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भारत का संविधान एक जीवंत अभिलेख सुविधा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत के संविधान में पूरे देश को एक सूत्र में पिरोकर चलने का सामर्थ्य और देश-काल-परिस्थिति के अनुरूप समाज को नेतृत्व देने की शक्ति है। भारत का संविधान एक जीवन्त अभिलेख है, क्योंकि संविधान में समय की आवश्यकता के अनुरूप संशोधनों से भारतीय लोकतंत्र की गरिमा बढ़ी है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत के संविधान में पूरे देश को एक सूत्र में पिरोकर चलने का सामर्थ्य और देश-काल-परिस्थिति के अनुरूप समाज को नेतृत्व देने की शक्ति है। भारत का संविधान एक जीवन्त अभिलेख है, क्योंकि संविधान में समय की आवश्यकता के अनुरूप संशोधनों से भारतीय लोकतंत्र की गरिमा बढ़ी है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। लोकतंत्र भारत के आम जनमानस के मन में रचा-बसा है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने भारत जैसे विविधता से भरे देश में संविधान और लोकतंत्र के माध्यम से ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पनाओं को साकार करने का जो प्रयास किया है, वह पूरी दुनिया के लिए कौतूहल का विषय है।
मुख्यमंत्री आज यहां संविधान को अंगीकार किये जाने की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर विधान परिषद में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह वर्ष बहुत महत्वपूर्ण है। इस वर्ष में महात्मा गांधी जी की 150वीं जयन्ती मनायी गयी। संविधान को अंगीकार किये जाने की 70वीं वर्षगांठ पर आज विधान मण्डल का विशेष सत्र आहूत किया गया।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। इसकी उद्देशिका के चार शब्दों न्याय, समता, स्वतंत्रता तथा बन्धुता में पूरे संविधान की आत्मा निहित है। संविधान सभी नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म, उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता आदि सुनिश्चित करता है। इसमें एक ओर मानव की गरिमा और सुरक्षा की गारंटी है, वहीं दूसरी ओर नागरिकों के लिए कर्तव्य भी निर्धारित किये गये हैं। भारत जैसे विशाल लोकतंत्र के लिए यह आवश्यक है कि अधिकारों के साथ कर्तव्यों की भी व्यवस्था हो।
मुख्यमंत्री ने अनुच्छेद 370 तथा 35 ‘ए’ को निरस्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बाबा साहब डॉ0 भीमराव आम्बेडकर की असहमति के बाद भी संविधान में अनुच्छेद 370 जोड़ दिया गया। जिसके बारे में बाबा साहब का मानना था कि यह अनुच्छेद कश्मीर में अलगाववाद का कारण बनेगा। कश्मीर से एक वर्ग को पलायन करना पड़ा। वह आंतकवाद की शरणगाह बन गया। भारत में पारित कानून जम्मू और कश्मीर में लागू नहीं होते थे। देश में ‘एक विधान, एक निशान’के लिए डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को बलिदान देना पड़ा। 563 रियासतों को एक सूत्र में पिरोकर आधुनिक भारत का निर्माण करने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल को याद करते हुए उन्होंने कहा कि पटेल जी का कहना था कि अनुच्छेद 370 वही हटा सकेगा, जिसके कलेजे में दम होगा।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू और कश्मीर प्रकरण पर भारत को पूरी दुनिया में अभूतपूर्व समर्थन प्राप्त हुआ। गृह मंत्री जी ने कहा है कि जम्मू और कश्मीर ही नहीं पाक अधिकृत कश्मीर भी भारत का हिस्सा है। जम्मू और कश्मीर की विधान सभा में पाक अधिकृत कश्मीर स्थित निर्वाचन क्षेत्रों के लिए स्थान रिक्त हैं और भारत उसे लेकर रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू और कश्मीर के पूरी तरह से भारत गणराज्य का हिस्सा बन जाने से उसके तीव्र विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लिए यह वर्ष कई मायनों में बहुत महत्वपूर्ण रहा है। वर्ष के प्रारम्भ में प्रयागराज कुम्भ-2019 का दिव्य व भव्य आयोजन सम्पन्न हुआ। इस आयोजन ने स्वच्छता, सुरक्षा और सुव्यवस्था के लिए वैश्विक मंच पर एक नई पहचान बनायी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधान मण्डल द्वारा कुछ नये ऐतिहासिक कदम उठाए गये हैं, जो भविष्य में उदाहरण बनेंगे। विधान मण्डल का विशेष सत्र आहूत कर इसमें 36 घण्टे तक लगातार संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा तय किये गये 17 सतत विकास लक्ष्यों पर चर्चा की गयी है।