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गोरखपुर: आजादी और सांस्कृतिक महत्व को बताएंगे प्रदेश के 943 पेड़

चिन्हित 943 वृक्षों में से 150 भारत के स्वतंत्रता संग्राम, धार्मिक एवं अन्य एतिहासिक महत्व के हैं। ऐसे वृक्षों को काफी टेबल बुक में फोटो और उनकी कहानियों के साथ प्रकाशित किया जाएगा।

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Published on: 16 March 2021 9:07 AM IST
गोरखपुर: आजादी और सांस्कृतिक महत्व को बताएंगे प्रदेश के 943 पेड़
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गोरखपुर: आजादी और सांस्कृतिक महत्व को बताएंगे प्रदेश 943 वृक्ष (PC: social media)

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधिता बोर्ड ने प्रदेश के 75 जिलों के सामुदायिक भूमि पर स्थित 943 वृक्षों को हेरिटेज वृक्ष घोषित किया है। इनमें गोरखनाथ मंदिर परिसर में लगे 4 वृक्षों को भी शामिल किया गया है। हनुमान मंदिर के पास स्थित विशालकाय बरगद की उम्र 122 साल है। गोरखनाथ मंदिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आवास है। मुख्यमंत्री गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर हैं। गोरखपुर के 19 वृक्षों को हेरिटेज में शामिल किया गया है। ऐसे वृक्षों को काफी टेबल बुक में फोटो और उनकी कहानियों के साथ प्रकाशित किया जाएगा।

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भारत के स्वतंत्रता संग्राम, धार्मिक एवं अन्य एतिहासिक महत्व के हैं

चिन्हित 943 वृक्षों में से 150 भारत के स्वतंत्रता संग्राम, धार्मिक एवं अन्य एतिहासिक महत्व के हैं। ऐसे वृक्षों को काफी टेबल बुक में फोटो और उनकी कहानियों के साथ प्रकाशित किया जाएगा। पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ एवं राज्य जैव विविधिता बोर्ड के सचिव पवन कुमार शर्मा की मंशा शहीद अशफाक उल्ला खॉ प्राणी उद्यान गोरखपुर के लोकार्पण समारोह में इस काफी टेबल बुक के विमोचन की है। पवन कुमार शर्मा, सचिव, उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधिता बोर्ड के सचिव पवन कुमार शर्मा बताते हैं कि वृक्षों के चयन की प्रक्रिया 2019 से चल रही थी। बोर्ड की बैठक में 943 धरोहर वृक्ष चुने गए। जल्द ही इनकी घोषणा कर सूची जिलों में भेज दी जाएगी। इन पर एक काफी टेबल बुक भी प्रकाशित होगी जिसकी तैयारी की जा रही है।

पक्षियों की कई प्रजातियां इन पेड़ों को खास बनाती है

हेरिटेज एवियंस के संयोजक वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर आर्किटेक्ट अनुपम अग्रवाल का कहना है कि पुराने पेड़ जहां पर्यावरण संरक्षण में सहायक होते हैं वहीं बड़ी संख्या में ये पक्षियों का बसेरा भी होते हैं। पक्षियों की कई प्रजातियां इन पेड़ों को खास बनाती है। ऐसे में इन पेड़ों को सहेजने से पक्षियों को भी सहेजा जाएगा। हेरिटेज फाउंडेशन ऐश्वर्या शाही कहती हैं कि विरासत वृक्ष के जरिए प्रदेश में इको टूरिज्म के साथ ही जैव विविधता को भी इस योजना से बढ़ावा मिलेगा। इन वृक्षों ने हमारी प्रकृति, प्राकृतिक धरोहर, और जल को बचाने में काफी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इनका संरक्षण संवर्धन महत्वपूर्ण है।

100 साल की उम्र पार कर चुके वृक्षों को किया गया चिन्हित

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने और 100 साल की उम्र पार कर चुके वृक्षों को उनके धार्मिक, एतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए संरक्षित करने की घोषणा की थी। उनका मानना था कि ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते खतरों को कम करने के लिए भी ऐसे कदम उठाने चाहिए। उनकी योजना पर अमली जाना पहनाने के लिए साल 2019 में बकायदा शासनादेश जारी हुआ। एक तकनीकी कमेटी का गठित की गई। सभी जिलों से तकनीकी रेंज का नाम, स्थल, जीपीएस, प्रजाति, वानस्पतिक नाम, विरासत वृक्ष के चयन के आधार, वृक्ष की गोलाई, वृक्ष की अनुमानित उम्र, ऐतिहासिक महत्व, वृक्ष से जुड़ी लोक कथाएं या परम्पराएं एकत्र की गई।

साथ में सभी चयनित वृक्षों की फोटो भी मंगाई गई

साथ में सभी चयनित वृक्षों की फोटो भी मंगाई गई। तकनीकी कमेटी ने इनका सत्यापन किया। मानक के आधार पर परीक्षण किया, उसके बाद राज्य जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष अध्यक्ष व प्रमुख सचिव (वन) सुधीर गर्ग की अध्यक्षता में शुक्रवार को 943 वृक्षों का अंतिम रूप से चयन किया। विरासत वृक्ष के लिए प्रदेश के 75 जिलों से 1500 से अधिक आवेदन मिले थे।

गोरखनाथ मंदिर के चार वृक्षों समेत 19 विरासत घोषित

यूं तो गोरखनाथ मंदिर में नाथ संप्रदाय की चार पीढ़ियों को देखने वाले कई वृक्ष हैं लेकिन इनमें बरगद एवं पाकड़ के चार वृक्षों को धरोहर घोषित किया है। इन वृक्षों में हनुमान मंदिर के निकट बरगद का पेड़ उम्र 122 साल, हनुमान मंदिर के सामने बरगद का पेड़ उम्र 102, कथा भवन के पास स्थित पाकड़ उम्र 102 साल, काली मंदिर के निकट पाकड़ 152 साल पुराना वृक्ष धरोहर घोषित है। इसके अलावा पिपरौली के भौवापार में बरगद, गगहा के राजगढ़ में पाकड़, कैंपियरगंज के सूरस में बरगद, परतावल में बभनौली में बरगद, सहजनवा के पिपरा में बरगद, उरुवा के रामडीह में पीपल का पेड़ विरासत वृक्ष घोषित हैं।

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देवरिया जिले के गैर वन क्षेत्र में सामुदायिक भूमि पर मईल स्थित देवरहा बाबा आश्रम परिसर में स्थित पारिजात वृक्ष समेत 5 वृक्षों को धरोहर घोषित किया है। देवरिया वन परिक्षेत्र, रुद्रपुर एवं गौरीबाजार में एक-एक बरगद , बरहज में एक पीपल और मईल रेंज में देवरहा बाबा आश्रम परिसर में स्थित पारिजात वृक्ष को विरासत वृक्ष चुना है।

रिपोर्ट-पूर्णिमा श्रीवास्तव

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