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Gorakhpur News: 16 महीने गोरखपुर जेल में रहे अमरमणि, जेल में श्रम कर कमाई का आंकड़ा हैरान कर देगा
Gorakhpur News: अमरमणि ने 18 साल 7 माह तो मधुमणि ने 17 साल 9 माह की सजा जेल में पूरी की है। उनका इस अवधि का एक बड़ा हिस्सा अस्पताल में ही गुजरा।
Gorakhpur News: पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी मधुमिता हत्याकांड में करीब 10 साल गोरखपुर में रहे। इसमें से सिर्फ 16 महीने गोरखपुर मंडलीय कारागार में रहे। सजायाफ्ता कैदी जेल में श्रम करते हैं। जिससे उनकी कमाई भी होती है। लेकिन वीआईपी कैदी अमरमणि और उनकी पत्नी मधुमणि ने जेल में एक दिन भी श्रम नहीं किया। जिसके चलते उनके बैंक खातों में एक भी रुपये नहीं पहुंचे। जेल प्रशासन का दावा है कि सजायाफ्ता कैदियों में अमरमणि संभवत: पहले हैं, जिन्होंने 16 महीने में जेल में रहने के बाद भी एक रुपये की कमाई नहीं की।
जेल जाने के बाद दोनों बीमार हो गए
जेल सूत्रों के मुताबिक अमरमणि हरिद्वार की जेल से 13 मार्च, 2012 को यहां आए थे। वहीं उनकी पत्नी मधुमणि चार दिसंबर, 2008 को गोरखपुर जेल स्थानांतरित होकर आई थीं। जेल जाने के बाद दोनों बीमार हो गए। उसके बाद 27 फरवरी, 2013 को अमरमणि को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। कुछ दिन बाद ही 13 मार्च, 2013 को मधुमणि भी मेडिकल कॉलेज में भर्ती हुईं।
10 साल में सिर्फ 16 महीने ही काटे जेल में
तब से दोनों पति-पत्नी मेडिकल कॉलेज में ही इलाज करा रहे थे। दस साल में सिर्फ 16 महीने ही मणि दम्पति जेल में रहे। हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काटने के दौरान अमरमणि व उनकी पत्नी मधुमणि ने जेल में कोई काम यानी श्रम नहीं किया था। जिससे उन्हें एक भी रुपया पारिश्रमिक नहीं मिला है। वहीं, अमरमणि ने 18 साल 7 माह तो मधुमणि ने 17 साल 9 माह की सजा जेल में पूरी की है। दरअसल, सजायाफ्ता कैदियों से कोई न कोई काम कराया जाता है। जिसका उन्हें पारिश्रमिक भी मिलता है, जो उनके खाते में जमा होता है। लेकिन दोनों सजा का ज्यादातर समय मेडिकल कालेज में रहे। उन्हें एक भी रुपये का पारिश्रमिक गोरखपुर जेल में नहीं मिला।
निधि शुक्ला ने बीमारी को लेकर उठाए सवाल
इलाज के नाम पर आराम को लेकर मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला ने कई बार आरोप लगाया। वर्ष 2015 में पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी बीआरडी मेडिकल कालेज के सर्जरी विभाग के चिकित्सक डॉ. आरडी रमन की निगरानी में भर्ती थे। तब भी निधि शुक्ला ने आपत्ति जताते हुए कोर्ट में शिकायत की थी। इसपर कोर्ट ने मेडिकल कालेज प्रशासन से बीमारी व उपचार विवरण मांगा। तत्कालीन कार्यवाहक प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीएन शुक्ला की तरफ से जवाब मुहैया नहीं कराने का आरोप है। इस पर कोर्ट ने तत्कालीन प्राचार्य डा. आरपी शर्मा, कार्यवाहक प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. बीएन शुक्ला व डॉ. आरडी रमन को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश दिया था। सख्ती के बाद प्राचार्य को महानिदेशक चिकित्सा कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया। डॉ. बीएन शुक्ला को महराजगंज व डॉ. आरडी रमन को जिला अस्पताल गोरखपुर भेज दिया गया।
कुछ दिन महराजगंज जेल में रहे अमरमणि
अमरमणि कुछ दिन के लिए जेल गए थे। वहीं जब आक्सीजन कांड सामने आया और बीआरडी में देशभर की मीडिया पहुंच गई थी, तब भी अमरमणि कुछ दिन के लिए जेल चले गए थे। वो महीने में कुछ दिन के लिए जेल जाते और फिर बीआरडी लौट आते थे।