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चिन्मयानंद से डरने लगी हैं छात्राएं! DM-SP भी लेते हैं इस संत से आशीर्वाद
वही छात्राओं ने मान लिया है कि स्वामी चिन्मयानंद ने गुनाह किया है। छात्राओं का कहना है कि एसआईटी ने जांच की। जांच मे चिन्मयानंद पर लगे आरोप सही पाए गए। उसके बाद कोर्ट ने उनकों जेल भेजा।
आसिफ अली
शाहजहांपुर: यूपी के शाहजहांपुर में लाॅ कालेज की छात्रा द्वारा स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगने के बाद राजनीति से लेकर आम लोगों मे भूचाल आ गया था। राजनीति मे भूचाल इसलिए आया था क्योंकि आरोपी चिन्मयानंद प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के बेहद करीबी है। इस घटना मे बङी खबर बीते सोमवार को मिली थी। हाईकोर्ट से चिन्मयानंद की जमानत मंजूर हो गई थी। चिन्मयानंद से पांच करोड़ की रंगदारी मांगने वाली छात्रा और उसके तीन दोस्तों को भी जेल जाना पड़ा था। लेकिन उनकी पहले ही जमानत मिल चुकी थी। लेकिन आज हम आपको इस घटना के उतार चढ़ाव बताएंगे। और साथ ही अब चिन्मयानंद की जमानत मंजूर होने के बाद लोगों से उनकी राय जानने की कोशिश की। आखिर अब उनकी नजर मे चिन्मयानंद की छवी कैसी रही है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, करीब चार माह पहले अचानक एक वीडियो वायरल होता है और उस वीडियो मे पूर्व केन्द्रीय ग्रह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयान्नद के कालेज मे पङने वाली लाॅ की छात्रा रो रोकर चिन्मयानंद पर अपहरण का आरोप लगा रही थी। इतना ही नही उस वीडियो मे वह अपनी जान का खतरा भी बता रही थी। आरोप एक बङे नेता एंव संत पर लगा था। यही कारण था कि वीडियो मीडिया की सुर्खियां बन गया। हालांकि उस वक्त पीङित छात्रा के परिवार ने चौक कोतवाली जाकर पुलिस से आरोपी चिन्मयान्नद पर कार्यवाई की मांग की थी। लेकिन आरोप ऐसे शख्स पर था जो यूपी के सीएम के बेहद करीबी थे। इसलिए पुलिस कार्यवाई से बचती रही और एफआईआर दर्ज करने मे पुलिस ने दो दिन विलंब कर दिया।
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इसी बीच स्वामी चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह मीडिया के सामने आते है और बताते है कि चिन्मयानंद के मोबाइल नंबर पर कुछ अश्लील फोटो भेजे गए है। जिसमे चिन्मयानंद दिखाई दे रहे हैं। और फोटो भेजने वाले शख्स चिन्मयानंद से पांच करोड़ की रंगदारी मांग रहे है। साथ ही धमकी भी दी है कि अगर रंगदारी का पैसा नही मिला तो वह वीडियो को वायरल करके उनको बदनाम कर देंगे।
चिन्मयानंद के वकील ने रंगदारी मागने का आरोप यौन शोषण का आरोप लगाने वाली छात्रा और उसके तीन दोस्तों पर लगाया था। इसी के आधार पर उनके वकील ने चौक कोतवाली मे तहरीर दी ओर उस तहरीर के आधार पर पुलिस ने तत्काल मुकदमा भी दर्ज कर लिया। और उसके बाद पुलिस ने पीङित छात्रा के पिता की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया था।
छात्रा ने चिन्मयानंद पर गंभीर आरोप लगाकर अपनी जान का खतरा बताया था
इसी बीच घटना ने इतना तूल पकड़ा कि घटना का संज्ञान सुप्रीम कोर्ट ने ले लिया और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को कुछ घंटे का वक्त देकर छात्रा को बरामद कर उनके सामने पेश करने का निर्देश दिया। दिल्ली पुलिस ओर यूपी पुलिस की संयुक्त टीम ने छात्रा और उसके तीन दोस्तों को राजस्थान से बरामद कर लिया था। उसके बाद उन्होंने छात्रा और उसके दोस्तों को सुप्रीम कोर्ट के जज के सामने पेश किया। जहां छात्रा ने चिन्मयानंद पर गंभीर आरोप लगाकर अपनी जान का खतरा बताया था। साथ ही छात्रा ने यूपी पुलिस पर भरोसा भी नही दिखाया था। ये सुनकर सुप्रीम कोर्ट ने घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन करने के आदेश दिये। साथ ही एसआईटी की निगरानी हाईकोर्ट को सौपी थी।
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एसआईटी का चीफ वरिष्ठ आईपीएल नवीन अरोड़ा को बनाया गया। उनकी देखरेख मे कई सदस्य टीम पहुची। उस टीम ने पुलिस लाईन मे अपना आफिस तैयार किया। उसके बाद कई बार एसआईटी ने लाॅ कालेज मे जाकर उस कमरे की तलाशी ली। जिसमे पीङित छात्रा रहती थी। वहां कई अहम सुबूत एसआईटी को मिले थे। उसके बाद जिस रूम मे छात्रा और चिन्मयानंद का अश्लील वीडियो बनाया गया था। उस रूम की भी जांच की गई। जहां से एसआईटी को चिन्मयानंद की गिरफ्तारी को लेकर पर्याप्त सुबूत मिल गए थे। उसके बाद 20 सितम्बर 2019 को सुबह 8 बजे एसआईटी ने अचानक स्वामी चिन्मयानंद को गिरफ्तार करके उनको मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर मेडिकल के लिए ले जाया गया। ये खबर फैलते ही शाहजहांपुर मे हङकंप मच गया था।
चिन्मयानंद को 14 दिन कि न्यायिक हिरासत मे जेल भेज दिया था
चिन्मयानंद के समर्थकों को देखते हुए मेडिकल कॉलेज मे भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। मेडिकल कराने के बाद एसआईटी ने आरोपी चिन्मयान्नद को कोर्ट मे पेश किया था। कोर्ट ने चिन्मयानंद को 14 दिन कि न्यायिक हिरासत मे जेल भेज दिया था। उसके उसके बाद करीब दो माह 19 दिन के बाद बीते सोमवार को चिन्मयानंद को अच्छी खबर मिली कि उनको हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। हालांकि अभी चिन्मयानंद जेल से बाहर नही आ पाए है। काग़ज़ी कार्यवाई पूरा होने मे करीब सात दिन वक्त बताया गया है। चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने newstrack.com से बात करते हुए कहा कि हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। अभी मिठाई खाने का दिन है। इसलिए ज्यादा कुछ बता पाना मुश्किल है। उनका कहना है कि चिन्मयानंद को अभी जेल से बाहर आने मे करीब एक हफ्ते का समय लग सकता है।
20 सितम्बर 2019 की सुबह करीब 8 बजे आरोपी चिन्मयान्नद की गिरफ्तारी हो गई थी
20 सितम्बर 2019 की सुबह करीब 8 बजे आरोपी चिन्मयान्नद की गिरफ्तारी हो गई थी। 11 बजे तक एसआईटी ने आरोपी चिन्मयान्नद को कोर्ट मे पेश करके 14 दिन की न्यायिक हिरासत मे भेज दिया था। उसके कुछ देर बाद एसआईटी उन तीन युवकों को भी पकड़कर मेडिकल कराने लाई थी। जो यौन उत्पीड़न से पीङित छात्रा के दोस्त थे और वह तीनों दोस्त छात्रा के गायब रहने के दौरान उसके साथ रहे थे। उस दौरान कई जगह के छात्र और छात्रा के मस्ती करते और खाते पीते तक के फोटो और वीडियो वायरल हुए थे। जिसमे छात्रा और उसके दोस्तों ने पांच करोड़ की रंगदारी मांगने की बात कबूली थी। वीडियो वायरल होने के बाद एसआईटी ने उन विडियो की जांच कराई। जो जांच मे ठीक पाए थे। जिसके आधार पर एसआईटी ने तीनों दोस्तों को गिरफ्तार करके मेडिकल कराया गया था। जिसके बाद कोर्ट ने तीनों दोस्तों को 14 दिन कि न्यायिक हिरासत मे भेज दिया था।
चिन्मयानंद की गिरफ्तारी के कुछ दिन बाद ही एसआईटी ने छात्रा को भी रंगदारी मांगने के आरोप मे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। छात्रा की गिरफ्तारी के वक्त छात्रा के परिवार ने काफी हंगामा किया था। छात्रा ने पुलिस पर पीटने का भी आरोप लगाया था।
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इस घटना मे सभी की गिरफ्तारी हो चुकी थी। लेकिन इस घटना को राजनीति तूल दे दिया था। इस घटना को सपा और कांग्रेस ने जमकर मुद्दा बनाया था। कांग्रेस ने शाहजहांपुर से लेकर लखनऊ तक की बङी रैली निकालने का ऐलान किया था। लेकिन जिला प्रशासन ने उस रैली की परमीशन नही थी। लेकिन रैली निकालने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव त्यागी से लेकर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष लल्लू सिंह समेत सैंकड़ों नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शाहजहांपुर मे जमावड़ा किया था। लेकिन उस दिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने बल का प्रयोग किया था। इतना ही नही करीब तीन सौ कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं की गिरफ्तारी हुइ थी। लेकिन बाद उनको छोड़ दिया गया था।
कैसा रहा है चिन्मयानंद के अब तक का सफर
अब बात करते है स्वामी चिन्मयान्नद का राजनीति मे क्या कद है। चिन्मयानंद ने राम जन्मभूमि को लेकर अहम भुमिका निभाई थी। उनके जरिये कई ऐसे संत थे जो राम जन्मभूमि से जुड़े।
उनको पहली बार सन1991 मे बीजेपी ने चिन्मयानंद को बदायूं से टिकट दिया। तब उन्होंने जनता दल के शरद यादव को हराकर सांसद बने थे।
सन 1996 मे चिन्मयानंद ने शाहजहांपुर से चुनाव लड़ा लेकिन हार मिली।
1998 मे उनको मछली शहर और 1999 मे जौनपुर सीट से बीजेपी ने मैदान मे उतारा और दोनो ही सीटो पर उनको जीत मिली।
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1999 की जीत के बाद अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार मे चिन्मयानंद को ग्रह राज्यमंत्री बनाया गया था।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भी बेहद करीबी माने जाते है चिन्मयानंद। शाहजहांपुर मे चिन्मयानंद ने मुमुक्षु शिक्षा संकुल नाम से ट्रस्ट बनाया और उसके जरिए कई छोटे बड़े कालेज खोले गए। कालेज मे एक कार्यक्रम मे सीएम योगी आदित्यनाथ भी शिरकत कर चुके है। वही माना यू जाता रहा है कि शाहजहांपुर मे डीएम या फिर एसपी पोस्टिंग के बाद एक बार वह स्वामी चिन्मयानंद का आशिर्वाद लेने उनके आवास पर जरूर जाते है।
चिन्मयानंद को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है
हालांकि चिन्मयानंद को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। लेकिन इससे पहले भी स्वामी चिन्मयानंद पर उनकी ही शिष्या ने यौन शोषण से लेकर गर्भपात तक का आरोप लगा दिया था। वह केस अभी भी कोर्ट मे चल रहा है। लगातार दूसरी बार वैसा ही आरोप लगने के बाद अब लोगों की राय बदल सी गई है।
हमने कालेज मे पङने वाले कुछ छात्राओं से बात की उन्होंने नाम न छापने की शर्त दबी जुबान मे बताया कि,किसी इंसान पर एक बार आरोप लगे तो लगता कि उसको बेगुनाह फंसाया जा रहा है। लेकिन वैसा ही आरोप दूसरी बार लगे। और उन आरोपों से जुड़े कुछ वीडियो वायरल हो जाते है। जिसमे स्वामी चिन्मयानंद छात्रा के साथ नग्न अवस्था मे है। ऐसे मे उनको शर्म आनी चाहिए कि वह शिक्षा को बढ़ावा देने वाले लोगों मे पूजा जाता है। छात्राओं का कहना है कि अब उनको इस कालेज मे पङने से भी डर लगने लगा है।
छात्राओं ने मान लिया है कि स्वामी चिन्मयानंद ने गुनाह किया है
वही छात्राओं ने मान लिया है कि स्वामी चिन्मयानंद ने गुनाह किया है। छात्राओं का कहना है कि एसआईटी ने जांच की। जांच मे चिन्मयानंद पर लगे आरोप सही पाए गए। उसके बाद कोर्ट ने उनकों जेल भेजा। ऐसे मे अभी भी चिन्मयानंद को बेगुनाह बताने वाले सिर्फ उनके चमचे ही हो सकते है। और फिर इस कालेज मे पङाने वाले टीचर से लेकर प्रिंसिपल सभी स्टाफ के लोग उनके खिलाफ बोल नही सकते है। जिस वक्त चिन्मयानंद कालेज मे घूमते थे उस वक्त कोई भी बच्चा उनके सामने से गुजर नही सकता था। इस कालेज उनका ऐसा रूतबा था।
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वही उनके कालेज के रहने वाले आसपास के लोगो से जब बात की तो उनकी नजर मे भी अब चिन्मयानंद की छवी काफी धुमिल हो चुकी है। लोग अब उनको संत कहते हुए कतरा रहे हैं। हालांकि खौफ अभी इतना है कि लोग कैमरे पर आने को तैयार नही है और न ही अपना नाम छापने पर तैयार हो रहे है। लेकिन चिन्मयानंद की अब उनकी नजर मे क्या छवी रहे गई है। ये खुलकर चर्चा कर रहे हैं। लोगो का ये तक कहना है कि अब वह अपने बच्चों का उनके स्कूल मे एडमीशन नही करवाएंगे।