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Gyanvapi Survey Update: ASI सर्वे को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई जारी, शाम तक आ सकता है बड़ा फैसला
Gyanvapi Survey Update: कल सुनवाई के दौरान कोर्ट में दोनों पक्ष अपनी अपनी दलीलें रखी। वहीं कोर्ट में मुस्लिम पक्ष बार बार सर्वे रोकने की मांग करता रहा।
Gyanvapi Survey Update: ज्ञानवापी सर्वे को लेकर वैज्ञानिक सर्वे कराने के वाराणसी जिला अदालत के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष के द्वारा हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई चल रही है।आज भी इसपर सुनवाई जारी रहेगी। कल सुनवाई के दौरान कोर्ट में दोनों पक्ष अपनी अपनी दलीलें रखी। वहीं कोर्ट में मुस्लिम पक्ष बार बार सर्वे रोकने की मांग करता रहा।
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एएसआई सर्वे को लेकर मस्जिद इंतजामिया कमेटी की ऐतिहासिक संरचना ध्वस्त होने की आशंका एएसआई के आश्वासन पर उसे भरोसा नहीं होने पर चीफ जस्टिस की मौखिक टिप्पणी “जब आप किसी पर भरोसा नहीं करते हैं तो फैसले पर कैसे भरोसा करेंगे।” सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एएसआई को भी पार्टी बनाने के लिए कहा, जिस पर विष्णु शंकर जैन की तरफ से पक्ष रखा गया कि एक्सपर्ट का काम ओपिनियन देना होता है। वाद में उसका कोई अधिकार नहीं होता। कोर्ट में एएसआई के निदेशक ने हलफनामा दिया कि सर्वे से भवन को कोई नुकसान नहीं होगा और ना ही उस जगह का कोई भी निर्माण हटाया जाएगा। चीफ जस्टिस प्रितिंकर दिवाकर की खंडपीठ की कोर्ट आज भी सुनवाई करेगी। आज शाम तक सर्वे को लेकर फैसला आ सकता है।
मुस्लिम पक्ष की दलील सर्वे से हो सकता है मस्जिद को गंभीर नुकसान
मस्जिद इंतजामिया कमेटी के अधिवक्ता एमएस नकवी ने आशंका जताई कि वैज्ञानिक सर्वे से ढांचे को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। जब हाईकोर्ट वैज्ञानिक सर्वे के फैसले को सुरक्षित रखा है तो लोअर कोर्ट को वैज्ञानिक सर्वे की इजाजत का कोई औचित्य नहीं है। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि राम जन्म भूमि के मामले में फैसले की परिस्थितियां अलग थी। राम जन्मभूमि का उदाहरण ज्ञानवापी के मामले में नहीं दिया जा सकता है, जिस ज्ञानवापी मस्जिद के नीचे मंदिर होने की बात की जा रही है वह मनगढ़ंत है। हिंदू पक्ष की यह कल्पना की पश्चिमी दीवार और मस्जिद के ढांचे के नीचे कुछ मौजूद है कल्पना के आधार पर एसआई सर्वे की इजाजत नहीं दी जा सकती। मुस्लिम पक्ष के द्वारा जिला जज के द्वारा एएसआई सर्वे का आदेश देना गैरकानूनी बताया गया है।