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मुख्यमंत्री योगी के गढ़ में दावेदारी को लेकर बन-बिगड़ रहे समीकरण

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Published on: 15 March 2019 3:01 PM IST
मुख्यमंत्री योगी के गढ़ में दावेदारी को लेकर बन-बिगड़ रहे समीकरण
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मुख्यमंत्री योगी के गढ़ में दावेदारी को लेकर बन-बिगड़ रहे समीकरण

पूर्णिमा श्रीवास्तव

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढग़ोरखपुर-बस्ती मंडल में 12 और 19 मई को वोटिंग होगी। यहां की नौ सीटों में से सिर्फ कुशीनगर में कांग्रेस ने कुंवर आर.पी.एन. सिंह के नाम पर मुहर लगाई है। ऐसे में किसकी निष्ठा किसके साथ होगी, इसे लेकर खूब कयास लग रहे हैं। गोरखपुर-बस्ती मंडल में चुनाव छठे और सातवें चरण में होने हैं। ऐसे में प्रत्याशियों को लेकर तस्वीर साफ होने में समय लग सकता है।

गोरखपुर मंडल

यहां 6 लोकसभा सीटों पर 19 मई को वोटिंग होनी है। इनमें से दो सीटों सदर और बांसगांव में सियासी पैंतरेबाजी चरम पर है। गोरखपुर सीट पर किसी भी प्रमुख राजनीतिक दल के प्रत्याशी के बारे में तस्वीर साफ नहीं हुई है। सपा-बसपा गठबंधन में यह सीट सपा के पास है। उपचुनाव में सपा के टिकट पर जीते प्रवीण निषाद का टिकट पक्का माना जा रहा है। उधर, कभी योगी आदित्यनाथ के प्रतिद्वंद्वी के रूप में लडऩे वाले जमुना निषाद की पत्नी राजमती निषाद और बेटे अमरेन्द्र निषाद के भाजपा में शामिल होने के बाद समीकरण बदल गए हैं। कयास लग रहे हैं कि टिकट का भरोसा मिलने के बाद ही अमरेन्द्र भाजपा में शामिल हुए हैं। भाजपा मान रही है कि उपेंद्र या फिर किसी और ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगाने से जीत सुनिश्चित नहीं होनी है। जब तक सीट पर निर्णायक निषाद वोटों में सेंधमारी नहीं होगी तब तक प्रतिष्ठा नहीं बचाई जा सकती है। कांग्रेस की तरफ से दर्जन भर नेताओं ने अपनी दावेदारी कर रखी है।

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बांसगांव सीट से भाजपा सांसद कमलेश पासवान का क्षेत्र में विरोध को देखते हुए पार्टी नये सिरे से विचार करती दिख रही है। चर्चाएं हैं कि कमलेश को किसी दूसरी सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है। बसपा ने दूधनाथ को प्रभारी प्रत्याशी बनाया है तो कांग्रेस में डॉ.संजय कुमार समेत आधा दर्जन दावेदार हैं।

महराजगंज लोस सीट गठबंधन की तरफ से सपा को दी गई है। ऐसे में पूर्व सांसद कुंवर अखिलेश सिंह को प्रबल दावेदार माना जा रहा है। भाजपा पुराने चेहरे पंकज चौधरी पर भरोसा करती दिख रही है। कांग्रेस की तरफ से वीरेन्द्र चौधरी का नाम सबसे आगे है।

कुशीनगर में कांग्रेस ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री कुंवर आर.पी.एन सिंह को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। भाजपा के वर्तमान सांसद राजेश पांडेय के नाम पर पार्टी और कार्यकर्ताओं में सहमति बनती नहीं दिख रही है। ऐसे में डॉ.संगम मिश्रा, नथुनी कुशवाहा और विजय दूबे के नाम की चर्चा है। सपा की तरफ से बालेश्वर यादव का नाम सबसे आगे हैं। हालांकि पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह और नथुनी कुशवाहा के नाम की भी चर्चा है। देवरिया लोस सीट से भाजपा सांसद कलराज मिश्र का बदला जाना तय माना जा रहा है। मीडिया छोड़कर राजनीति में आए शलभ मणि त्रिपाठी और पूर्व सांसद श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी के पुत्र शंशाक मणि का नाम दावेदारों से सबसे आगे हैं। बसपा की तरफ से वीरेन्द्र पांडेय के नाम पर लगभग सहमति बन चुकी है। कांग्रेस की तरफ से अखिलेश सिंह और बसपा छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन करने वाले नियाज अहमद के नाम की चर्चा है।

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सलेमपुर सीट पर वर्तमान सांसद रविन्द्र कुशवाहा के साथ रेल राज्यमंत्री के पीए हरिचरण कुशवाहा के नाम की चर्चा है। बसपा की तरफ से आरएस कुशवाहा का नाम आगे चल रहा है। इस सीट से दिग्गज कांग्रेसी भोला पांडेय के अस्वस्थ रहने के चलते युवा चेहरे चन्द्र प्रताप सिंह के नाम की चर्चा है। वह पूर्वांचल प्रभारी प्रियंका गॉधी की पसंद भी बताए जा रहे हैं।

बस्ती मंडल की तीन सीटों पर उलटफेर

बस्ती मंडल की 3 लोकसभा सीटों पर 12 मई को वोटिंग होनी है। डुमरियागंज सीट से भाजपा के सिंबल पर पिछली बार जीते पुराने कांग्रेसी जगदम्बिका पॉल इसबार जमीन खिसकती देख सपा, बसपा के साथ ही कांग्रेस का दरवाजा खटखटा चुके हैं। ऐसे में उनके नाम पर सहमति बनेगी मुश्किल ही दिख रहा है। भाजपा की तरफ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ.चन्द्रेश उपाध्याय के नाम की मुहर लगती दिख रही है। गठबंधन में डुमरियागंज में सीट बसपा के पाले में है। बसपा की तरफ से आफताब आलम का नाम सबसे आगे है। वहीं कांग्रेस के बैनर तले पूर्व सांसद मोहम्मद मुकीम के लडऩे की चर्चा है। बस्ती सीट पर वर्तमान सांसद हरीश द्विवेदी को दोबारा लड़ाया जा सकता है। गठबंधन में सीट बसपा के पाले में है। लिहाजा यहां से रामप्रसाद चौधरी प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। संतकबीर नगर सीट पर जूताकांड के बाद परिस्थितियां बदल गई हैं। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रमापतिराम त्रिपाठी के सांसद बेटे शरद त्रिपाठी का टिकट कटना तय माना जा रहा है। ऐसे में सपा के दिग्गज भालचंद यादव और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की मुलाकात से नया समीकरण बनता दिख रहा है। बसपा की तरफ से भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी की उम्मीदवारी तय है।



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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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