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गोरखपुर: खाद कारखाने के लिए बैंकों से 5314 करोड़ का लोन, जमीन रखी बंधक

विभाग के अफसरों के मुताबिक गोरखपुर के रजिस्ट्री विभाग में पहले कभी ऐसा नहीं हुआ जब एक ही डीड से इतनी भारी-भरकम आय हुई हो।

suman
Published on: 12 Jan 2021 6:02 AM GMT
गोरखपुर: खाद कारखाने के लिए बैंकों से 5314 करोड़ का लोन, जमीन रखी बंधक
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गोरखपुर: खाद कारखाने के लिए 7 बैंकों से 5314 करोड़ का लोन, डीड में देने पड़े रिकॉर्ड 54 करोड़

गोरखपुर हिन्दुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) द्वारा गोरखपुर में स्थापित किये जा रहे खाद कारखाने के नये प्लांट के लिए कारखाने की जमीन को बंधक रख कर सात बैंकों से 5314 करोड़ रुपये लोन लिया हैं। लोन के बाबत गोरखपुर के उप निबंधक प्रथम कार्यालय को सोमवार को एक डीड (निबंधन अभिलेख) हुई। जिससे विभाग को रिकार्ड 53 करोड़ 19 लाख 33 हजार रुपये की आय हुई। विभाग के अफसरों के मुताबिक गोरखपुर के रजिस्ट्री विभाग में पहले कभी ऐसा नहीं हुआ जब एक ही डीड से इतनी भारी-भरकम आय हुई हो।

गोरखपुर में खाद कारखाने का निर्माण करा रही कंपनी हिंदुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) ने सोमवार को कारखाने की जमीन बंधक रख 53 अरब 14 करोड़ 53 लाख रुपये का लोन लिया। कंपनी ने यह लोन दिल्ली के सात बैंकों से लिया जिनका प्रतिनिधित्व एसबीआई कैप ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड कर रही है। इसी लोन के पंजीकरण में स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क के तौर पर रजिस्ट्री विभाग को 53.19 करोड़ रुपये की यह रकम मिली। इस दौरान एचयूआरएल के वरिष्ठ प्रबंधक सुबोध दीक्षित और एसबीआई कैप ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड के मनन ओबेराय और उप निबंधक प्रथम योगेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे। बता दें कि गोरखपुर का खाद कारखाना 994 एकड़ में फैला हुआ है। प्लांट करीब 215 एकड़ में स्थापित हो रहा है।

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दो साल से चल रही थी प्रक्रिया

उप निबंधक प्रथम योगेंद्र सिंह ने बताया कि लोन के पंजीकरण की प्रक्रिया करीब दो महीने पहले से चल रही थी। विभिन्न बैंकों की दिल्ली स्थित सात शाखाओं ने एचयूआरएल को यह लोन दिया है। इन सभी सात बैंकों का प्रतिनिधित्व एसबीआई कैप ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड कर रही है। ऐसे में बहुत से दस्तावेज यहां से दिल्ली भेजे गए। जब तैयारियां पूरी हो गईं तो पंजीकरण कराया गया।

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रजिस्ट्रेशन शुल्क से हुई आय

उप निबंधक प्रथम योगेंद्र सिंह के मुताबिक बंधक रख लोन लेने के मामले में ग्रामीण क्षेत्रों पर 0.5 और शहर में 2.5 फीसदी स्टांप ड्यूटी लगती है लेकिन यह रकम पांच लाख रुपये से अधिक नहीं हो सकती। ऐसे में इस मामले में स्टांप ड्यूटी से तो बहुत ज्यादा आय नहीं हुई लेकिन रजिस्ट्रेशन शुल्क से 53 करोड़ 14 लाख के करीब आय हुई। रजिस्ट्रेशन शुल्क, लोन की कुल रकम का एक फीसदी लगता है। उन्होंने बताया कि गोरखपुर रजिस्ट्री दफ्तर के इतिहास में यह पहला मौका है जब विभाग को एक ही डीड से इतनी बड़ी आय हुई है।

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कारखाने की जमीन बंधक रखी

एचयूआरएल के वरिष्ठ प्रबंधक सुबोध दीक्षित ने कहा कि कारखाना की जमीन बंधक रखकर 53 अरब 14 करोड़ 33 लाख रुपये का बैंक से कर्ज लिया गया है। इससे कारखाने के संचालन में मदद मिलेगी। इसके पंजीकरण में गोरखपुर रजिस्ट्री विभाग को रिकार्ड 53.19 करोड़ रुपये की आय हुई है। कारखाने का निर्माण कार्य तकरीबन पूरा हो गया है। जल्द ही इसका संचालन शुरू हो जाएगा।

गोरखपुर से पूर्णिमा श्रीवास्तव

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