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डरना छोड़ दें बेटियां: अब मनचले होंगे जेल में, अपराध से निपटेगी महिला पुलिस

राज्यपाल ने कहा कि समाज में अपराधी एवं विकृत प्रवृत्ति के भी लोग हैं जिन्हें अपराध करने में संतोष मिलता है। छात्राओं को स्कूल जाते समय परेशान किया जाता है। ऐसे लोगों के कारण महिलाएं परिवार में भी स्वयं को सुरक्षित महसूस नहीं करती।

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Published on: 17 Oct 2020 1:06 PM GMT
डरना छोड़ दें बेटियां: अब मनचले होंगे जेल में, अपराध से निपटेगी महिला पुलिस
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डरना छोड़ दें बेटियां: अब मनचले होंगे जेल में, अपराध से निपटेगी महिला पुलिस

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ रहे हैं। ऐसे में समाज का दायित्व बढ़ जाता है। महिलाओं के लिये संचालित योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन नहीं होगा तो वे अपना महत्व खो देंगी। महिलाएं जब तक सामाजिक एवं आर्थिक रूप से दूसरों पर निर्भर रहेंगी तब तक उनका उत्पीड़न होता रहेगा। महिलाओं को सशक्त बनना होगा।

आपराधिक लोगों को चिन्हित कर अपराध करने से पूर्व ही रोकें

राज्यपाल ने कहा कि समाज में अपराधी एवं विकृत प्रवृत्ति के भी लोग हैं जिन्हें अपराध करने में संतोष मिलता है। छात्राओं को स्कूल जाते समय परेशान किया जाता है। ऐसे लोगों के कारण महिलाएं परिवार में भी स्वयं को सुरक्षित महसूस नहीं करती। उन्होंने कहा कि पुलिस ऐसे लोगों को चिन्हित कर अपराध करने से पूर्व ही रोके। आज राजभवन से सेफ सिटी परियोजना का शुभारम्भ करते हुए 100 पिंक पेट्रोल स्कूटी एवं 10 चार पहिया महिला पुलिस वाहनों को झण्डी दिखाकर रवाना किया। निर्भया फण्ड से अनुदानित ‘सेफ सिटी परियोजना’ के लिए चयनित देश के 8 महानगरों में लखनऊ भी सम्मिलित है।

कई महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी नहीं- राज्यपाल

राज्यपाल ने कहा कि सेफ सिटी परियोजना 180 दिन चलने वाला अभियान है जिसके तहत पुलिस सहित सभी विभाग केन्द्रीकृत होकर महिला हितों के लिये कार्य करेंगे। राज्यपाल ने कहा कि महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारियाँ ही नहीं होती है। महिलाओं को अपने क्षेत्र के थानों एवं स्थानीय अधिकारियों का भी पता नहीं होता है।

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जब महिलाएं एवं बेटियाँ पुलिस और थाने से डरेंगी तो सुरक्षा की भावना कैसे विकसित होगी। पुलिस एवं अन्य विभाग के अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में जाकर महिलाओं, विद्यालय की छात्राओं एवं शिक्षिकाओं तथा स्वयं सेवी महिला सगठनों से मिलकर महिलाओं के कल्याणार्थ चलायी जा रही योजनाओं एवं उनके अधिकारों की जानकारी देनी चाहिए, तब सकारात्मक परिणाम सामने आयेंगे। यह समाज के सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है।

शिक्षण संस्थानों का दायित्व प्रवेश, शिक्षण, परीक्षा एवं परिणाम तक ही नहीं

राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों का दायित्व केवल प्रवेश, शिक्षण, परीक्षा एवं परिणाम तक सीमित नहीं होना चाहिए। बेटियों सुरक्षित हैं कि नहीं, उन्हें अधिकारों की जानकारी है या नहीं, इस पर भी चर्चा होनी चाहिए। छात्राओं को उनके स्वास्थ्य, स्वच्छता, सुरक्षा, पोषण, आत्मनिर्भरता, विवाह पश्चात स्वयं एवं परिवार के बारे में भी जानकारी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्राओं एवं बच्चों को थानों में भी बुलाया जाये और उन्हें आवश्यक जानकारियों तथा विषम परिस्थितियों से निपटने का प्रशिक्षण दिया जाये।

श्रीमती पटेल ने कहा कि पुलिस विभाग के सभी स्तर के अधिकारियों का समय-समय पर प्रशिक्षण होना चाहिए। अद्यतन ज्ञान एवं कुशलता से पूर्ण होने पर ही वांछित परिणाम मिलेंगे। प्रदेश को अपराध एवं भयमुक्त करने के लिये जो लक्ष्य आपने निर्धारित किये हैं वह प्राप्त करने होंगे। आपके क्षेत्र में कोई घटना न हो, ऐसा संकल्प प्रत्येक पुलिसकर्मी को लेना होगा। उन्होंने कहा कि साधनों का सदुपयोग समाज एवं जनता के हित में करना चाहिए।

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हमें बेटा और बेटी का अंतर मिटाना होगा

महिला कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह ने कहा कि संविधान में महिलाओं को बराबरी का अधिकार मिला है। समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान का भाव जागृत करें। हमें बेटा और बेटी का अंतर मिटाना होगा। हमें अपने बेटों को बेटी का सम्मान करने की शिक्षा देना होगी। लड़की को बेटी, बहन, मां एवं पत्नी के रूप में केटेगराइज न कर, सभी का सम्मान करें।

श्रीमती स्वाती सिंह ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के लिये चलायी जा रही विधना पेंशन योजना, कन्या सुमंगला योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ तथा 181 वन स्टाप योजना, 1090, 112 का भी उल्लेख किया।

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थानों में महिला डेस्क स्थापित होगा

पुलिस महानिदेशक एच0सी0 अवस्थी ने कहा कि उत्तर प्रदेश विशाल प्रदेश है। पुलिस के साथ-साथ लोगों को भी जागरूक कर भयमुक्त वातावरण बनाने का प्रयास किया जायेगा। मिशन शक्ति अभियान के माध्यम से महिला अपराध के दुराचारियों की पहचान उजागर करना, थानों में महिला डेस्क स्थापित करना, नुक्कड़ नाटक के माध्यम से सामाजिक स्थलों में जन जागरूकता बढ़ायी जायेगी। उन्होंने कहा कि पिंक पेट्रोल वाहनों को प्रदेश के अन्य जनपदों में भी लागू किया जायेगा।

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महिला अपराध से निपटेगी महिला पुलिस

अपर पुलिस महानिदेशक महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन उत्तर प्रदेश श्रीमती नीरा रावत ने सेफ सिटी परियोजना के अंतर्गत लखनऊ में प्रारम्भ की गयी पिंक पेट्रोल योजना के प्रकाश डालते हुए बताया कि इसमें केन्द्र सरकार द्वारा 60 प्रतिशत तथा राज्य सरकार द्वारा 40 प्रतिशत व्यय वहन किया जायेगा। लखनऊ में 100 दो पहिया तथा 10 चार पहिया महिला वाहन लखनऊ में संचालित किये जायेंगे जो रेडिया संचार तथा 112 सुविधा से जुड़े हैं। इन वाहनों को फस्र्ट एड किट, फ्लैशर लाइट तथा सुविधाओं से युक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के नेतृत्व में महिला अपराध से महिला पुलिस निपटेगी, जिससे महिलाएं सुरक्षित महसूस करेंगी।

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