स्वाधीनता आन्दोलन में कानपुर की महत्वपूर्ण भूमिका- आनंदीबेन पटेल

आज राजभवन से उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के क्षेत्रीय कार्यालय कानपुर के नये निर्मित होने वाले भवन का ऑनलाइन शिलान्यास करते हुए आनंदीबेन पटेल कहा

Newstrack
Published on: 16 Oct 2020 12:13 PM GMT
स्वाधीनता आन्दोलन में कानपुर की महत्वपूर्ण भूमिका-  आनंदीबेन पटेल
X
स्वाधीनता आन्दोलन में कानपुर की महत्वपूर्ण भूमिका- आनंदीबेन पटेल (Photo by social media)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि देश के स्वाधीनता आन्दोलन में कानपुर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसे उत्तर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी भी कहा जाता है।

ये भी पढ़ें:सीतापुर (यूपी): योगी सरकार ने जब्त की गैंगस्टर शाहजहां की सम्पत्ति, भवन सील

आज राजभवन से उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के क्षेत्रीय कार्यालय कानपुर के नये निर्मित होने वाले भवन का ऑनलाइन शिलान्यास करते हुए कहा कि कानपुर में विश्वविद्यालय का अपना क्षेत्रीय कार्यालय भवन बन जाने से उस क्षेत्र के विद्यार्थियों को सुविधा हो जायेगी। यह नगर सूती वस्त्र, ऊनी वस्त्र और जूट की मिलों के रूप में प्रसिद्ध रहा है। प्लास्टिक उद्योग, इंजीनियरिंग तथा इस्पात के कारखानों, बिस्कुट आदि बनाने के कारखाने पूरे जनपद में लगे हुए हैं। यहां बड़े उद्योगों के साथ छोटे-छोटे अनेक कल-कारखानें स्थापित हैं।

इन कारखानों में लाखों लोग काम करते हैं

उन्होंने कहा कि इन कारखानों में लाखों लोग काम करते हैं। वे लोग काम के साथ अपनी पढ़ाई भी करना चाहते हैं तो उनके लिए उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय एक वरदान साबित हो सकता है।

anandiben-patel anandiben-patel (Photo by social media)

उन्होंने कहा कि समाज का एक ऐसा वर्ग है, जो घरेलू दिनचर्या या व्यावसायिक व्यस्तताओं के कारण कक्षाओं में नियमित अध्ययन नहीं कर सकता, वह मुक्त विश्वविद्यालय के माध्यम से गुणात्मक शिक्षा ग्रहण कर सकता है।

शिक्षा के सभी स्तरों पर वंचित समूहों की समान सहभागिता सुनिश्चित की गयी है

राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षा के सभी स्तरों पर वंचित समूहों की समान सहभागिता सुनिश्चित की गयी है एवं उनमें विशेष रूप से वंचित महिलाओं की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिसमें पहला कदम शिक्षा में बालिकाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए जेन्डर समावेशी फण्ड की व्यवस्था की गयी है।

नई शिक्षा नीति सबके लिए आसान पहुंच, समानता, गुणवत्ता और जवाबदेही के आधारभूत स्तंभों पर निर्मित है

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति सबके लिए आसान पहुंच, समानता, गुणवत्ता और जवाबदेही के आधारभूत स्तंभों पर निर्मित है। इस शिक्षा नीति में प्रत्येक विद्यार्थी में रचनात्मक सोच, तार्किक निर्णय और नवाचार की भावना को प्रोत्साहित कर, उसमें निहित अद्वितीय क्षमताओं को सामने लाना है।

ये भी पढ़ें:Bihar Election: 20 अक्टूबर से CM योगी करेंगे ताबड़तोड़ रैलियां, यहां देखें पूरा शेड्यूल

राज्यपाल ने उच्च शिक्षण संस्थाओं से अपेक्षा व्यक्त करते हुए कहा कि गुणवत्तापूर्ण ई-पाठयवस्तु क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षकों द्वारा विकसित किए जाएं। उच्चतर शिक्षा प्रणाली में शिक्षण तथा पठन-पाठन ऐसा होना चाहिए, जो विद्यार्थियों में अन्वेषण, समाधान, तार्किकता और रचनात्मकता विकसित करें।

कार्यक्रम में की इन्होने शिरकत

कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डा दिनेश शर्मा का वीडियो संदेश भी प्रसारित किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह, अनेक विद्वतजन एवं शिक्षक भी आनलाइन जुड़े हुए थे।

श्रीधर अग्निहोत्री

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story