जून में शुरू होगा गोरखपुर कारखाने में यूरिया का प्रोडक्शन, PM मोदी करेंगे लोकार्पण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम आभारी हैं पीएम नरेन्द्र मोदी का। जिन्होंने 26 वर्ष पूर्व बंद कारखाने को शिलान्यास कर आत्मनिर्भर भारत की योजना को साकार किया।

Chitra Singh
Published on: 4 March 2021 10:17 AM GMT
जून में शुरू होगा गोरखपुर कारखाने में यूरिया का प्रोडक्शन, PM मोदी करेंगे लोकार्पण
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जून में शुरू होगा गोरखपुर कारखाने में यूरिया का प्रोडक्शन, PM मोदी करेंगे लोकार्पण

गोरखपुर। हिन्दुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के नये प्लांट का काम 30 जून तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद पीएम नरेन्द्र मोदी देश के किसानों को इसे समर्पित करेंगे। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केन्द्रीय उर्वरक और रसायन मंत्री सदानंद गौड़ा ने गुरुवार को नये प्लांट के निरीक्षण के बाद मीडिया से कहीं।

बदला गोरखपुर का रूप

केन्द्रीय उर्वरक मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री खुद विकास को लेकर संजीदा है। आज गोरखपुर आया तो आश्चर्यचकित रह गया। देखकर यकीन नहीं हुआ कि यह वहीं गोरखपुर है जहां साढ़े छह साल पहले आया था। इतने कम समय में जबरदस्त विकास हुआ है। आजादी के बाद जितना विकास नहीं हुआ जितना चंद वर्षों में हुआ है। निरीक्षण में काम की प्रगति काफी संतोषजनक है। 98 फीसदी काम पूरा हो गया है। 30 जून से पहले प्लांट में कमर्शियल उत्पादन शुरू हो जाएगा। पूरी कोशिश है कि शिड्यूल टाइम से पहले खाद कारखाने को आपरेट कर दिया जाये। अभी देश में 82 से 90 लाख मिट्रिक टन यूरिया विदेशों से आयात होता है।देश में चार स्थानों पर लग रहे यूरिया प्लांट से हम आत्मनिर्भर होंगे। रामगुंडम में जुलाई में उत्पादन शुरू होगा। दिसम्बर में बरौनी और सिंदरी भी उत्पादन शुरू होगा।

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प्लास्टिक पार्क

मंत्री ने कहा कि पूर्वांचल के किसानों को इससे लाभ होगा। केन्द्र सरकार द्वारा भेजी जा रही सब्सिडी सीधे किसानों के खाते में जा रही है। जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है। 1500 से अधिक गोरखपुर के युवाओं को यहां रोजगार मिला हुआ है। मंत्री ने कहा कि गोरखपुर में प्लास्टिक पार्क भी स्थापित करने को लेकर प्रदेश सरकार से अनुमति मिल गई है। अप्रैल के अंत तक प्लास्टिक पार्क का डिटेल प्रोजेक्ट आ जाएगा। इसकी स्थापना से जहां भारी भरकम निवेश होगा वहीं हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा। मुख्यमंत्री की तरीफ में मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय से विभाग की तरफ से जो भी मांग की गई उसे जल्द से जल्द पूरा किया गया। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री बतौर संसद सदस्य इस खाद कारखाने को लेकर आवाज उठाते रहे हैं।

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पीएम मोदी जल्द देश को समर्पित करेंगे यूरिया प्लांट-योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम आभारी हैं पीएम नरेन्द्र मोदी का। जिन्होंने 26 वर्ष पूर्व बंद कारखाने को शिलान्यास कर आत्मनिर्भर भारत की योजना को साकार किया। किसानों को उर्वरक और रासयन के लिए किसी देश पर निर्भर न होना पड़े इसे लेकर देश में गोरखपुर, रामगुंडम, सिंदरी और बरौनी में तेजी से कार्य हो रहा है। प्लांट को जल्द पीएम नरेन्द्र मोदी देश के किसानों को समर्पित करेंगे।

प्लांट की प्रगति संतोषजनक

योगी ने कहा कि कोराना से देश-दुनिया जूझ रही है। महामारी के बावजूद प्लांट की प्रगति संतोषजनक है। आज प्रजेंटेशन और कार्य का भौतिक सत्यापन देखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1967-68 में जापानी की टोयो कंपनी ने खाद कारखाना लगाया था। वहीं टोयो कंपनी फर्टिलाइजर के नये प्लांट को लगा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नये प्लांट की प्रगति इसलिये हैं कि पीएम ने इसके लिए लक्ष्य दिये हैं। यूरिया प्लांट से किसानों का लाभ मिलेगी।

8000 करोड़ की लागत से स्थापित होगा प्लांट

केन्द्रीय मंत्री के प्रति आभार जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सदानंद गौड़ा ने प्लांट को लेकर विशेष रूचि ली है। प्रत्येक 15 दिनों में निर्माण कार्य की समीक्षा करते हैं। केमिकल और सामग्री को बाधित नहीं होने दिया। उर्वरक की परेशानी पूरे देश में नहीं हुई। सप्लाई चेन को बिगड़ने नहीं दी गई। खेती किसानी में बाधा नहीं आई। मुख्यमंत्री ने कहा कि 8000 करोड़ की लागत से प्लांट स्थापित हो रहा है। 1990 में कारखाना बंद हो गया था। शिलान्यास के बाद तेजी से काम हुआ है।

Gorakhpur fertilizer factory

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जल जीवन मिशन

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लांट से अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिले, इसका प्रयास किया जा रहा है। कारखाने से किसानों के साथ नौजवानों को भी लाभ मिलेगा। यहां स्किल्ड डेवलेपमेंट के कार्यक्रम आयोजित होंगे। जिससे रोजगार का सृजन होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि चिलुआताल वाटर बाडी से न सिर्फ प्लांट को बल्कि शहर को भी शुद्ध पेयजल मुहैया कराया जाएगा। जल जीवन मिशन में हर घर तक शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हो रही है। सरफेस ग्रांउड वाटर का अधिक से अधिक उपयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इंसेफेलाइटिकस और गंदे पानी के पीने से साल भर में 3000 से अधिक मौतें होती थीं। बचाव और उपचार से इन मौतों पर काबू पाया गया। टायलेट और शुद्ध जल की आपूर्ति से इंसेफेलाइटिस और रोगों पर 75 फीसदी अंकुश लगा है।

रिपोर्ट-पूर्णिमा श्रीवास्तव

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