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Ghazipur News: अफजाल अंसारी की याचिका पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, 12 जुलाई को अगली सुनवाई

Ghazipur News: माफिया मुख्तार अंसारी के भाई और बसपा से पूर्व सांसद अफजाल अंसारी की याचिका पर आज मंगलवार (4 जुलाई) को सुनवाई हुई। जस्टिस राजीव मिश्र की सिंगल बेंच इस मामले की सुनवाई की। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 12 जुलाई तय की है।

Jugul Kishor
Published on: 4 July 2023 2:58 PM IST (Updated on: 4 July 2023 3:03 PM IST)
Ghazipur News: अफजाल अंसारी की याचिका पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, 12 जुलाई को अगली सुनवाई
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अफजाल अंसारी ( सोशल मीडिया)

Ghazipur News: माफिया मुख्तार अंसारी के भाई और बसपा से पूर्व सांसद अफजाल अंसारी की याचिका पर आज मंगलवार (4 जुलाई) को सुनवाई हुई। जस्टिस राजीव मिश्र की सिंगल बेंच इस मामले की सुनवाई की। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 12 जुलाई तय की है। माना जा रहा था कि हाइकोर्ट अगर अफजाल अंसारी के चार साल की सजा पर रोक लगा देता है, तो अफजाल की लोक सभा सद्स्यता बच सकती है, क्योंकि गाजीपुर में अभी उपचुनाव की घोषणा नहीं की गई है। अफजाल अंसारी ने गैंगस्टर एक्ट में मिली चार साल की सजा के खिलाफ हाइकोर्ट में याचिका दाखिल की है।

MP/MLA कोर्ट ने सुनाई थी चार साल की सजा

गाजीपुर के एमपी/एमएलए कोर्ट ने अफजाल अंसारी और उसके भाई माफिया मुख्तार अंसारी को 16 साल पहले कृष्णानंद राय हत्याकांड और रूंगटा अपहरण मामले में दोषी ठहराया था। कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दस साल की सजा सुनाई थी साथ ही पांच लाख रूपए का जुर्माना लगाया था। इसके अलावा अफजाल अंसारी को चार साल की सजा और एक लाख रूपए का जुर्माना लगाया था। कोर्ट से सजा मिलने के बाद अफजाल अंसारी की लोकसभा सदस्याता रद्द कर दी गई थी। वहीं सजा मिलने के तुरंत बाद से ही अफजाल अंसारी के गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद से वो गाजीपुर जिला जेल में बंद है। ये नियम है कि अगर किसी सांसद या विधायक को दो साल से ज्यादा की सजा मिलती है तो उसकी सदस्यता रद्द कर दी जाती है।

बता दें कि अफजाल अंसारी 2019 में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन के टिकट पर सांसद चुने गए थे। साल 2019 में वह दूसरी बार सांसद बने थे। कृष्णानंद राय हत्याकांड में पहले उन्हे बरी कर दिया गया था, लेकिन इसी मामले में जुड़े गैंगस्टर एक्ट में एमपी/एमएलए कोर्ट ने उन्हे दोषी करार दिया था।



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Jugul Kishor

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