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पीजीआई के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन ने कह दी ये बड़ी बात

देश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के दीक्षांत समारोह में एमडी के 22, डीएम के 34, एमसीएच के 18, पीएचडी के 6, पीडीसीसी के 28, एमएचए के 6 तथा बीएससी नर्सिंग के 33 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की।

Aditya Mishra
Published on: 31 Aug 2019 8:26 PM IST
पीजीआई के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन ने कह दी ये बड़ी बात
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लखनऊ: प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के दीक्षांत समारोह में एमडी के 22, डीएम के 34, एमसीएच के 18, पीएचडी के 6, पीडीसीसी के 28, एमएचए के 6 तथा बीएससी नर्सिंग के 33 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की।

राज्यपाल ने आउट स्टैडिंग रिसर्च इनवेस्टीगेटर के प्रोफेसर एस0आर0 नाईक अवार्ड से डॉ. संजय बिहारी को, एक्सीलेंस इन रिसर्च के प्रोफेसर एसएस अग्रवाल अवार्ड से डा सुव्रत आर्य को तथा बेस्ट डीएम स्टूडेन्ट के प्रोफेसर आरके शर्मा अवार्ड से डॉ सुव्रत आर्य और डॉ. कृष्ण कुमार को संयुक्त रूप से सम्मानित किया।

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राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में केन्द्रीय विद्यालय के 40 बच्चों को विशेष आमंत्रित के रूप में बुलाया था ताकि बच्चे बड़े संस्थान देखें और नये सपने देखकर आगे बढ़ने की प्रेरणा लें।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने दीक्षांत उद्बोधन में उपाधि प्राप्त करने वाले चिकित्सकों को गरीब और कमजोर वर्ग तथा ग्रामीण क्षेत्र के निवासियों को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिये ग्रामीण क्षेत्रों एवं मलिन बस्तियों में स्वास्थ्य कैम्प लगाने का आह्वान किया।

चिकित्सक दूर-दराज के गांवों में सेवा नहीं करना चाहते

चिकित्सक कम से कम दो वर्ष अपनी सेवायें ग्रामीण क्षेत्रों में प्रदान करें। चिकित्सक दूर-दराज के गांवों में सेवा नहीं करना चाहते। जो चिकित्सक अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिये विदेश जाते हैं उन्हें अपनी मातृभूमि के साथ बंधन बनाये रखना चाहिये क्योंकि देश ने उनकी शिक्षा पर निवेश किया है।

सामाजिक उत्तरदायित्व को समझते हुये गांव-गांव तक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करायें। स्वस्थ व्यक्ति ही देश के विकास में अपना योगदान दे सकता है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में अनुसंधान पर निरन्तर ध्यान दिया जाना चाहिए।

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राज्यपाल ने संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान की सराहना करते हुये कहा कि प्रदेश की जनता संस्थान से उच्चकोटि की चिकित्सा सेवाओं की अपेक्षा करती है।

चिकित्सा सेवा में मानवीयता के उच्चतम मापदण्ड अपनायें। रोगी के स्वस्थ होने के लिये चिकित्सक का सहृदय होना आवश्यक है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगले तीन वर्षों में 75 नये कालेजों के खोलने का निर्णय लिया है तथा राज्य सरकार ने भी प्रदेश में 14 नये मेडिकल कालेज खोलने के प्रस्ताव भेजे हैं।

सामाजिक सरोकार से संबंधित कार्यों में भी सहभागी बने

राज्यपाल ने कहा कि दैनिक जीवन में कुछ समय निकालकर सामाजिक सरोकार से संबंधित कार्यों में सहभागी बनें। आसपास के गरीब बच्चों को पढ़ाई के लिये प्रेरित करें, उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखें, स्वच्छता का ध्यान रखें, पौधे रोपित करें, प्लास्टिक का कम प्रयोग करें, पानी का कम से कम प्रयोग कर जल संरक्षण पर ध्यान दें आदि ऐसे अनेक सामाजिक कार्य हैं, जिनको करने से जहां आपको आत्म-संतोष होगा तो वहीं आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ पर्यावरण भी उपलब्ध होगा।

उन्होंने कहा कि जब स्वच्छ वातावरण होगा तो बीमारियाँ भी कम होंगी। दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन आवश्यक कार्य होने के कारण समारोह में सम्मिलित नहीं हो पाये थे। उन्होंने नई दिल्ली से अपना शुभकामना संदेश का वीडियो प्रेषित किया जिसे समारोह में प्रसारित किया गया।

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