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Ghaziabad News: पैसे के लिए बेटी की 2 बार करा दी शादी, गाजियाबाद में 156 शादियां फर्जी, फोटो खिंचवाईं और अलग हो गए
Ghaziabad News: दलालों ने गाजियाबाद में 24 नवंबर 2022 को सामूहिक विवाह के समय कुछ देर के लिए जोड़े ले जाकर बैठा दिए और वहां फोटो खिंचे और कुछ दिनों में पैसा खाते में आ गया। मामला तब उजागार हुआ जब कुछ मजदूरों को पूरा पैसा नहीं मिला तो उन्होंने इधर-उधर इसकी शिकायत करनी शुरू की।
Ghaziabad News: कन्या विवाह योजना में फर्जीवाड़ा सामने आया है। यह फर्जीवाड़ा यूपी के गाजियाबाद से उस समय सामने आया जब लोकायुक्त के आदेश पर जांच हुई। इस जांच में 156 शादियां फर्जी पाई गई हैं। इन युवतियों की शादी या तो कई साल पहले ही हो चुकी है या फिर ये हैं ही नहीं। किसी ने पैसे के लिए अपनी बेटी की दो बार शादी करा दी तो बेटी की शादी होने के बाद दोबारा शादी कराकर पैसे ले लिए। इस खेल को खेलने में दलालों की बड़ी भूमिका रही है।
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दलालों ने इन लोगों को चंद रुपयों का लालच दिया। फिर योजना के फॉर्म पर उनके दस्तखत करा लिए यही नहीं कुछ देर के लिए किसी को भी वर-वधु बनाकर शादी के मंडप में भी बैठा दिया और शादी की फोटो खिंचवाई, खाते में पैसे आए और फिर मंडप में एक साथ बैठे दूल्हा-दुल्हन अलग-अलग हो गए।
जिलाधिकारी ने करीब 800 पेज की जांच रिपोर्ट पिछले हफ्ते ही लोकायुक्त लखनऊ को भेजी है। माना जा रहा है कि इस मामले बहुत जल्द बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
कैसे खुला मामला यह मामला...
गाजियाबाद कलेक्ट्रेट पर खड़ी कुछ महिलाओं का कहना है कि उन्होंने ऐसा कोई आवेदन पत्र नहीं भरा और कागजों में बेटियों की शादी दिखाई गई। दरअसल श्रम विभाग में रजिस्ट्रेशन करने वाले मजदूरों से कुछ दलालों ने संपर्क साधा और कहा कि वे उनको 10-20 हजार रुपए दिला देंगे। उसके बदले कुछ कागजों पर हस्ताक्षर करने होंगे। मजदूरों ने पैसे की खातिर ऐसा ही किया और दलालों को आधार कार्ड, फोटो व अन्य डॉक्यूमेंट्स दे दिए। फिर क्या था इन दलालों ने मजदूरों की बेटियों की शादी के ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भर दिए।
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वहीं दलालों ने श्रम विभाग में साठ-गांठ करके आवेदन पत्र भी मंजूर करा लिए। दलालों ने गाजियाबाद में 24 नवंबर 2022 को सामूहिक विवाह के समय कुछ देर के लिए जोड़े ले जाकर बैठा दिए और वहां फोटो खिंचे और कुछ दिनों में पैसा खाते में आ गया। मामला तब उजागार हुआ जब कुछ मजदूरों को पूरा पैसा नहीं मिला तो उन्होंने इधर-उधर इसकी शिकायत करनी शुरू की। तब जाकर ये पूरा फर्जीवाड़ा सामने आ गया। इस शपथ पत्र में महिला ने स्वीकार किया है कि उनकी बेटी की शादी 2 साल पहले हो चुकी है और दलाल ने साठगांठ करके फर्जीवाड़ा कराया।
नई बस्ती हरवंशनगर के रहने वाले महेंद्र सिंह ने योजना के तहत तीन बेटियों की शादी कराई। सरकार से सवा 2 लाख रुपए लिए। जांच में पता चला कि महेंद्र ने जो तीन बेटियां दिखाई हैं, उसमें से दो बेटियां रियल में हैं ही नहीं। यही नहीं, आधार कार्ड में तीनों की उम्र में जन्मतिथि का अंतर सिर्फ 3 से 5 महीने का है, जो संभव नहीं है।
गांव अमराला के मजदूर धर्म सिंह ने भी अपनी बेटी की शादी दिखाकर सरकार से पैसा ले लिया। जब इसकी जांच की गई तो पता चला कि बेटी की शादी 5 साल पहले ही हो चुकी है। अब उसके बच्चे भी हैं।
आधार में मां की उम्र 30 साल तो बेटी की 27-
वहीं अतरौली गांव की प्रेमवती ने अपनी बेटी निधि की शादी दिखाकर पैसा लिया। जांच में पाया गया कि प्रेमवती ने जिस बेटी के नाम शादी दिखाकर पैसा लिया था, उसकी इस नाम की कोई बेटी ही नहीं है। आधार कार्ड में प्रेमवती की उम्र 30 साल और बेटी की उम्र 27 साल है। यानी जब बेटी पैदा हुई, तब मां की उम्र केवल 3 साल थी, जो संभव नहीं है।
इस महिला की बेटी की शादी 6 साल पहले हो चुकी है, लेकिन कागजों के अनुसार पिछले साल शादी होना दिखाया है।
क्या है कन्या विवाह योजना-
कन्या विवाह योजना का लाभ उन्हीं मजदूरों को मिल सकता है। जिनका श्रम विभाग में रजिस्ट्रेशन कम से कम 365 दिन पुराना हो। ऐसे मजदूरों की बेटियों को शादी के लिए सरकार से 82-82 हजार रुपए की आर्थिक मदद मिलती है। बेटियों की सामूहिक शादी कराई जाती है। इसमें 65 हजार शादी अनुदान, 10 हजार दूल्हा-दुल्हन के कपड़े के लिए और 7 हजार रुपए अन्य व्यवस्थाओं के लिए दिए जाते हैं। गाजियाबाद में 3 जिलों के करीब तीन हजार जोड़ों की सामूहिक शादियां 24 नवंबर 2022 को हुई थीं।
175 में से 156 शिकायतें सही पाई गईं-
भारतीय किसान यूनियन (किसान शक्ति) के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री पंडित गजेंद्र शर्मा ने 16 मार्च 2023 को लोकायुक्त लखनऊ को शादियों में फर्जीवाड़े की शिकायत भेजी थी। उन्होंने 175 फर्जी शादियों की लिस्ट भी सौंपी थी। अप्रैल के पहले सप्ताह में लोकायुक्त ने जांच का आदेश दिया था। उन्होंने इस मामले में गाजियाबाद के जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह से 15 दिन के अंदर जांच रिपोर्ट मांगी। जिलाधिकारी ने जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की जिसने जांच-पड़ताल करने के बाद अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी।
800 पेज की जांच रिपोर्ट उपलोक आयुक्त हो भेजी-
21 अगस्त 2023 को जिलाधिकारी ने करीब 800 पेज की जांच रिपोर्ट उपलोक आयुक्त लखनऊ को भेज दी। रिपोर्ट के अनुसार, जांच में 175 में से 156 शिकायतें सही पाई गई हैं। 2 शिकायतों की पुष्टि नहीं हो पाई और 3 शिकायत गलत हैं। जबकि 175 की लिस्ट में 14 मजदूरों के नाम डबल पाए गए।
डीएम बोले- रिपोर्ट शासन को भेजी
डीएम राकेश कुमार सिंह ने बताया कि लोकायुक्त लखनऊ के आदेश पर शादी योजना में हुई धांधली की जांच आई थी। जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। चूंकि मामले में लोकायुक्त ने संज्ञान लिया है, इसलिए वहीं से निर्देश मिलने के बाद इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सिहानी गेट थाने में हो चुकी है एफआईआर-
मई-2023 में गाजियाबाद के थाना सिहानी गेट में 7 युवतियों के खिलाफ फ्रॉड की एफआईआर कराई गई थी। ये युवतियां पहले से शादीशुदा थीं और सरकार से पैसा पाने के लिए सामूहिक विवाह के तहत दोबारा शादी दिखा दी। बुलंदशहर में भी इस तरह के कई फर्जी मामले पकड़े गए हैं। वहीं कुछ मजदूरों से पैसा रिकवर भी हो चुका है। यहां श्रम विभाग के तीन लोग सस्पेंड भी हो चुके हैं। नोएडा में भी साल-2018 में शादियों में फर्जीवाड़ा पकड़ा गया था।
गाजियाबाद में यह फर्जीवाड़ा सामने आया है तो अब कयास लगाए जा रहे हैं कि इस तरह के मामले यूपी के अन्य जिलों से भी आ सकते हैं।