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Ghaziabad News: CGST सुपरिटेंडेंट ममता राणा, इंस्पेक्टर प्रशांत जैन को CBI ने अरेस्ट कर भेजा जेल
Ghaziabad News: सीबीआई एंटी करप्शन की टीम ने एक्टिवेशन के नाम पर घूस लेने वाले आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। मालूम हो के दस हजार घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा गया था।
Ghaziabad News: . ‘लालच करना बुरी बला है।‘ इस प्रचलित कहावत को आज केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST) के उन दो कर्मचारियों से भला बेहतर कौन समझेगा जिसे महज 10 हजार रूपये की घूस लेते हुए पकड़ लिया गया। सीबीआई की एंटी करप्शन टीम ने गाजियाबाद में तैनात CGST सुपरिटेंडेंट ममता राणा और इंस्पेक्टर प्रशांत जैन को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। ये पूरा मामला बड़ा ही दिलचस्प है, अगर आरोपी कर्मचारी अपने लालच को थोड़ा भी काबू में कर लेते तो आज उन्हें ये दिन न देखना पड़ता।
क्या है पूरी कहानी ?
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे यूपी के नोएडा में एडवर्ड प्राइवेट लिमिटेड नामक एक कंपनी है। इसके एमडी दीपक साहू हैं। साहू सीजीएसटी (CGST) क्लियर कराने के लिए नोएडा स्थित दफ्तर गए, जैसा कि सरकारी कामों में होता आया है, उनसे घूस की मांग की गई। एक्टिवेशन के लिए उनसे पूरे 5 लाख रूपये की मांग की गई। कारोबारी दीपक साहू ने 4 लाख 90 हजार दे भी दिए और 10 हजार छोड़ देने की गुहार लगाई। लेकिन CGST सुपरिटेंडेंट ममता राणा और इंस्पेक्टर प्रशांत जैन इसके लिए राजी नहीं हुए।
दोनों कर्मचारियों ने कंपनी के एमडी दीपक साहू को स्पष्ट कर दिया कि पांच लाख रूपये से एक रूपये कम पर भी काम नहीं होगा। कर्मचारियों के इस लालची प्रवृति पर पीड़ित कारोबारी दीपक साहू को काफी गुस्सा आया और उन्होंने इन्हें सबक सिखाने की ठान ली। उन्होंने फौरन सीबीआई के एंटी करप्शन विंग में अपनी शिकायत दर्ज कराई। दीपक न सीबीआई को पूरा प्रकरण विस्तार से बताया।
सीबीआई ने बिछाया जाल
सीबीआई ने आरोपी कर्मचारियों की गिरफ्तारी के जाल बिछाया। एंजेंसी के प्लान के मुताबिक, दीपक साहू आरोपी अधिकारियों के पास बचे हुए 10 हजार रूपये लेकर पहुंचे। नोएडा स्थित CGST ऑफिस में जैसे ही दीपक ने सुपरिटेंडेंट ममता राणा को पैसे पकड़ाए, मुस्तैद सीबीआई अधिकारियों ने उन्हें रंग हाथ दबोच लिया। इसके बाद जांच एजेंसी पूछताछ करने उन्हें अपने साथ ली गई। पूछताछ के दौरान राणा ने बताया कि रिश्वत की रकम उनके और इंस्पेक्टर प्रशांत जैन के बीच बंटी है। इसके बाद सीबीआई ने जैन को भी गिरफ्तार कर लिया।
14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए
सीबीआई ने मंगलवार शाम को ही गिरफ्तार करने के बाद दोनों को गाजियाबाद की स्पेशल कोर्ट में पेश कर दिया था। जिसके बाद कोर्ट ने वहां से दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 3 जुलाई को होगी। इस तरह दो सरकारी कर्मचारी मात्र 10 हजार रूपये के लालच में मान, सम्मान और प्रतिष्ठा सबकुछ गंवाकर सलाखों के पीछे पहुंच गए।