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Gyanvapi Case Update: मुस्लिम पक्ष को हाईकोर्ट से बड़ा झटका, ज्ञानवापी में जारी रहेगा ASI सर्वे, DM ने दिया ताजा अपडेट

Gyanvapi Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरूवार (03 अगस्त) को ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) सर्वे पर अपना फैसला सुना दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि एएसआई सर्वे जारी रहेगा।

Jugul Kishor
Published on: 3 Aug 2023 8:30 AM IST (Updated on: 3 Aug 2023 2:22 PM IST)
Gyanvapi Case Update: मुस्लिम पक्ष को हाईकोर्ट से बड़ा झटका, ज्ञानवापी में जारी रहेगा ASI सर्वे, DM ने दिया ताजा अपडेट
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Gyanvapi Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरूवार (03 अगस्त) को ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) सर्वे पर अपना फैसला सुना दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि एएसआई सर्वे जारी रहेगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला अदालत के आदेश को बरकरार रखा। साथ ही मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है। मुस्लिम पक्ष ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देंगे। फैसले के बाद वाराणसी में ASI टीम और जिला प्रशासन की मीटिंग हुई। जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने बताया कि कल यानी शुक्रवार से दोबारा सर्वे शुरू होगा।

मुस्लिम पक्ष की दलील

बता दें कि ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे कराए जाने के जिला अदालत के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने 21 जुलाई को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिस पर चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की सिंगल बेंच ने सुनवाई पूरी होने के बाद 27 जुलाई को आदेश सुरक्षित कर लिया था और आदेश आने तक एएसआई के सर्वे पर रोक लगा दी थी। सुनवाई के दौरान एसएसआई सर्वे टीम ने कोर्ट को बताया का कि सर्वेक्षण के दौरान ज्ञानवापी परिसर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।

हिंदू पक्ष की दलील

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन और सौरभ तिवारी ने कोर्ट को बताया कि एएसआई सर्वे के माध्यम से वह ज्ञानवापी की सच्चाई को सभी के सामने लाना चाहते हैं। एएसआई सर्वे होने से सच्चाई सामने आ जाएगी। सुनवाई के दौरान प्रदेश के महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्र ने कहा था कि याचिका में राज्य सरकार पक्षकार तो नहीं है, लेकिन सर्वेक्षण होने की दशा में कानून व्यवस्था संभालने को राज्य सरकार तैयार है।

जिला अदालत ने दिया था एएसआई सर्वे कराने का आदेश

वाराणसी की जिला अदालत ने गुजरी 21 जुलाई को ज्ञानवापी परिसर में वुजूखाना व शिवलिंग छोड़कर अन्य क्षेत्र के एएसआई सर्वे का निर्देश दिया था। इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष की याचिका पर 24 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर 26 जुलाई तक रोक लगाते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने की सलाह दी थी।

क्या है ज्ञानवापी विवाद?

ज्ञानवापी का ताजा विवाद मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देवी-देवताओं की रोज पूजा के अधिकार की मांग के बाद खड़ा हुआ। ये मूर्तियां ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हैं। इस विवाद की शुरुआत 18 अगस्त 2021 को हुई थी, जब 5 महिलाओं ने श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजन और दर्शन की मांग को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

ज्ञानवापी मामले का जल्द से जल्द हो निस्तारण : शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती

जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि ज्ञानवापी मामले का जल्द से जल्द निपटारा हो ताकि सनातनी हिंदुओं को अपने महादेव का जलाभिषेक करने का अवसर प्राप्त हो। डुमराव बाग कालोंनी अस्सी स्थित काशी सुमेरुपीठ आश्रम में अपने भक्तों को संबोधित करते हुए शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हाल ही में जो बयान दिया है कि ज्ञानवापी भगवान शंकर की पवित्र स्थली है और इसे कोई भी देख कर बता सकता है। उसका हम समर्थन करते हैं और इसका जल्द से जल्द फैसला हो हम यही कामना करते हैं।

उन्होंने कहा कि सनातनी हिंदू हमेशा शांति और सद्भाव का संदेश देने का कार्य करता आ रहा है और आगे भी करता रहेगा। लेकिन, सनातन हिंदुओं के आराध्य भगवान शंकर की नगरी काशी और भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा जन्मभूमि हिंदुओं को सम्मान पूर्वक दिया जाए ताकि वह अपने आराध्य का पूजन अर्चन कर सकें। स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि हम यह चाहते हैं कि ज्ञानवापी मामले का हल शांति और सद्भाव से हो जाए और इसकी जो सत्यता है उसे देश के मुस्लिम वर्ग भी स्वीकार करे।

Jugul Kishor

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