ही महीने चल पाया है और महंगाई के उससे सिलेंडर नहीं भरवा पाए क्योंकि इतनी आमदनी नहीं है जिसकी वजह से 6 महीने से हमें चूल्हे पर ही खाना बनाना पड़ रहा है और गरीब कर ही क्या सकता है खाना बनवाना हमारी मजबूरी है जीना है तो इसलिए खाना बनाना है बस इतना है कि गैस सिलेंडर से एकदम खाना बन जाता था इसमें धुँए का लेना पड़ता है और आंखें खराब हो जाती हैं !

यह पढ़ें...बाराबंकी: गंगा-जमुनी तहजीब की अनोखी मिसाल, फूल बरसाकर कांवड़ियों का स्वागत

सिलेंडर के रेट

सुशीला का कहना है कि वैसे इतने नहीं है कि हम सिलेंडर खरीद सकें और मोदी सरकार ने सिलेंडर के रेट बहुत बड़ा दिए हैं कितना बजट नहीं है फिर तो चूल्हे पर ही खाना बनाना पड़ता है गोसे भी गीले है कुछ तो हम अंधे हो ही रहे थे और धुँए से और अंधे हो गए हमने तो मोदी को वोट दी थी और आगे भी देंगे लेकिन मोदी ने हमारे साथ ऐसा कर दिया यह अच्छी बात नहीं है उज्जवल योजना के तहत हमें क्या फिलैंडर मिला था 6 महीने से डर नहीं भरवाया है और 6 महीने से चूल्हे पर ही खाना बना रहे हैं बहुए तो खाना बनाती नहीं चूल्हे पर हमें ही खाना बनाना पड़ता है !

रिपोर्ट पंकज प्रजापति

suman

suman

Next Story