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प्रदेश में गोपाष्टमी का त्योहार सरकारी स्तर पर मनेगा, विधायक-सांसद होगें शामिल
सीएम ने 22 नवम्बर को गोपाष्टमी के अवसर पर प्रत्येक गो-आश्रय स्थल पर एक कार्यक्रम आयोजित किए किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में सांसद, विधायक, पार्षद, ग्राम प्रधान आदि जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाए।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पहली बार सरकारी स्तर पर गोपाष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा। कार्यक्रम की खास बात यह है कि इसमें सभी विधायक और सांसदों के अलावा अन्य जनप्रतिनिधि भी हिस्सा लेगें। गौरतलब है कि इस बार गोपाष्टमी 22 नवम्बर को होनी है।
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पशु स्वास्थ्य परीक्षण का विशेष कार्यक्रम संचालित किया जाए
सीएम ने 22 नवम्बर को गोपाष्टमी के अवसर पर प्रत्येक गो-आश्रय स्थल पर एक कार्यक्रम आयोजित किए किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में सांसद, विधायक, पार्षद, ग्राम प्रधान आदि जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाए। इस दिन पशु स्वास्थ्य परीक्षण का विशेष कार्यक्रम संचालित किया जाए।
उन्होंने पशुपालन विभाग से कहा है कि गो-आश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंश का खुरपका-मुंहपका के सम्बन्ध में टीकाकरण किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि पशु चिकित्साधिकारी नियमित रूप से गोवंश का स्वास्थ्य परीक्षण करते रहें। संरक्षित गोवंश के लिए शीत से बचाव के लिए सभी उपाय सुनिश्चित किए जाएं। कुपोषित परिवारों को 'मा0 मुख्यमंत्री निराश्रित एवं बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना' के अन्तर्गत गौ आश्रय स्थल से गाय उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने गो-आश्रय स्थलों की व्यवस्थाओं की नियमित समीक्षा किए जाने को भी कहा हैं।
राजधानी लखनऊ में हों या गोरखपुर स्थित मठ में,वे कभी गो सेवा करना नहीं भूलते
उनका गौ प्रेम किसी से छिपा नहीं है। वह चाहे राजधानी लखनऊ में हों या गोरखपुर स्थित मठ में,वे कभी गो सेवा करना नहीं भूलते। कहा जाता है कि गोरखपुर स्थित गोरक्षनाथ पीठ में करीब 300 से ज्यादा गायें हैं और सभी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके नाम से जानते हैं।
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बता दें कि मुख्यमंत्री बनने के कुछ दिनों बाद ही योगी आदित्यनाथ ने जिलों में कान्हा गोशाला खोलने के आदेश दिये थे ताकि गायों को इधर-उधर भटकना न पड़े। उल्लेखनीय है कि कार्तिक शुक्ल पक्ष अष्टमी को गोपाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गौ चारण लीला शुरू की थी। गाय को गोमाता भी कहा जाता है।
रिपोर्ट- श्रीधर अग्निहोत्री
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