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काशी के गोशालाओं में धूमधाम से मनाई जा रही है गोपाष्टमी, गो-सेवा का लिया प्रण

गोपाष्टमी के मौके पर विशेष रूप से गौशालाओं को सजाया गया। दरअसल कार्तिक शुक्ल अष्टमी को गोपाष्टमी मनाया जाता है। आज के दिन गाय और बछड़ो को नहला धुला कर श्रृंगार किया जाता है।

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Published on: 22 Nov 2020 1:18 PM GMT
काशी के गोशालाओं में धूमधाम से मनाई जा रही है गोपाष्टमी, गो-सेवा का लिया प्रण
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काशी के गोशालाओं में धूमधाम से मनाई जा रही है गोपाष्टमी, गो-सेवा का लिया प्रण (Photo by social media)

वाराणसी: शिव की नगरी काशी में गोपाष्टमी के पर्व की धूम है। शहर के गो शालाओ में सुबह से ही गो भक्तो की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। भक्त गो माता की पूजा अराधना कर रहे हैं। आज शहर के विभिन्न स्थानों से गायो रक्षा के लिए गो यात्रा भी निकाली जा रही है। मान्यता है कि गायो में सभी देवी देवता का निवास माना जाता लिहाजा गो सेवा और गोपूजा दोनों का सनातन धर्म में विशेष महत्त्व रखता है।

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विशेष रूप से सजे गौशालाएं

varanasi-matter varanasi-matter (Photo by social media)

गोपाष्टमी के मौके पर विशेष रूप से गौशालाओं को सजाया गया। दरअसल कार्तिक शुक्ल अष्टमी को गोपाष्टमी मनाया जाता है। आज के दिन गाय और बछड़ो को नहला धुला कर श्रृंगार किया जाता है। इसके बाद विधि पूर्वक पूजा करने के बाद आरती किया जाता है। सनातम धर्म की मान्यताओ के अनुसार गाय में 64 हजार देवी देवताओं का निवास होता है। साथ ही आज के दिन से ही भगवान श्री कृष्ण गायों को चराने का काम शुरू किया था। हिन्दू रीति रिवाज में गाय का प्रमुख महत्व है। गाय का मूत्र से दूध तक सभी मानव जीवन के लिए उपयोगी होता है। घर और मंदिर में होने वाली देव पूजा भी बगैर गौ मूत्र के पूरी नहीं मानी जाती।

varanasi-matter varanasi-matter (Photo by social media)

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गोशाला में पशुओं को खिलाये गए गुड़-मिष्ठान

इस खास मौके पर बनारस में कई कार्यक्रम आयोजित किये गए। स्वस्तिवाचन के बीच समस्त आयोजन में हर-हर महादेव के उद्घोष गौ माता की जयकार गूंजती रही संयोजक धर्म संघ शिक्षा मंडल सचिव पंडित जगजीत पांडेय ने इस दौरान काशी के गौ सेवकों को सम्मानित भी किया। इसमें संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर राजाराम शुक्ल, एडीजे पशुपति नाथ मिश्र, कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव, वरिष्ठ सपा नेता शालिनी यादव, कांग्रेस नेता राघवेंद्र चौबे आदि शामिल थे राज मंगल पांडेय, कृष्णानंद पांडेय आदि ने संयोजन में सहयोग किया।

रिपोर्ट- आशुतोष सिंह

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