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सावधान! इन 35 शहरों में गोल्ड को लेकर बड़ा खुलासा, जानिए क्या....

लोगों को शुद्ध सोना मिले , इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार सोने की शुद्धता को लेकर प्रयास कर रही है। सरकार ने गोल्ड ज्वैलरी के लिए हॉलमार्किंग को जरूरी कर दिया है। अब बगैर हॉलमार्क की ज्वैलरी की बिक्री नहीं की जा सकेगी।

suman
Published on: 26 Dec 2019 3:52 PM IST
सावधान! इन 35 शहरों में गोल्ड को लेकर बड़ा खुलासा, जानिए क्या....
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आगरा: लोगों को शुद्ध सोना मिले , इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार सोने की शुद्धता को लेकर प्रयास कर रही है। सरकार ने गोल्ड ज्वैलरी के लिए हॉलमार्किंग को जरूरी कर दिया है। अब बगैर हॉलमार्क की ज्वैलरी की बिक्री नहीं की जा सकेगी।

सोने के गहनों की हॉलमार्किंग को 14 साल पहले शुरू किया गया था। इसके तहत ज्वैलर को अपने गहनों को हॉलमार्क कराने के लिए BIS से प्रमाण पत्र लेना होता है। हॉलमार्किंग BIS के मान्यता प्राप्त केंद्रों में कराई जा सकती है।

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गोल्ड हॉलमार्किंग के ऊपर भरोसा करने वालों के लिए बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है. दरअसल, अगर आप हॉलमार्क युक्त सोना खरीद रहे हैं तो जरा ठहर जाएं, क्योंकि यह सोना अशुद्ध हो सकता है। दरअसल, आगरा समेत करीब 35 शहरों में लिए गए नमूनों की जांच में अशुद्ध सोना होने की बात सामने आई है. इन सभी नमूनों की जांच में मिलावट की रिपोर्ट है।

भारतीय मानक ब्यूरो ने आगरा, गोरखपुर, वाराणसी, जौनपुर, मेरठ, मथुरा, अलीगढ़, मुरादाबाद, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बड़ौत, बरेली, दिल्ली और जयपुर समेत देश के 35 शहरों से पंजीकृत ज्वैलर्स के यहां से 1,325 नमूने लिए थे। इन सभी जांच के नमूनों में से 654 शुद्धता के पैमाने पर फेल हो गए। बीआईएस (BIS) के लखनऊ और गाजियाबाद जोन कार्यालय ने चालू वित्त वर्ष में उत्तर प्रदेश में 188, दिल्ली में 202, हरियामा में 112 और अन्य राज्यों में सोने के 823 नमूने लिए थे। चेन्नई और गाजियाबाद के लैब में जांच में इन सभी नमूनों में से 654 नमूने फेल हो गए। फेल होने वाले नमूनों में आगरा के 4, गोरखपुर के 3, वाराणसी के 4, गाजियाबाद के 7, मेरठ के 6 समेत उत्तर प्रदेश के 48, दिल्ली के 105, हरियाणा के 88 और जयपुर समेत राजस्थान के 152 नमूने शामिल हैं।

बीआईएस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार देशभर में हॉलमार्किंग के लिए पंजीकृत ज्वैलर्स के पास से सोने के नमूने लगातार लिए जा रहे है। बीआईएस (संशोधन) विधेयक 2011 लागू होने के बाद आभूषण विक्रेताओं को ज्वैलरी की हॉलमार्किग करना अनिवार्य हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आगरा समेत देश में बिक्री की जाने वाली गैर हॉलमार्क गोल्ड ज्वैलरी में 45 फीसदी तक अशुद्धि रहती है।

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ऐसे पहचानें हॉलमार्क

हॉलमार्क वाली ज्वैलरी पर बीआईएस का मुहर लगा रहता है। इसके अलावा हॉलमार्क के वर्ष का भी जिक्र होता है। सोने की शुद्धता की कैरेट बताने के लिए सोने पर K लिखा होता है. 22K का मतलब 91.6 फीसदी प्योरिटी यानी 916 गोल्ड, 24 कैरेट यानी 99.9 फीसदी शुद्धता, 23 कैरेट में 95.8 फीसदी शुद्धता, 22 कैरेट यानी 91.6 फीसदी शुद्धता, 21 कैरेट यानी 87.5 फीसदी की शुद्धता, 18 कैरेट यानी 75 फीसदी की शुद्धता, 17 कैरेट यानी 70.8 फीसदी की शुद्धता और 14 कैरेट यानी 58.5 फीसदी की शुद्धता होती है।

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