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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी परिसर में होगी वजू, बैठक में सहमति, सील क्षेत्र में बरकरार रहेगी यथास्थिति, कोर्ट में सुनवाई
Gyanvapi Case: वाराणसी का चर्चित ज्ञानवापी मस्जिद विवाद एक बार फिर खबरों में है। इस विवाद से जुड़े एक अहम मामले पर आज यानी बुधवार 19 अप्रैल को वाराणसी कोर्ट में सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग की पूजा और राज-भोग करने का अधिकार कोर्ट से मांगा है। उनकी ओर से यह याचिका बीते साल 4 जून 2022 को ही दायर की गई थी।
Gyanvapi Case: ज्ञानवापी परिसर में वजू की व्यवस्था पर सहमति बन गई है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद वाराणसी के जिलाधिकारी एस राजलिंगम की अगुवाई में हुई बैठक में ज्ञानवापी परिसर में ही वजू की व्यवस्था करने का फैसला किया गया। ज्ञानवापी परिसर में सील किए गए पुराने क्षेत्र में यथास्थिति बनी रहेगी। मुस्लिम पक्ष के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के जिलाधिकारी को बैठक बुलाकर ज्ञानवापी परिसर में वजू के इंतजाम के संबंध में आम सहमति से समाधान निकालने का निर्देश दिया था।
इस बीच ज्ञानवापी परिसर में पूजा और राग-भोग के अधिकार से संबंधित मामले की आज सुनवाई होगी। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इस बाबत पिछले साल 4 जून को याचिका दाखिल की थी। इस मामले को लेकर सिविल जज सीनियर डिविजन कुमुद लता त्रिपाठी की अदालत में बहस होगी।
डीएम की बैठक में हुआ बड़ा फैसला
जिलाधिकारी एस राजलिंगम मंगलवार को दोपहर बाद ज्ञानवापी परिसर में पहुंचे। यहां उन्होंने अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के पदाधिकारियों, विश्वनाथ मंदिर प्रशासन के अफसरों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में फैसला लिया गया कि ज्ञानवापी परिसर में सील किए गए वजूखाने के पास ही पुराने बाथरूम को तोड़कर उसे शौचालय के रूप में बदला जाएगा। शौचालय के ऊपर पानी की टंकी रखने और पाइप व टोटी के सहारे वजू की व्यवस्था करने का फैसला लिया गया। इसके साथ ही यह भी फैसला लिया गया कि ज्ञानवापी परिसर में सील किए गए पुराने क्षेत्र में यथास्थिति बनी रहेगी।
बैठक के बाद जिलाधिकारी ने बताया कि ज्ञानवापी परिसर में वजू के संबंध में दोनों पक्षों की सहमति से फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि पूरा मामला अदालत में विचाराधीन है और कोर्ट को इस संबंध में फैसले से अवगत करा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वैसे अभी तक बैठक के संबंध में कोर्ट का कोई लिखित आदेश हमें प्राप्त नहीं हुआ है।
मुस्लिम पक्ष पहुंचा था सुप्रीम कोर्ट
बैठक के बाद अंजुमन इंतजामिया कमेटी के संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने कहा कि वजू करने में आ रही दिक्कतों को लेकर हमने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। इस पर चीफ जस्टिस ने वाराणसी के जिला प्रशासन को वजू करने में आ रही समस्याओं का हल निकालने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान कई बातों को लेकर सहमति बनी है। अब सुप्रीम कोर्ट की ओर से जो व्यवस्था बनाई जाएगी, हम उस व्यवस्था पर पूरी तरह सहमत रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के दौरान एक फव्वारानुमा आकृति मिली थी। हिंदू पक्षकारों की ओर से इसे शिवलिंग बताते हुए बड़ा दावा किया गया था। इसी दावे के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने वजूखाने का पूरा परिसर सील करने का आदेश दिया था। परिसर सील होने के कारण नमाजियों की ओर से वजू के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की मांग उठाई थी। इसी मांग को लेकर मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के जिलाधिकारी को बैठक बुलाकर आम सहमति से फैसला लेने का निर्देश दिया था।
ज्ञानवापी मामले में आज होगी सुनवाई
दूसरी ओर ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग की पूजा और राग-भोग के अधिकार के संबंध में आज अदालत में सुनवाई होनी है। इस बाबत शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से दायर याचिका में पूजा-पाठ, राग-भोग और आरती की अनुमति देने की मांग की गई है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस बाबत पिछले साल 4 जून को याचिका दाखिल की थी।
इस याचिका में कहा गया है कि ज्ञानवापी परिसर में वजूखाने वाली जगह पर जो आकृति मिली है, वह आदि विश्वेश्वर का सबसे पुराना शिवलिंग है। इसलिए उनका नियमित पूजन किया जाना जरूरी है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की इस याचिका पर सिविल जज सीनियर डिविजन कुमुद लता त्रिपाठी की अदालत में बहस होगी।