×

परचून का सामान महंगा, गाँव मे सब्जी की नही कोई दिक्कत

देशव्यापी लॉकडाउन में शहरी इलाकों में तो सख्ती है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में अभी तक अफसरों की निगाह नहीं पहुंची है। वहां छोटे-छोटे दुकानदार भी अलग-अलग बातें बनाकर अधिक कीमत वसूलने में लगे हैं।

Vidushi Mishra
Published on: 1 April 2020 9:06 AM GMT
परचून का सामान महंगा, गाँव मे सब्जी की नही कोई दिक्कत
X

अजय मिश्रा

कन्नौज। देशव्यापी लॉकडाउन में शहरी इलाकों में तो सख्ती है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में अभी तक अफसरों की निगाह नहीं पहुंची है। वहां छोटे-छोटे दुकानदार भी अलग-अलग बातें बनाकर अधिक कीमत वसूलने में लगे हैं। जिस वजह ग्रामीण इलाकों में रहने वालों को परेशानी हो रही है।

ये भी पढ़ें…मजदूरों का पलायन रोके सरकार, डर भगाने के लिए भजन-कीर्तन भी कराएं: सुप्रीम कोर्ट

जिला मुख्यालय से लगे मुख्य मार्गों के निकट बसे गांवों में दैनिक वस्तुओं की खाद्य सामग्री की दिक्कत दिखी। खरीदारों का कहना है कि महंगे दामों में बिक्री हो रही है। सदर तहसील के मानीमऊ और उसके आसपास के गांव उदैतापुर, नेरा आदि के लोगों की शिकायत है कि उन्हें परचून की दुकानों में चीजें महंगी मिल रही हैं।

शक्कर को लेकर ज्यादा शिकायत मिली। लोगों ने कहा कि यहां 55 से 60 रुपए किलो शक्कर मिल रही है। सरसों का तेल भी डेढ़गुना कीमत पर बिक रहा है। सवाल करने पर दुकानदारों का जवाब होता है कि वह खुद ही महंगा लेकर आए हैं। न लेना हो तो शहर से खरीदो।

यही नहीं नहाने और कपड़ा धोने का साबुन भी प्रिंट रेट से ज्यादा कीमत पर मिल रहा है। हालांकि उदैतापुर में प्राइमरी स्कूल के पास की परचून के सामान की गुमटी रखी थी। वहां दुकानदार ने आरोपों को गलत बताया। कहा जो शिकायत कर रहा है, उसे सामने लाओ।

गाँव मे सब्जी में शिकायत नहीं, विक्रेता ही परेशान

तहसील सदर में करीब 450 पास यहां से ही जारी हुए हैं। जिला मुख्यालय से करीब छह किमी दूर सोमवार को दोपहर करीब एक बजे उदैतापुर से मानीमऊ की ओर सब्जियों की ठेली ले जा रहे अकील ने बताया कि हर रोज व तीन-चार गांव में सब्जियों की बिक्री करने जाते हैं।

ये भी पढ़ें…कन्फर्म: तलाक के बाद फिर साथ रहने लगे ऋतिक-सुजैन, पापा राकेश ने बताई वजह…

अधिकारियों ने पास खूब बना दिए, जिससे एक-एक गांव में तीन-तीन ठेली तक पहुंच रही हैं। सब्जियों के महंगे होने की बात पर वह कहते हैं कि वह तो सस्ती बेच रहे हैं, कोई भी ले ले।

अकील ने बताया कि प्याज 30 रुपए व टमाटर 20 रुपए में ही बिक्री कर रहे हैं। आगे बढ़ने पर मुख्य मार्ग स्थित एक पेड़ की छांव के नीचे फल विक्रेता आराम कर रहा था। कोई भी खरीदार नहीं दिखा।

बच्चों के लिए खरीदे ठेली से फल

सुल्तनापुर गांव में फल की ठेली लेकर गुजरे युवक को कुछ ग्रामीणों ने रोका और फलों के रेट लिए। विक्रेता ने संतरा 40 व अंगूर 60 रुपए प्रति किलो बताए। निकट खड़े एक ग्रामीण ने एक किलो संतरा व 250 ग्राम अंगूर भी खरीदे।

गुखरू गांव में एक पक्के मकान के बाहर सब्जी की ठेली लगी थी। वहां खड़े युवक से पूछा कि कैसी है बिक्री तो बताया सन्नाटा है भैया। पूछा महंगी बेच रहे इसलिए तो नहीं। खिड़की से झांक रहीं महिलाएं बोली, इनकी सब्जी तो बिक गई है। दोपहर की वजह से सन्नाटा है। बची हुई सब्जियां शाम को खत्म हो जाएंगी।

प्रशासन से नहीं कोई मदद

उदैतापुर गांव में लोगों ने कहा कि यहां मदद के लिए प्रशासन से कोई नहीं आया है। यहां कई जरूरतमंद हैं, जिन्हें अफसरों को मदद करनी चाहिए। लेकिन अब तक किसी तरह की मदद नहीं पहुंची है।

क्या बोले ग्रामीण

गुखरू निवासी सेवाराम ने बताया कि परचून के सामान पर अधिक महंगाई है। सरसों का तेल जो 100-110 रुपए किलो मिलता रहा, दुकानदार अब 150 रुपए किलो दे रहे हैं। ब्लॉक कन्नौज क्षेत्र के गुखरू निवासी मुकेश चंद्र ने बताया कि ठेली पर बिक रही साग-सब्जी भी महंगी हो गई है। हालांकि गांव में मिल जाती है, बाहर नहीं जाना पड़ता।

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

Next Story