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भारत-नेपाल सीमा लॉक: फूटा कारोबारियों का गुस्सा, ओली पर लगाए गंभीर आरोप

नये साल में भी बॉर्डर खोलने को लेकर नेपाल सरकार की चुप्पी को देखते हुए दोनों तरफ के कारोबारियों में गुस्सा है। दोनों तरफ के व्यापारी पिछले महीने भर से आंदोलन कर रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि नेपाल के प्रधानमंत्री ओली भारत से खौफ दिखाकार रोजी-रोटी पर संकट पैदा कर रहे हैं।

Ashiki
Published on: 5 Jan 2021 4:13 AM GMT
भारत-नेपाल सीमा लॉक: फूटा कारोबारियों का गुस्सा, ओली पर लगाए गंभीर आरोप
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भारत-नेपाल सीमा लॉक: भारत-नेपाल सीमा को नेपाल सरकार ने खोला, कोरोना के चलते दस माह से था बंद

गोरखपुर: कोरोना संक्रमण के खतरों को देखते हुए नेपाल सरकार ने सोनौली बॉर्डर को सील कर रखा है। नये साल में भी बॉर्डर खोलने को लेकर नेपाल सरकार की चुप्पी को देखते हुए दोनों तरफ के कारोबारियों में गुस्सा है। दोनों तरफ के व्यापारी पिछले महीने भर से आंदोलन कर रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि नेपाल के प्रधानमंत्री ओली भारत से खौफ दिखाकार रोजी-रोटी पर संकट पैदा कर रहे हैं।

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भारत-नेपाल की बंद सीमा को खुलवाने की मांग नेपाल में जोर पकड़ने लगी है। सोमवार को ठूठीबारी से सटे नेपाल के महेशपुर नाका पर जनता समाजवादी पार्टी नेपाल के बैनर तले जोरदार प्रदर्शन कर सीमा खोलने की मांग की गई। ओली सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए कहा कि अब कोरोना का खौफ दिखाकर बेवजह सीमा को बंद किया गया है। जबकि लगभग सभी गतिविधियां शुरू हो गई हैं। कारोबारियों ने चेतावनी दी कि अगर एक सप्ताह के अंदर बंद सीमा नहीं खुली तो उग्र आंदोलन का सिलसिला शुरू किया जाएगा।

रोटी-बेटी का संबंध नहीं खत्म होगा

महेशपुर नाका पर जनता समाजवादी पार्टी नेपाल के जिलाध्यक्ष मुकुल गिरी की अगुवाई में लोगों ने प्रदर्शन किया। गिरी ने कहा कि भारत व नेपाल का संबंध सदियों से रोटी-बेटी का है। इसे कोई भी सरकार खत्म नहीं कर सकती। यह संबंध दोनों देशों के धर्म के साथ-साथ आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक है। नौ महीने से सीमा बंद है, जबकि लोगों को शादी विवाह, सामान की खरीदारी, दवा के लिए भारत का रुख करना पड़ता है। ऐसे में नौ महीने से सीमा बंद रहने से मधेश के जनता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

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कमियों को छुपाने के लिए बंद किया बॉर्डर

ओली सरकार अपनी कमियां छिपाने के लिए बिना कार्यकाल पूरा किए देश को मध्यावधि चुनाव की तरफ धकेल दी है। कोरोना के नाम पर केवल मधेशियों का शोषण कर रही है। सोनौली के दुकानदार आलोक जोशी का कहना है कि भारत सरकार भी चुप है। नेपाल मनमानी पर उतारू है। नेपाल की जरूरत भारत पूरी कर रहा है। भारत सरकार को भी दुकानदारों के हित में बातचीत करनी होगी।

गोरखपुर से पूर्णिमा श्रीवास्तव

Ashiki

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