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वाह अकांक्षा वाह: बनी NEET सेकेंड टॉपर, घर में आई दोहरी ख़ुशी

बेटी की पढ़ाई की खातिर सेना की नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृति लेने वाले पिता राजेन्द्र राव को भी शनिवार को बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक के पद का नियुक्ति पत्र मिल गया। परिवार दोहरी खुशियों को पाकर गदगद है।

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Published on: 17 Oct 2020 7:52 PM IST
वाह अकांक्षा वाह: बनी NEET सेकेंड टॉपर, घर में आई दोहरी ख़ुशी
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वाह अकांक्षा वाह: बनी NEET सेकेंड टॉपर, घर में आई दोहरी ख़ुशी

पूर्णिमा श्रीवास्तव

गोरखपुर: उम्र के मानक के चलते देश की प्रतिष्ठित नीट परीक्षा में कुशीनगर की अकांक्षा भले ही टॉपर का तमगा नहीं हासिल कर सकी हो, लेकिन परिवार में एक साथ कई खुशियों ने दस्तक दी है। बेटी की पढ़ाई की खातिर सेना की नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृति लेने वाले पिता राजेन्द्र राव को भी शनिवार को बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक के पद का नियुक्ति पत्र मिल गया। परिवार दोहरी खुशियों को पाकर गदगद है।

अकांक्षा ने नीट में 720 में से 720 नंबर हासिल किये

कुशीनगर की अकांक्षा ने मेडिकल की प्रतिष्ठित परीक्षा नीट में 720 में से 720 नंबर हासिल कर देश में सुर्खियों में हैं। हालांकि वह ओडिसा के टॉपर शोयब से उम्र की दौड़ में पिछड़ कर टॉपर नहीं बन सकीं। लेकिन कुशीनगर के लोग अपनी बेटी को टॉपर मानकर गदगद हैं। पिता राजेन्द्र राव ने बीते वर्षों में बिटिया की पढ़ाई की खातिर एयरफोर्स की नौकरी छोड़ स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली थी। अब उन्हें एक बार फिर नियुक्ति पत्र मिल गया है। पिता को बेसिक शिक्षा विभाग में टीचर के पद का नियुक्ति पत्र मिला है।

मां प्राथमिक स्कूल में शिक्षिका

अकांक्षा की मां रूचि सिंह जो खुद कुशीनगर में प्राथमिक स्कूल में शिक्षिका हैं, कहती हैं कि परिवार में कई खुशियों ने एक साथ दस्तक दी है। अकांक्षा ने दसवीं की पढ़ाई के दौरान ही मेडिकल के लिए कोचिंग लेना शुरू कर दिया था। आकांक्षा कुशीनगर से 70 किमी दूर गोरखपुर की एक कोचिंग संस्थान में रोडवेज बस से क्लास लेने आती थी। मॉ रोज बेटी को बस स्टैंड तक छोड़ने जाती थी।

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आकांक्षा का कहना है कि शुरूआती दिनों में सिविल सेवा में जाने की इच्छा थी, लेकिन धीरे-धीरे रूचि मेडिकल की तरफ हो गई। सेल्फ स्टडी के साथ कोचिंग से भी मार्गदर्शन मिला। न्यूरो सर्जनी की पढ़ाई कर गरीबों की सेवा करना चाहते हैं।

पिता को भी मिला नियुक्ति पत्र

प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने के चलते अकांक्षा के पिता राजेन्द्र राव को भी खुशियां मिली हैं। शनिवार को उन्हें बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से नियुक्ति पत्र मिला है। उनकी जिले के ही स्कूल पर तैनाती होनी है।

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